PoliTalks.news/यूपी. बीती रात उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए एक गैंग और पुलिसकर्मियों के बीच हुए एनकाउंट पर राहुल गांधी और कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर जुबानी हमला किया है. इस मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की जान गई है जबकि 7 घायल हुए हैं. इस घटनाक्रम को कांग्रेसी नेताओं ने ‘गुंडाराज’ बताते हुए कहा कि जब यूपी में पुलिस सुरक्षित नहीं है तो जनता सुरक्षित कैसे हो सकती है. प्रियंका गांधी ने यूपी सीएम से दोषियों एवं अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है. वहीं अखिलेश यादव और मायावती ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा है.
दरअसल, गुरुवार रात को पुलिस इनपुट मिलने के बाद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने बिठूर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में पहुंची थी. लेकिन दुबे गैंग ने घात लगाकर पुलिस पर ही हमला कर दिया और पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं. इस एनकाउंटर में सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई जबकि सात घायल हुए हैं. विकास दुबे फरार हो गया और बदमाश पुलिस के कई हथियार भी लूट ले गए. विकास दुबे के खिलाफ 60 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विकास को पुलिस के आने की खबर पहले ही मिल चुकी थी, इसलिए उसने अपने घर से कुछ दूर रास्ते में जेसीबी मशीन खड़ी कर दी थी ताकि पुलिस को रोका जा सके. बदमाशों ने पुलिस को चारों ओर से घेर लिया था. पुलिस की कार्रवाई के पहले ही अपराधियों ने गोलियां चला दीं. पुलिस को ऐसे हमले की उम्मीद नहीं थी। उधर, आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि घटना के बाद एनकाउंटर में विकास दुबे के 2 साथियों को मार गिराया गया है. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. पुलिस ने यूपी के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं.
कानून व्यवस्था पर प्रहार करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट इस घटना को यूपी में गुंडाराज का एक उदाहरण बताया. उन्होंने लिखा, ‘जब पुलिस सुरक्षित नहीं, तो जनता कैसे होगी? मेरी शोक संवेदनाएं मारे गए वीर शहीदों के परिवारजनों के साथ हैं और मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’
यू.पी. में गुंडाराज का एक और प्रमाण। जब पुलिस सुरक्षित नहीं, तो जनता कैसे होगी?
मेरी शोक संवेदनाएँ मारे गए वीर शहीदों के परिवारजनों के साथ हैं और मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।https://t.co/jTptULhObH
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 3, 2020
वहीं कांग्रेस की महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया. प्रियंका ने कहा कि बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें यूपी पुलिस के सीओ, एसओ सहित 8 जवान शहीद हो गए. यूपी पुलिस के इन शहीदों के परिजनों के साथ मेरी शोक संवेदनाएं.
…आमजन व पुलिस तक सुरक्षित नहीं है।
कानून व्यवस्था का जिम्मा खुद सीएम के पास है। इतनी भयावह घटना के बाद उन्हें सख़्त कार्यवाही करनी चाहिए। कोई भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 3, 2020
प्रियंका ने आगे लिखा, ‘यूपी में कानून व्यवस्था बेहद बिगड़ चुकी है, अपराधी बेखौफ हैं, आमजन व पुलिस तक सुरक्षित नहीं है. कानून व्यवस्था का जिम्मा खुद सीएम के पास है. इतनी भयावह घटना के बाद उन्हें सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए. कोई भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए.’
इधर, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी की योगी सरकार पर तीखा निशाना साधते हुए घटनाक्रम को नाटक करार दिया. उन्होंने कहा कि उप्र की बीजेपी सरकार अपनी पोलपट्टी खुलने के डर से आनन-फ़ानन में मुख्य अपराधी को न पकड़कर छोटी-मोटी मुठभेड़ दिखाने का नाटक करवा रही है. इससे पुलिसकर्मियों का मनोबल और गिरेगा तथा पुलिस का आक्रोश भी बढ़ेगा. अखिलेश यादव ने शहीद और घायल पुलिसकर्मियों के घरवालों को मुआवज़ा देने और परिजनों को हर संभव संरक्षण देने की बात कही.
उप्र की भाजपा सरकार अपनी पोलपट्टी खुलने के डर से आनन-फ़ानन में मुख्य अपराधी को न पकड़कर छोटी-मोटी मुठभेड़ दिखाने का नाटक करवा रही है. इससे पुलिसकर्मियों का मनोबल और गिरेगा तथा पुलिस का आक्रोश भी बढ़ेगा.
सरकार तुरंत मुआवज़ा घोषित करे व परिजनों को हर संभव संरक्षण दे.
निंदनीय!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 3, 2020
अखिलेश ने दुखद घटना को उप्र के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना बताते हुए पुलिस के 8 वीरों को श्रद्धांजलि प्रेषित की, साथ ही कहा कि ‘सत्ताधारियों और अपराधियों ‘की मिलीभगत का ख़ामियाज़ा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है. उन्होंने सीएम योगी को अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ करने की अपील की.
कानपुर की दुखद घटना में पुलिस के 8 वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि!
उप्र के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में ‘सत्ताधारियों और अपराधियों ‘की मिलीभगत का ख़ामियाज़ा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है.
अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 3, 2020
बसपा सुप्रीम मायावती ने भी घटना को लेकर सीएम योगी और कानून व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की. मायावती ने कहा कि कानपुर में शातिर अपराधियों द्वारा एक भिड़न्त में डिप्टी एसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों की मौत व 7 अन्य के आज तड़के घायल होने की घटना अति-दुःखद, शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण है. यूपी सरकार को खासकर कानून-व्यवस्था के मामले में और भी अधिक चुस्त व दुरुस्त होने की जरूरत है.
2. इस सनसनीखेज घटना के लिए अपराधियों को सरकार को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहिए, चाहे इसके लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत क्यों न पड़े। सरकार मृतक पुलिस के परिवार को समुचित अनुग्रह राशि के साथ ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी भी दे, बीएसपी की यह मांग है। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) July 3, 2020
मायावती ने कहा कि इस सनसनीखेज घटना के लिए अपराधियों को सरकार को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहिए, चाहे इसके लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत क्यों न पड़े. मायावती ने सरकार से मृतक पुलिस के परिवार को समुचित अनुग्रह राशि के साथ ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की मांग की है.
ये पुलिसकर्मी हुए शहीद
बिल्हौर के सीओ देवेंद्र कुमार, शिवराजपुर के थाना प्रभारी महेश चंद्र यादव व सब इंस्पेक्टर नेबू लाल और मंधना के चौकी इंचार्ज अनुप कुमार, कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, कॉन्स्टेबल राहुल, कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल बबलू की मौत हो गई है. इसके अलावा बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 7 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है. सभी का इलाज रीजेंसी हॉस्पिटल में चल रहा है.