पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. चुरू जिले के सादुलपुर विधानसभा के राजगढ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई आत्महत्या प्रकरण में परिजनों और सरकार में विभिन्न मांगों को लेकर सहमति के बाद शव का पोस्टमार्टम रविवार को किया गया. इसके बाद पुलिस सम्मान के साथ विष्णुदत्त विश्नोई का शव परिजनों को सुपुर्द किया गया. इससे पहले जनप्रतिनिधियों और पुलिस अधिकारियों ने दिवंगत थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई को श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं इस पूरे प्रकरण में अब एक ओर नया मोड़ आ गया है, राजगढ़ पुलिस थाने के पूरे स्टाफ ने बीकानेर आईजी को एक सामूहिक पत्र लिखकर स्थानीय विधायक कृष्णा पूनियां के कारण परेशान होकर स्थानांतरण की मांग की है.
बता दें, इससे पहले शनिवार को थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या की खबर ने पूरे प्रदेश की राजनीति को हिला कर रख दिया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया प्रेषित की, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इस घटना का सियासी फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. घटना की जानकारी मिलते ही जहां शनिवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने चुरू सांसद राहुल कस्वां और चुरू विधायक राजेंद्र राठौड को राजगढ रवाना किया. वहीं विपक्ष के प्रमुख नेताओं सहित नागौर सांसद व रालोपा मुखिया हनुमान बेनीवाल ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की.
काफी जद्दोजहद के बाद शनिवार देर शाम थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई के झूलते शव को उतारा गया. दूसरी तरफ थाना परिसर में भाजपा नेताओं और आम लोगों की बड़ी संख्या में भीड भी इक्टठा हो गई. इसी बीच एक भाजपा कार्यकर्ता को बाहर भेजने की बात पर चुरू विधायक राजेंद्र राठौड और चुरू एससी एसटी सेल के डीएसपी के बीच काफी गर्मा-गर्मी हो गई. दरअसल, डीएसपी रामप्रताप विश्नोई ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा कि बाहर जाओ, वरना एक और मामला दर्ज हो जाएगा. यह बात जब राजेंद्र राठौड को पता चली तो राठौड और डीएसपी के बीच बहुत तेज नोंक झोंक हो गई. नोंक झोंक को बढता देख अधिकारियों ने राठौड और डीएसपी के बीच समझाइश की जिसका विडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ.
इसके बाद देर रात डीएसपी से हुई नोंक झोंक पर नेता प्रतीपक्ष राजेंद्र राठौड ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक कर्त्तव्यनिष्ठ सर्किल इंस्पेक्टर पुलिस के उच्चाधिकरियों के दबाव, राजनीतिक गठजोड़ व अपराधियों को शह नहीं देने के कारण से आत्महत्या को मजबूर होता है. पुलिस द्वारा उनकी डेडबॉडी को जबरदस्ती चूरू ले जाने का हमने विरोध किया तो पुलिस अधिकारी हमसे ही उलझने लग गए. ये घटनाक्रम दर्शाता है कि पुलिस महकमे को अपने दिवंगत अधिकारी व उनके परिजनों के प्रति कोई संवेदना नहीं है. पुलिस अधिकारियों का ऐसा व्यवहार निंदनीय है. ईमानदारी का पर्याय बन चुके जांबाज अफसर विष्णुदत्त बिश्नोई को न्याय नहीं मिलने तक ये संघर्ष जारी रहेगा.
बता दें, थानाधिकारी के द्वारा आत्महत्या में अब लगभग यह तो तय हो चुका है कि बेहद ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और दबंग थानाधिकारी रहे विष्णुदत्त विश्नोई गंदी राजनीति व ताकतवर अपराधियों के शिकार हुए हैं. देश में राजनेताओं द्वारा पुलिस सिस्टम को कैसे प्रभावित किया जाता है यह किसी भी से छुपा नहीं है. खुद थानाधिकारी विष्णु ने उनके करीबी एडवोकेट गोवर्धन सिंह से हुई व्हाट्सएप चैट में कहा था कि हमें भी गंदी राजनीति के भंवर में फंसाने की कोशिश हो रही है उस चैट का स्क्रीनशॉट जमकर वायरल हो रहा है. इसके साथ ही थानाधिकारी ने अपने सुसाइड नोट में जो लिखा है उससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह किस हद तक प्रताडित होकर तनाव में थे.
बहराल, विष्णुदत्त आत्महत्या प्रकरण में अब एक और नया मोड़ आ गया है. रविवार को राजगढ़ पुलिस थाने के पूरे स्टाफ ने बीकानेर आईजी को एक सामूहिक पत्र लिखकर स्वैच्छिक स्थानांतरण की मांग की है. इस पत्र में लिखा गया है कि राजगढ़ थाना अधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई की मौत के बाद थाने का पूरा स्टाफ भयभीत है और सभी का मनोबल टूट चुका है. थाने के पुलिस कर्मियों ने स्थानीय विधायक कृष्णा पूनिया व उनके कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्थानांतरण करवाने की मांग की है. इस पत्र में लिखा गया है कि आए दिन रोजमर्रा की ड्यूटी करते समय छोटी-छोटी बातों को लेकर सादुलपुर विधायक व उनके कार्यकर्ता उच्चाधिकारियों को झूठी शिकायत करते थे.
पत्र में आगे लिखा गया है कि हाल ही में थाने के हेड कांस्टेबल सज्जन कुमार, इंद्र, कांस्टेबल राजेश व चालक मनोज को झूठी शिकायतों के चलते चूरू पुलिस लाइन में लगा दिया गया. आत्महत्या की जो घटना हुई है उससे हमारा मनोबल पूरी तरह टूट गया है क्यों ना हम सभी का राजगढ़ पुलिस थाने से स्थानांतरण किसी अन्य थाने में कर दिया जाए ताकि आज जो घटना घटित हुई है उसकी पुनरावृत्ति ना हो.
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने थानाधिकारी विश्नोई की आत्महत्या मामले में सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी झूठी शिकायतों के कारण विश्नोई ने आत्महत्या की है. सांसद राहुल कस्वा ने विश्नोई को जांबाज पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि इस प्रकार आत्महत्या कर लेना बहुत बड़ा संशय पैदा करता है. सांसद कस्वा ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी करने तथा पूरे प्रकरण की सच्चाई सामने लाने की भी मांग की.
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राजेंद्र राठौड़ द्वारा खुद पर आरोप लगाए जाने पर सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया ने कहा कि राठौड जी जिस तरह से मेरा नाम लेकर आरोप लगा रहे हैं मैं उनसे कहना चाहूंगी कि वह पहले अपना इतिहास देखें, किस तरह से उन्होंने राजनीति की है. मैं सामान्य परिवार से आती हूं, किसान परिवार से आती हूं ना शराब माफियाओं से मेरा कोई संबंध है ना ही हम कोई बिजनेस करते हैं. इन लोगों को तकलीफ है कैसे एक सामान्य परिवार की महिला राजनीति में आगे बढ़ रही है. जो सच है वह जांच में सामने आ जाएगा और तब राठौड़ साहब को खुद शर्मिंदगी होगी.