पॉलिटॉक्स ब्यूरो. जयपुर में हुई कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की युवा आक्रोश रैली को लेकर पहले से हमलावर भारतीय जनता पार्टी ने रैली के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी और जमकर हमला बोला. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राहुल गांधी की रैली पर मंगलवार सुबह से ही हमलावर नजर आईं. राजे ने पहला ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘जयपुर में आयोजित कांग्रेस की ‘युवा आक्रोश रैली’ का विषय काफी हद तक ठीक ही है, क्योंकि कांग्रेस सरकार पिछले एक साल में #Rajasthan के युवाओं से किए अपने एक भी वादे पर खरी नहीं उतर पाई है, ऐसे में राज्य सरकार के खिलाफ युवाओं में आक्रोश चरम पर है.’
पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने राहुल की रैली ओर निशाना साधते हुए 5 ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने रैली को बेहद हास्यास्पद मनोरंजक बताते हुए कहा कि सभी को उम्मीद थी कि रैली के माध्यम से राहुल गांधी आज राजस्थान के युवाओं से किए अपने वादों पर शायद कोई बड़ी घोषणा करके जाएंगे. लेकिन अफसोस, प्रदेश के युवाओं को साढ़े तीन हजार रु. बेरोजगारी भत्ता व किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी पर उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला.
सभी को उम्मीद थी कि रैली के माध्यम से राहुल गांधी आज #Rajasthan के युवाओं से किए अपने वादों पर शायद कोई बड़ी घोषणा करके जाएंगे। लेकिन अफसोस, प्रदेश के युवाओं को साढ़े तीन हजार रु. बेरोजगारी भत्ता व किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी पर उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला।#YuvaVirodhiCongress
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) January 28, 2020
वहीं पूर्व सीएम राजे ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारत को रेप कैपिटल कहने से पहले राहुल गांधी को एक बार राजस्थान में बेटियों के खिलाफ बढ़ते अपराध पर अध्ययन कर लेना चाहिए. क्या नामदार जी जानते हैं कि पिछले एक वर्ष में राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 50% की वृद्धि हो गई है.
भारत को रेप कैपिटल कहने से पहले राहुल गांधी को एक बार #Rajasthan में बेटियों के खिलाफ बढ़ते अपराध पर अध्ययन कर लेना चाहिए।
क्या नामदार जी जानते हैं कि पिछले एक वर्ष में राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 50% की वृद्धि हो गई है…#YuvaVirodhiCongress@BJP4Rajasthan
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) January 28, 2020
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने रैली के बाद प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए एक बार फिर राहुल गांधी पर जमकर व्यंग्य बाण छोड़े. सतीश पूनियां ने कहा कि सांस्कृतिक गानों और हास्य से भरपूर कांग्रेस की युवा आक्रोश रैली आज संपन्न हुई. देश के महान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज जयपुर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थान पर अपने चिरपरिचित अंदाज में ही, जैसी की प्रदेश की जनता को उम्मीद थी, रैली को सम्बोधित किया. पूनियां ने कहा राहुल गांधी हर दम कुछ ना कुछ आविष्कार करते है, कुछ अनूठा करते है. चुनाव इन दिनों दिल्ली में हो रहे है और रैली जयपुर में हो रही है. इतना राजनीतिक चातुर्य राहुल गांधी कैसे लाते है इस पर भी देश को शोध करने की जरूरत है.
पूनियां ने आगे व्यापारियों के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ व्यापारियों ने कहा थानों से पुलिसकर्मी आकर कह रहे हैं आपके कर्मचारी अल्बर्ट हॉल जानें चाहिएं और आज की दिहाडी भी आपको इन्हें देनी पडेगी. ऐसे कुछ विडियो भी आये हैं जिनमें विद्यार्थी कह रहे है ये जबरदस्ती लेकर जा रहे है. वहीं कालेजों पर विद्यार्थियों को जबरन भेजने के लिए सरकार ने दवाब बनाया. वहीं पूनियां ने कहा राहुल गांधी के भाषण से एक बात और पता चली कि पहले हम देश और हिंदुस्तान को एक मानते थे लेकिन आज पता चला अलग-अलग है. बता दें, रैली में भाषण के दौरान राहुल गांधी की जुबान फिसल गई थी और उन्होंने कहा, ‘देश के युवा में इतनी शक्ति है कि वो हिंदुस्तान तो क्या पूरे देश को बदल सकता है’. हालांकि उन्होंने अपनी बात में तुरन्त सुधार कर किया था.
वहीं दिल्ली चुनाव को लेकर पूनियां ने कहा या तो कांग्रेस चुनाव नहीं लड रही है या सीरियस नहीं लड रही है. कांग्रेस को दिल्ली में लोकप्रिय राहुल गांधी के भाषणों का पूरा उपयोग करके वहां सरकार बनाने की फिक्र करनी चाहिए थी. बे मौसम में जैसे बारिश आई वैसे राहुल गांधी जी यहां आये, ताज्जुब है कि दिल्ली में राहुल गांधी की प्रतिभा का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है. पूनियां ने कहा कांग्रेस इस तरह के सांस्कृतिक आयोजन करती रहेगी ताकि राजस्थान के लोग समय समय पर इस तरह के आयोजनों का लाभ लेती रहे.
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राहुल गांधी की रैली को फ्लॉप शो बताते हुए कहा कि शिक्षक संस्थाओं से जबरदस्ती विद्यार्थियों और कर्मचारियों को लाया गया. अफसोस इस बात का है कि युवा आक्रोश रैली में राहुल गांधी राजस्थान सरकार के एक भी कार्यक्रम की घोषणा नहीं कर पाए और ना ही किसी नवाचार के बारे में बताया. उनकी रैली केवल खोदा पहाड़ निकली चुहिया की कहावत को चरितार्थ करती है.