Politalks.news/Rajasthan: विधानसभा में 17 फरवरी को गहलोत सरकार करेगी बजट पेश, जिसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तैयारियों में जुट गए हैं. राज्य बजट 2021-22 को अधिक समावेशी एवं आमजन की आकांक्षाओं के अनुरूप बनाने के क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विभिन्न वर्गों से बजट पूर्व संवाद संवाद किया. आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक ली. बैठक एक दौरान सीएम गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न औद्योगिक एवं व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया. वहीं पूर्व में 2 बार स्थगित हो चुकी गहलोत कैबिनेट की बैठक भी बजट सत्र से एक दिन पहले यानि 9 फरवरी को बुलाई गई है.
राज्य बजट से पहले शुक्रवार को सीएम गहलोत ने परामर्शदात्री समिति की बैठक का दौरान बजट को लेकर चर्चा की और सुझाव मांगे. इस दौरान सीएम गहलोत ने बताया कि कोरोना महामारी ने देश के साथ साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था और राजस्व पर बुरा असर डाला है. इससे तेजी से उबरने की इच्छाशक्ति के साथ हम सभी के सुझावों के आधार पर ऐसा समावेशी बजट लाने का प्रयास करेंगे. सीएम गहलोत ने बताया कि आगामी बजट से राज्य में उद्योगों, निवेश को प्रोत्साहन मिले, रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो, समाज के हर वर्ग की उन्नति हो.
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सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य का आने वाला बजट विकास को गति देने वाला एक संतुलित बजट हो. सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य का आने वाला बजट विकास को गति देने वाला एक संतुलित बजट हो. सीएम गहलोत ने कहा मुझे खुशी है कि आज प्री बजट मीटिंग में युवा, महिला, प्रोफेशनल्स एवम प्रतिभाशाली छात्रों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. आज के मौके पर मैं उम्मीद करता हूँ कि आप अपने अनुभवों का लाभ सरकार को देंगे, बजट के माध्यम से सरकार क्या कर सकती है इसके लिए आपके सुझाव महत्वपूर्ण हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि सरकार की प्रायोरिटी में है कि महिलाओं के लिए, महिला उद्यमी भी हैं, प्रोफेशनल्स हैं, महिलाओं की संस्थाएं हैं, खिलाड़ी हैं, युवा प्रोफेशनल्स हैं, स्टूडेंट्स हैं, इनके लिए आने वाले समय में और ज्यादा मजबूती के साथ में क्या किया जा सकता है. हमारा मुख्य फोकस महिलाओं पर और स्टूडेंट्स पर है.
वहीं बजट सत्र से पहले 9 फरवरी को गहलोत कैबिनेट की मीटिंग भी बुलाई गई है. इस बैठक में विधायी कार्यों को लेकर चर्चा होगी जिसमें खास तौर पर विधानसभा में रखे जानेवाले विधेयकों को लेकर विचार होगा. इससे पहले कैबिनेट की बैठक दो बार मुख्यमंत्री की अस्वस्थता के चलते ऐन वक्त पर स्थगित कर दी गई थी.
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सीएम आवास पर 9 फरवरी को दोपहर 12 बजे होने वाली कैबिनेट की बैठक में विधानसभा के बजट सत्र में रखे जाने वाले बिजनेस का मुख्य एजेंडा रखा गया है. कैबिनेट की बैठक में यह तय किया जाएगा कि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ऐसे कानून जिनका पहले अध्यादेश जारी हो चुका है, उन्हें एक्ट के रूप में विधानसभा में रखना है. साथ ही बजट में सरकार किस तरह से मौजूदा किसान आंदोलन के हालात को लेकर भी अनौपचारिक चर्चा कर सकती है.
प्रदेश सरकार की ओर से पिछले विधानसभा सत्र के दौरान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ 3 नए कृषि कानून पारित कर राज्यपाल को भेजे थे, लेकिन फिलहाल वे कानून राजभवन में ही लंबित है. इसे लेकर भी राज्य सरकार अब इस सत्र में एक संकल्प पत्र जारी करके वापस राज्यपाल को भिजवाने का निर्णय ले सकती है.