पुराने ‘गढ़’ में पैदल मार्च कर राहुल का तंज- नरेन्द्र जी छोटे थे तो मगरमच्छ से लड़ी थी लड़ाई, मुझे तो लगा….

यूपी में 'सियासी शनिवार', लोकसभा चुनाव में हार के बाद अमेठी में राहुल की हुंकार, पीएम मोदी की काशी यात्रा पर साधा निशाना, जयपुर के बाद आज फिर दोहराई हिंदू और हिंदूत्व की थ्यौरी, महात्मा गांधी और गोडसे का दिया उदाहरण तो अमेठी से जोड़ा भावनात्मक रिश्ता

पुराने 'गढ़' में पैदल मार्च कर राहुल का तंज
पुराने 'गढ़' में पैदल मार्च कर राहुल का तंज

Politalks.News/Uttarpradesh. ‘सियासी शनिवार’ को यूपी के रण एक ओर शाहजहांपुर में पीएम मोदी (PM Modi) गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास कर रहे थे. अखिलेश की विजय यात्रा रायबरेली में थी तो राहुल गांधी (rahul gandhi) और प्रियंका गांधी (priyanka gandhi) कांग्रेस के गढ़ रहे अमेठी (Amethi) में थे. 28 महीने बाद अपने पुराने संसदीय क्षेत्र अमेठी में राहुल गांधी जमकर बरसे. भाई-बहन ने ”भाजपा भगाओ, महंगाई हटाओ, प्रतिज्ञा पदयात्रा” के तहत अमेठी में जगदीशपुर स्थित रामलीला मैदान से हारीमऊ तक पैदल मार्च किया. फिर राहुल गांधी ने हारीमऊ में एक जनसभा को संबोधित किया. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘कि कुछ दिन पहले प्रियंका मेरे पास आई और उसने मुझे कहा कि आप लखनऊ चलो मीटिंग करनी है. मैंने बहन से कहा कि,’ लखनऊ के कार्यक्रम में जाने से पहले मैं अपने घर अमेठी जाना चाहता हूं’. राहुल ने जयपुर के बाद अमेठी में भी हिंदू और हिंदुत्व को समझाने की कोशिश की. साथ ही राहुल ने पीएम मोदी के काशी दौरे और गंगा स्नान को लेकर कटाक्ष किए.

पदयात्रा मैं लखनऊ से नहीं अपने घर अमेठी से शुरू करूंगा- राहुल
अमेठी से भावनात्मक रिश्ता दर्शाते हुए राहुल गांधी आगे बोले कि, ‘मैंने उनके अनुरोध पर कहा कि कांग्रेस की प्रतिज्ञा पदयात्रा मैं लखनऊ से नहीं अपने घर अमेठी से शुरू करूंगा. अमेठी मेरा घर है. यहां तो मेरे परिवार के लोग रहते हैं. मेरे व अमेठी के पारिवारिक रिश्ते हैं. इसे कोई और कभी तोड़ नहीं सकता है. मुझे यहां से कोई अलग नहीं कर सकता. मैंने 2004 में राजनीति में एंट्री की. अमेठी से मैंने पहला चुनाव लड़ा. अमेठी ने मुझे राजनीति के बारे में बहुत कुछ सिखाया है. यहां की जनता ने मुझे राजनीति का रास्ता दिखाया है. इसके लिए मैं हर अमेठीवासी का शुक्रिया अदा करता हूं.’

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‘हिंदुत्ववादी गंगा में अकेले स्नान करता है, जबकि हिंदू करोड़ों लोगों के साथ’
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की ओर से खड़े किए गए विवाद के बाद हिंदू और हिंदुत्ववादी के बीच फर्क बताने में जुटे राहुल गांधी ने शनिवार को अमेठी में बताया कि, ‘हिंदुत्ववादी गंगा में अकेले स्नान करता है, जबकि हिंदू करोड़ों लोगों के साथ’. राहुल ने कहा कि, ‘उन्होंने पहली बार किसी को गंगा में अकेले स्नान करते हुए देखा’. राहुल का इशारा पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ था, जिन्होंने हाल ही में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले गंगा में डुबकी लगाई थी.

‘पूरी दुनिया ने देखा कि एक आदमी अकेला गंगा में स्नान कर रहा है’
राहुल गांधी ने कहा कि, ‘हमने देखा कि प्रधानमंत्री जी ने गंगा में स्नान किया. पहली बार मैंने देखा कि एक आदमी स्वयं गंगा में स्नान कर रहा है. मैंने कभी देखा नहीं, इतिहास में कभी नहीं हुआ कि एक आदमी जाकर… बाकी सबको हटा दिया. योगी जी को हटा दिया, राजनाथ सिंह को बाहर फेंक दिया, नहीं भैया. पूरी दुनिया ने देखा कि एक आदमी अकेला गंगा में स्नान कर रहा है. और कोई नहीं कर सकता है’.

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‘नरेंद्र जी छोटे थे उन्होंने मगरमच्च से लड़ाई लड़ी थी. मुझे तो लगा था तैरना ही नहीं आता’
इस दौरान मंच के आगे खड़े लोगों ने कुछ टिप्पणी की तो राहुल ने कहा कि, ‘मैं ज्यादा नहीं बोलूंगा वो आपने देखा क्या हुआ क्या नहीं’. इस बीच राहुल ने हंसते हुए कहा कि, ‘आपको याद होगा, जब नरेंद्र जी छोटे थे उन्होंने मगरमच्छ से लड़ाई लड़ी थी. मुझे तो लगा था तैरना ही नहीं आता, वह अलग बात है. उस दिन ऐसे हाथ फैला-फैला के…”

‘महात्मा गांधी हिंदू, दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे वो हिंदुत्ववादी’
अमेठी में राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं और हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ छह किलोमीटर पदयात्रा भी निकाली. इस दौरान राहुल गांधी ने एक बार फिर से हिन्दू और हिन्दुत्व को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. राहुल ने कहा कि, ‘आजकल देश में धर्म की बात होती है. हिंदू धर्म की बात होती है, हिंदू क्या होता है? क्या हिंदू झूठा होता है? हिंदू का मतलब वह व्यक्ति जो सच्चाई के रास्ते पर पूरी जिंदगी चलता है. उसे हम हिंदू कहते हैं, वह जो अपने डर को नफरत में नहीं ​बदलने देता, उसे हम हिंदू कहते हैं. अगर उदाहरण देना हो तो हमारे सामने सबसे बड़ा उदाहरण महात्मा गांधी हैं, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी सच की तलाश में लगा दी’. आगे राहुल गांधी ने कहा कि, ‘एक तरफ सच्चाई हैं महात्मा गांधी, वे हिंदू हैं, दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे, वह हिंदुत्ववादी है. उसे किसी ने महात्मा नहीं कहा. उसने सच की लड़ाई लड़ने वाले हिंदू यानी महात्मा की छाती में गोली मार दी’.

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