Politalks.News/Delhi. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित हुई भारतीय युवा कांग्रेस की दो दिवसीय कार्यकारिणी बैठक में कभी मध्यप्रदेश कांग्रेस का दिग्गज चेहरा रहे ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया’ के जरिए यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस संगठन का महत्व समझाया. यही नहीं राहुल गांधी ने वर्तमान में बीजेपी से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर न सिर्फ तंज कसे बल्कि खुलासा करते हुए बताया कि सिंधिया अगर कांग्रेस में होते तो मुख्यमंत्री बनते.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में निर्णायक भूमिका में थे. सिंधिया के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ काम कर संगठन को मजबूत बनाने का विकल्प था. राहुल ने कहा जब वह कांग्रेस में थे तो हमारे साथ बैठते थे और निर्णायक भूमिका में होते थे. इस दौरान राहुल गांधी ने यह भी बताया कि, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरे पास आए थे, तब मैंने उनसे कहा था कि आप मेहनत कीजिए और आने वाले समय में आप मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन उन्होंने दूसरा रास्ता चुना.
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इसके साथ ही राहुल गांधी ने सिंधिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया बैकबेंचर हैं. यही नहीं सूत्रों के मुताबिक राहुल ने यह भी कहा कि, ‘लिख कर ले लीजिए वो वहां कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. उन्हें वापस यहीं आना होगा.’ एक अन्य सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस समंदर है, यहां सबके लिए दरवाजे खुले हैं, किसी को आने से पार्टी में कोई नहीं रोकेगा. इसके साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि, कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जो इत्तेफाक नहीं रखते हैं उन्हें जाने से भी कोई नहीं रोकेगा.
यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता ने राहुल गांधी से सवाल किया कि यदि जो लोग पार्टी छोड़कर फिर वापसी करते हैं, उन्हें पार्टी में फिर बड़ी निर्णायक भूमिका मिल जाती है. इस सवाल के जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़कर पार्टी में वापसी करते हैं, उन्हें निर्णायक भूमिका में आने में वक्त लगेगा. वहीं राहुल गांधी ने यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को RSS की विचारधारा से लड़ने और किसी से भी नहीं डरने की नसीहत भी दी.
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याद दिला दें, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से टकराव के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक से कांग्रेस छोड़कर 11 मार्च 2020 को बीजेपी में शामिल हो गए थे. साथ ही सिंधिया खेमे के 20 से अधिक विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था. जिसके कारण एमपी में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और बहुमत साबित कर शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने. इसके बाद में जून के महीने में बीजेपी के टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा सांसद चुने गए.