पॉलिटॉक्स ब्यूरो. लगता है महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे धीरे धीरे अपने पुराने रंग में लौटने लगे हैं. लोकसभा चुनावों में बीजेपी की नीतियों का विरोध करने वाले राज ठाकरे ने इस बार केंद्र की मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का समर्थन करते हुए दिखे. उन्होंने तीखे स्वर में पाकिस्तान और बांग्लादेश के घुसपैठियों को बाहर फेंकने की बात कही. अपनी पार्टी के झंडे को भगवा रंग देने के बारे में ठाकरे ने कहा कि भगवा मेरे डीएनए में है.
गुरुवार को मुंबई में मनसे प्रमुख (Raj thackeray) ने मीडिया के समक्ष कहा कि भगवा मेरे डीएनए में है. बाला साहेब ठाकरे की जयंती पर पार्टी के झंडे के रंग को भगवा में बदला गया. ये भगवा झंडा 2006 से मेरे दिल में था. हमारे डीएनए में भगवा है. मैं मराठी हूं और एक हिंदू हूं. उन्होंने मुसलमानों को भी अपना बताया लेकिन ये भी कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के घुसपैठियों को देश से बाहर फेंक देना चाहिए.
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राज ठाकरे कई बार पीएम मोदी की आलोचना भी कर चुके हैं. इस पर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि मुझे जब लगता है जो उन्होंने कहा कि वो सही नहीं तो मैं उनकी आलोचना करता हूं, लेकिन जब वो अच्छा काम किए तो मैंने उनकी तारीफ भी की. वहीं महाराष्ट्र सरकार पर उन्होंने कहा कि मैं रंग बदलने वाली सरकारों के साथ नहीं जाता.
बता दें, बुधवार को बाला साहेब की जयंती पर मनसे का 5 रंगों वाला झंडा बदल भगवा रंग में बदला गया. यहां राज ठाकरे ने अधिकारिक तौर पर अपने सुपुत्र अमित ठाकरे की भी राजनीति में एंट्री करा दी. बुधवार को ही अमित ठाकरे अपने पिता की पार्टी मनसे में शामिल हुए.