पॉलिटॉक्स न्यूज/उत्तरप्रदेश. यूपी की राजनीति में इन दिनों पोस्टर वॉर का तीखा तड़का लगा हुआ है. लखनऊ सहित कई अन्य शहरों की गलियां भी इन पोस्टर्स से अटी पड़ी हैं. शहरभर में पोस्टर लगाने का सिलसिला योगी सरकार ने शुरु किया था और उसके बाद समाजवादी पार्टी ने पलटवार में पोस्टर्स लगाने शुरु किए. अब कांग्रेस भी इस पोस्टर वॉर में कूद पड़ी है. विवादित पोस्टर लगाने के मामले में पुलिस ने दो कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार भी किया है. हालांकि कांग्रेस के लगाए पोस्टर में एक बड़ी गलती भी हो गई है लेकिन गलती से हुई गलती को भी सही बताकर कांग्रेस जमकर योगी सरकार पर वार कर रही है. वैसे तो यूपी के विधानसभा चुनाव में अभी दो साल शेष हैं लेकिन इस पोस्टर वॉर ने चुनावी सरगर्मियां अभी से बढ़ा दी हैं.
वैसे लखनऊ में पोस्टर लगाने की शुरुआत बीजेपी द्वारा हुई. योगी सरकार ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों और तोड़फोड़ करने वाले 57 लोगों के होर्डिंग्स प्रदेशभर में लगाए थे. इन पोस्टर्स में नाम, घर का पता और वसूली जाने वाली राशि को भी अंकित किया हुआ था. पोस्टर लगाने का ये मामला कोर्ट पहुंच गया और इलाहबाद हाईकोर्ट ने 9 मार्च को इन पोस्टर्स को हटाने का फैसला सुनाया. इस फैसले के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इसके बावजूद राज्य सरकार ने इन पोस्टर्स को नहीं हटाया.
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इन होर्डिंग्स के जवाब में सपा ने बलात्कार के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद और उन्नाव के बलात्कार के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर के पोस्टर लखनऊ में लगवा दिए. पोस्टर का शीर्षक रखा ‘ये हैं प्रदेश की बेटियों के आरोपी, इनसे रहें सावधान‘. नीचे की तरफ सपा नेता आईपी सिंह का नाम भी दिया हुआ है. इनमें से कई पोस्टर्स को योगी सरकार की लगवाई गई होर्डिंग्स के बगल में ही लगाया गया है.
जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और उच्चन्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर। लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ कोर्ट द्वारा नामित अपराधियों का पोस्टर जनहित में जारी कर दिया है, इनसे बेटियाँ सावधान रहें। pic.twitter.com/9AqGBxMoJR
— I.P. Singh (@IPSinghSp) March 12, 2020
सूबे में चल रहे इस पोस्टर वॉर में अब एंट्री हुई है कांग्रेस की. कांग्रेस नेताओं की ओर से लगवाए गए होर्डिंग में कई बीजेपी नेताओं को दंगाई कहकर संबोधित किया गया है. कांग्रेस के युवा नेता सुधांशु बाजपेयी व लल्लू कनौजिया की ओर से लगवाए गए पोस्टरों में सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम केशव मौर्य के अलावा राधामोहन दास अग्रवाल, संगीत सोम, संजीव बलियान, उमेश मलिक, सुरेश राणा और साध्वी प्राची का नाम और तस्वीरें लगी हैं. पोस्टरों पर इन बीजेपी नेताओं पर पूर्व में लगाई गईं गंभीर धाराओं के बारे में भी लिखा है. पोस्टरों में पूछा गया है कि इन ‘दंगाइयों’ से वसूली कब की जाएगी?
हालांकि इन पोस्टरों में की गई एक गलती की वजह से कांग्रेस सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई है. इन पोस्टरों में राधा मोहन दास अग्रवाल की तस्वीर की जगह पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की तस्वीर लग गई.
दूसरी ओर कांग्रेस अपने डिजाइनर की इस गलती को भी सही बताने में जुट गई है. कांग्रेस नेता सुधांशु बाजपेई का कहना है कि डिजाइनर की यह गलती भी गलत नहीं है क्योंकि राधामोहन सिंह तो दंगाइयों से भी बड़े पाप के भागी हैं. उनके सिर प्रतिवर्ष 10,349 किसान आत्महत्या का पाप है, उस पर भी यह घटिया बयान देते हैं कि किसान प्रेमप्रसंगों के चलते आत्महत्या करते हैं.
पोस्टर्स की ये लड़ाई अब पुलिस परिसर तक भी पहुंच गई है. हजरतगंज कोतवाली में इस बारे में मामला दर्ज किया गया है. विवादित पोस्टर लगाने के आरोप में कांग्रेस नेता सुधांशु बाजपेयी और अश्वनी को गिरफ्तार किया गया है. अन्य गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई जगहों पर दबिश दे रही है. कांग्रेस द्वारा लगाए गए पोस्टर्स को पुलिस प्रशासन ने हटा दिया है.