पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. एक मुहावरा बड़ा मशहूर है ‘अधजल गगरी छलकत जाए‘. एक और मुहावरा भी यहां बिलकुल फिट बैठता है ‘थोथा चना बाजे घना‘, मतलब यह कि जिसमें ज्ञान कम होता है वह दिखावा अधिक करता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिला राजस्थान विधानसभा में जहां एक विधायक महाशय अपने अधकचरे ज्ञान को लेकर सदन में आ गए और ज्ञान भी बघाड़ने लगे. लेकिन शुरुआत में ही विपक्ष के विधायकों ने उनकी गलती पकड़ ली और हंगामा मचाना शुरु कर दिया. अंतत: कहा जाए कि उन्हें अपना अधूरा ज्ञान भारी पड़ गया.
ये महाशय हैं कांग्रेस के दानिश अबरार जो सवाई माधोपुर के विधायक हैं और पहली बार राजस्थान की 15वीं विधानसभा में पहुंचे हैं. दरअसल, अबरार अपने भाषण में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर बार-बार तंज कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा, ‘बीजेपी राजस्थान में बार-बार कांग्रेस को दोष दे रही है कि विधानसभा में नागरिकता कानून के खिलाफ संकल्प पत्र पारित करा लिया. लेकिन बिहार में तो आपकी ही सरकार है. वहां भी तो नीतीश कुमार सरकार ने सीएए का विरोध प्रस्ताव पारित कर दिया. अब बोलो...’ इस पर सदन में बीजेपी ने जबरदस्त हंगामा मचा दिया.
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अब बीजेपी ने हंगामा क्यों किया, इसकी वजह हम आपको बताते हैं. दरअसल, बिहार विधानसभा में सीएए के खिलाफ नहीं बल्कि एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पास हुआ है. अब या तो कांग्रेस विधायक अबरार जोश ही जोश में आकर गलत बोले गए या फिर ‘थोथा चना बाजे घना‘ की तर्ज पर अपना आधा अधूरा ज्ञान लेकर ज्ञान बघाड़ने लग गए. ऐसे में हंगामा होना तो स्वभाविक था.
विधायक दानिश अबरार के ज्ञान के बारे में बीजेपी के रतनगढ़ विधायक अभिनेष महर्षि ने पहले तो दानिश अबरार को झूठा बताया, बाद में कहा कि दानिश सदन में पढ़कर आए लेकिन उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि बिहार में सीएए का नहीं बल्कि एनआरसी का विरोध प्रस्ताव पास हुआ. बीजेपी विधायक ने कांग्रेस विधायक पर सदन को गुमराह कराने का आरोप भी लगाया. महर्षि ने कांग्रेस पर बोलते हुए ये भी कहा कि सीएम ने पानी पी पी कर विपक्ष को कोसा और घर घर पेयजल का झुनझुना पकड़वाया. बीजेपी विधायक ने ये भी कहा कि सीएम ने कटारिया पर कहा था, आप बीजेपी राज में गृह मंत्री थे क्या? मैं पूछना चाहता हूं आपके उप मुख्यमंत्री.. उप मुख्यमंत्री है क्या? पंचायत राज चुनाव का कचरा करने के अंदर या तो उनकी बड़ी भूमिका है या उनके हाथ बंधे हुए हैं.