Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने में अब कुछ ही समय शेष है. इससे पहले तमाम राजनीतिक दल सियासी उधेड़बुन में लगे हैं. लेकिन सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के एक बयान ने यूपी की सियासत को गरमा दिया है. हमारे मुद्दों के साथ जो पार्टी होगी, हम उसका साथ देंगे और अगर बीजेपी इनका समर्थन करती है तो उसका भी स्वागत है. कल तक राजभर को बीजेपी एक फूटी आंख भी नहीं सुहाती थी उसी बीजेपी के साथ गठबंधन के बयान ने सभी को चौंका दिया है. हालांकि राजनीति में कब क्या हो जाए किसी को नहीं पता. क्योंकि की जिस तरह के बयान राजभर की तरफ से आ रहे हैं उससे ये साफ है कि शायद उन्होंने बीजेपी के साथ जाने का मन बना लिया है. लेकिन अगर ऐसा होता है तो असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM का क्या होगा. क्योंकि बीजेपी और ओवैसी की पार्टी दोनों की विचारधारा बिलकुल अलग है.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि, ’27 अक्टूबर को मऊ के हलधरपुर में एक बड़ी पंचायत का आयोजन किया जाएगा और इस पंचायत के दौरान यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सुभासपा के गठबंधन का भी एलान कर दिया जाएगा’. राजभर ने सबसे ज्यादा चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि, ‘हमारे मुद्दों के साथ जो पार्टी होगी, हम उसका साथ देंगे’.
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राजभर ने कहा कि, ‘मैंने समाजहित में मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने, स्नातकोत्तर तक एक समान फ्री शिक्षा, घरेलू बिजली बिल माफी, जातिवार जनगणना, पुलिस में बॉर्डर सीमा समाप्त, पुलिस में 8 घंटे ड्यूटी, साप्ताहिक छुट्टी, होमगार्ड, पीआरडी जवानों को पुलिस समान सुविधा लागू करने जैसी हमारी मांगे हैं और इसके साथ जो भी पार्टी जाने को तैयार होगा हम उसके साथ जाने को तैयार हैं. अगर भारतीय जनता पार्टी हमारा हमारी मांगो का समर्थन करती है तो उनका भी स्वागत है, क्योंकि राजनीति में संभावना हमेशा बानी रहती है कभी ख़त्म नहीं होती’.
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि, ‘अभी तक हमने सभी को बताया कि हमारी ताकत क्या है और अभी तक हम अपने मोर्चे की ताकत पैदा कर रहे थे जिसके तहत समझौते के लिए लखनऊ आये हैं’. राजभर ने कहा कि,’आगामी चुनाव के लिए जो भी बात करना चाहता है कर सकता, क्योंकि समाजहित में राजभर कोई भी कुर्बानी दे सकता है’. वहीं जब राजभर से पहले बीजेपी और मुख्यमंत्री पर तल्ख बयानबाजी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, ‘उस समय का दौर दूसरा था और आज दूसरा है’. तो वहीं गठबंधन को लेकर बीजेपी के किस नेता से बात होगी तो राजभर ने स्पष्ट शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि, ‘अगर बात होगी तो सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ होगी क्योंकि प्रदेश नेतृत्व से बात की गई तो उसका कोई रिजल्ट नहीं निकलेगा. इसीलिए हमने मिलकर यह तय किया है कि सीधे दल के मालिक से बात की जाए’.
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दरअसल सुभासपा बीजेपी के साथ आती है तो राजभर के बयान के अनुसार अगर उनकी बीजेपी से बात बानी है तो फिर हमारी ही पार्टी ही नहीं पूरा भागीदारी मोर्चा साथ आएगा. तो वहीं AIMIM और बीजेपी जैसे दो ध्रुवों के एक साथ आने के सवाल पर राजभर ने कहा कि, ‘मैं भी पहले बीजेपी का विरोधी था लेकिन अब मैं उनके साथ जाने को तैयार हूँ, ठीक वैसे ही ओवैसी से भी बात की जाएगी’. ओमप्रकाश राजभर के इन बयानों ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है. कुछ दिन पहले ओमप्रकाश राजभर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की मुलाक़ात ने इस बात का इशारा कर दिया था कि राजभर भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि, ‘ओमप्रकाश राजभर की बीजेपी के दिग्गज नेताओं से बात चल रही है. फिलहाल इस मामले में अभी तक ओवैसी की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है’.