Politalks.News/Rajasthan. बीते दिनों राजधानी में हुई कांग्रेस (Congress) की राष्ट्रव्यापी ‘महंगाई हटाओ’ रैली के दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा हिंदू (Hindu) और हिंदुत्ववादी (Hindutvavadi) को लेकर दिए गए बयान के बाद से लगातार इस मुद्दे पर सियासत जारी है. बीजेपी (BJP) नेताओं और बीजेपी की आईटी सेल द्वारा इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस पर सियासी हमले जारी हैं. इसी बीच गहलोत सरकार में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा है कि, ‘हिंदू धर्म बड़ा वाइड और मखमली और मुलायम धर्म है. यह हर तरह बर्दाश्त करने वाला सहिष्णु धर्म है, जबकि हिंदुत्व का मतलब कट्टरवादी हिंदू से माना जाता है.’
धारीवाल ने कहा कि, ‘हिंदू धर्म तो फैला हुआ और मखमली धर्म है. हिंदू धर्म सहिष्णु है, हर तरह से बर्दाश्त करने वाला धर्म है. व्यक्ति को पूजा-पाठ के लिए स्वतंत्र होना चाहिए. किसी को इसमें दखल नहीं करनी चाहिए. जबकि हिंदुत्व का मतलब कट्टरवादी हिंदू से है, फिर चाहे कट्टरवादिता मुस्लिम की हो, चाहे हिंदू की या किसी अन्य जाति की, वो अच्छी बात नहीं है. हिंदू तो सभी हैं, हम भी हिंदू धर्म की पालना करते हैं. जबकि कट्टरवादिता से मतलब है कि दूसरे धर्मों को नकार दो.’ धारीवाल ने कहा कि एक हिंदू है जो मुलायम है, जो किसी की आलोचना नहीं करता, अपने धर्म का ईमानदारी से पालन करता है. एक वो हिंदू है जो कट्टर है, जो दूसरे धर्मों की आलोचना करता है, दूसरे धर्म वालों को बर्दाश्त नहीं करता.’
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अपनी बात के पक्ष में मंत्री शांति धारीवाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि आज मुस्लिम देशों को देख लीजिए. इसके अलावा यहां भी कई कट्टरवादी हैं, साध्वी प्रज्ञा से लेकर बजरंगदल वगैरह क्या है, इनकी क्या रीति नीति है? प्रवीण तोगड़िया का त्रिशूल बांटने का क्या मतलब था? धारीवाल ने ओवैसी के बयान और देश में हिंदू राज लाने के सवाल पर कहा कि, ‘राज का कोई धर्म नहीं होता और जिस भी देश में एक धर्म का राज है, उसका सत्यानाश हो जाता है. चाहे सीरिया हो, पाकिस्तान हो, अफगानिस्तान हो या इराक वहां भी एक ही धर्म का राज है, आप देख लीजिए वहां के हालात क्या हैं?
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आपको बता दें, बीती 12 दिसम्बर को राजधानी में हुई कांग्रेस की रैली को सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि, ‘ये देश हिंदुओं का देश है, हिंदुत्ववादियों का नहीं. महात्मा गांधी हिंदू थे और नाथूराम गोडसे हिंदुत्ववादी थे. मैं हिदू हूं, लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं. हिंदू और हिंदुत्ववादी में फर्क होता है. हिंदू सत्य को ढूंढता है, मर जाएगा, कट जाएगा, फिर भी हिंदू सच को ढूंढता है और पूरी जिंदगी वो सच को ढूंढने में निकाल देता है. जबकि हिंदुत्ववादी पूरी जिंदगी सत्ता को ढूंढने और सत्ता पाने में और उसके लिए झूठ बोलने में निकाल देता है.’ राहुल के इसी बयान के बाद से देशभर के सोशल मीडिया और मीडिया में इस बयान का भारी विरोध हो रहा है.