Rajasthan Politics: राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव का मतदान होगा. चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में एक बार फिर लाल डायरी का जिन्न बाहर आया है. गहलोत सरकार से बर्खास्त मंत्री व उदयपुरवाटी से शिव सेना के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने आज कथित लाल डायरी के कुछ पन्ने फिर सार्वजनिक किए है. जिससे भाजपा को बैठे बिठाए कांग्रेस को घेरने का एक और मुद्दा मिल गया है. आज इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष व तारानगर से भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने इस मामले को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब कहां हैं वो लोग जो कहते थे कि लाल डायरी में कुछ भी नहीं है ? इस बार तो गहलोत परिवार के भीतर की अंर्तकलह ही खुलकर सामने आ गई है. लाल डायरी के चार पन्ने सामने आते ही कांग्रेस में घमासान मच गया है. घर में ही विरोध के स्वर मुखर हैं और कांग्रेस कहती है कि हम रिपीट होंगे. लाल डायरी के पन्नों में बेटे वैभव गहलोत ने ही सरकार के अधिकारियों की लूट और मिलिभगत के आरोप लगाए और कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं होगी उसका बड़ा कारण खुद अशोक गहलोत हैं.
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राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि लाल डायरी में प्रदेश कांग्रेस सरकार के सभी विधायकों और मंत्रियों का काला चिट्ठा कैद है. अभी तो केवल मात्र ट्रेलर ही सामने आया है, जब इस डायरी के अगले पन्ने खोले जाएंगे तो कांग्रेस राज में पनपे भू-माफियाओं के चिट्ठे भी खुलेंगे. वहीं लाल डायरी में कांग्रेस की आपसी कलह और कुर्सी की लड़ाई के सबूत भी मिलेंगे क्योंकि टोडाभीम विधायक साफ कहते दिख रहे हैं कि खान डायवर्जन के नाम पर राज्यसभा चुनाव में वोट देने की बात कही जा रही है. गहलोत और पायलट गुट में राज्यसभा चुनावों को लेकर भी तनाव था.
राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि लाल डायरी में वैभव गहलोत अपने पिता अशोक गहलोत पर ही आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि पापा इसलिए वापिस सरकार नहीं बना पाते क्योंकि वे अधिकारियों से घिरे रहते हैं और उन्हे राजनीतिक व्यक्ति बहुत बुरा लगने लगता है. प्रदेश में पूरे पांच साल जो लूट और झूठ की सरकार चली है उन सभी बातों का जिक्र इस लाल डायरी में किया गया है. पूर्व में कांग्रेस के ही विधायक भरत सिंह खान मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं, वहीं राजेन्द्र गुढ़ा ने भी इस मामले में सदन में खुलकर विरोध किया था. प्रदेश की जनता अब इन लोगों को इस चुनाव में सबक सिखाकर ही दम लेगी. प्रदेश की जनता को गारंटियों के नाम पर गुमराह करके कांगेस ने पांच साल जो अराजकता फैलाई उसका अंत अब नजदीक है.