Rajasthan Politics: राजस्थान में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए खिलाड़ी लाल बैरवा ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. खिलाड़ी लाल बैरवा पूर्व में सांसद, बसेड़ी से विधायक और पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में अनुसूचित जाति के अध्यक्ष रह चुके हैं. बैरवा ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौर को पत्र लिखकर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए.
खिलाड़ी लाल बैरवा ने पत्र लिखकर कहा कि पुर्व मुख्यमंत्री द्वारा अपने चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की लालसा में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को कांग्रेस से बाहर करने का असफल प्रयास किया. पायलट साहब के गुट के लोगों के फोन टेप करवाए, जिसका लोकेश शर्मा (ओ.एस.डी., पूर्व मुख्यमंत्री) सविस्तार बता चुके है. मेरा भी फोन टेप करवाया गया, जो कि जांच का विषय है. योजनाबंध तरीके के साथ मुझे भी पार्टी से निकाला गया. कुछ खास चापलूस लोगों की सिफारिश पर राजस्थान के इतने टूकडे-टूकडे कर दिए. पंचायत समिति स्तर के क्षेत्रफल वालों को जिले बना दिए. समाज के टुकड़े कर इतने सामाजिक बोर्ड बना दिए, जिनका स्वंय को भी पता नहीं है.
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बैरवा ने पत्र में आगे लिखा कि 18 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोगों के लिए आयोग को मैने वैद्यानिक दर्जे की बात की तो क्या गुनाह कर दिया, अन्तिम छः माह में सरकार द्वारा लिए फैसलों की समीक्षा में चार बिन्दुओं पर समीक्षा हो. मैं सरकार से मांग करता हूँ जिले बनाना, सामाजिक बोर्ड बनाना, फोन टेपिंग, अनुसूचित जाति आयोग को वैद्यानिक दर्जा वाले मामलों की समीक्षा की जाए.
बैरवा ने पत्र में लिखा कि जिस तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा जगह बदल-बदल कर 2 बार अपने पुत्र को जीत नहीं दिला पाये. इससे इनके प्रति जनता की भावना साफ दर्शाती है. भाजपा एवं कांग्रेस अलग-अलग विचार धाराएं है. मैने एवं मेरे कार्यकर्ताओं ने भाजपा ज्वॉइन की, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी मैं भाजपा की विचारधारा से अपने आप को जोड नहीं पा रहा हूँ. मैने 33 वर्ष कांग्रेस में सक्रिय राजनीति की है. कांग्रेस की विचारधारा मेरे खून में शामिल हो गई है. मुझे भाजपा से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन मैं और मेरे साथी कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी से अलग होते हुए प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे है.