राहुल गांधी ने एक्सपर्ट से पूछा- कोरोना से जंग में बड़े देश क्यों नहीं आए साथ, अमेरिकी एक्सपर्ट ने दिया ये जवाब

भारत-अमेरिका के रिश्तों पर खुलकर हुई चर्चा, एक्सपर्ट ने बताया दोनों देशों को लोकतंत्र का चैंपियन, भारतीय राजनीति में हुए बदलाव के बारे में भी ली दिलचस्पी

Rahul Gandhi Talk To Nicholas Burns (राहुल गांधी और निकोलस बर्न्स)
Rahul Gandhi Talk To Nicholas Burns (राहुल गांधी और निकोलस बर्न्स)

पॉलिटॉक्स न्यूज. कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना संकट काल में लगातार एक्सपर्ट्स से बातचीत कर रहे हैं और उसके आम जीवन और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर एवं नतीजों को जान रहे हैं. शुक्रवार को राहुल गांधी ने बतौर एक्सपर्ट पूर्व अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स से बात की और भारत-अमेरिका के रिश्तों पर खुलकर चर्चा की. इस दौरान राहुल गांधी ने सवाल किया कि कोरोना वायरस की लड़ाई में ऐसा देखने को नहीं मिला है कि बड़े देश एक साथ आए हों और लड़ाई का बीड़ा उठाया हो. इस का जवाब देते हुए बर्न्स ने कहा कि भारत और अमेरिका लोकतंत्र के चैंपियन हैं लेकिन चीन में लोकतंत्र नहीं है.

बता दें, निकोलस बर्न्स फिलहाल हार्वर्ड के जॉन एफ केनेडी स्कूल में ‘प्रैक्टिस ऑफ डिप्लोमेसी एंड इंटरनेशनल पॉलिटिक्स’ विभाग में प्रोफेसर हैं, साथ ही यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिकल अफेयर्स के अंडर सेक्रेटरी और भारत-अमेरिका एटमी समझौते के मुख्य वार्ताकार भी रह चुके हैं.

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पूर्व अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स से बात करते हुए राहुल गांधी ने पूछा कि क्या अमेरिका और भारत या फिर अन्य बड़े देश कोरोना वायरस की लड़ाई में साथ नहीं दिखे. इस पर अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा कि ये संकट पूरी तरह से G20 देशों का था. हर किसी को इस पर एक रणनीति के साथ काम करना था. मुख्य तौर पर डोनाल्ड ट्रंप, नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग जैसे नेता एक साथ आ सकते थे लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सबसे अलग थलग रहे.

बर्न्स ने कहा कि शायद इसकी वजह ये है कि डोनाल्ड ट्रंप दुनिया को साथ लेने में विश्वास नहीं करते हैं, वो सिर्फ अमेरिका को आगे रखना चाहते हैं. और शी जिनपिंग सिर्फ उनसे लड़ना चाहते हैं.

बातचीत के दौरान निकोलस बर्न्स ने राहुल गांधी से भारतीय राजनीति और हुए बदलाव के बारे में पूछा. बर्न्स ने कहा कि अब तो वहां की राजनीति बदल गई होगी. क्या अब भी आप लोगों से हाथ मिलाते हैं और बाहर जाते हैं?

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इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया कि अब राजनीति बदलेगी. मैं मास्क पहनकर ही लोगों के बीच जाता हूं लेकिन इस दौरान किसी से हाथ नहीं मिलाता. राहुल ने कहा कि सोशल मीडिया से लोगों से बात कर रहे हैं. भारत में जब लॉकडाउन हुआ तो लोगों का सोचने का तरीका बदल गया. लॉकडाउन से लोगों के मन में डर बैठ गया, अभी वो डर खत्म करना जरूरी है. जवाब में अमेरिका के हालात को बताते हुए निकोलस बर्न्स ने कहा कि मुझे लगता है कि कोरोना के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क जरूरी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में तो लोग अब फिर लापरवाह हो रहे हैं.

बातचीत के अंत में दोनों लोगों ने इस दौरान ग्लोबल पॉलिटिक्स, कोरोना संकट के बाद के समय पर भी बात की. राहुल ने पूछा कि क्या शक्ति संतुलन बदलने वाला है?

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जवाब में निकोलस बर्न्स ने कहा कि कोरोना संकट में हर कोई कह रहा है चीन जीत रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है. चीन बढ़ोतरी कर रहा है, लेकिन वो अमेरिका के मुकाबले नहीं है. क्योंकि चीन का नेतृत्व भयभीत है, वहां पर लोकतंत्र नहीं है. हांगकांग में क्या हो रहा है, आज हर कोई देख रहा है. भारत और अमेरिका लोकतंत्र के चैंपियन हैं.

गौरतलब है कि राहुल गांधी कोरोना संकट काल में लगातार एक्सपर्ट से बात करते आ रहे हैं. हाल में उन्होंने उद्योगपति व बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) राजीव बजाज से बातचीत की और लॉकडाउन एवं इकोनॉमी पर बातचीत की. इससे पहले RBI के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन और नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी से भी चर्चा कर चुके हैं.

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