टिकट वितरण से पूनियां ने झाड़ा पल्ला, दिल्ली के पाले में डाली गेंद, फिर भी कहा- मना लेंगे सबको

वल्लभनगर और धरियावद में क्या फंस गई है भाजपा, टिकट वितरण में खींचतान और बगावत क्या बिगाड़ देगी खेल, वल्लभनगर में RLP ने बीजेपी की बगावत का उठाया फायदा तो धरियावद में कन्हैया ने ठोक रखी है ताल, सब छोड़ बीजेपी ने गहलोत सरकार को लिया निशाने पर

टिकट वितरण से पूनियां ने झाड़ा पल्ला!
टिकट वितरण से पूनियां ने झाड़ा पल्ला!

Politalks.News/Rajasthan. वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को बगावत और विरोध से दो चार होना पड़ रहा है. दो ही सीटों पर उपचुनाव में टिकट वितरण के बाद भाजपा में खासतौर से बगावत के स्वर उठने लगे हैं. इस बीच पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने उम्मीद जताई है कि, ‘बगावत करने वाले नेताओं को जल्द मना लिया जाएगा’. पूनियां के दावों की पोल तो खुल भी गई जब वल्लभनगर में भाजपा के बागी उदयलाल डांगी ने RLP का दामन थाम लिया तो धरियावद में गौतम लाल मीणा के बेटे कन्हैया ने निर्दलीय दावा ठोक दिया है. प्रत्याशियों के नामांकन कार्यक्रम में शिरकत करने उदयपुर पहुंचे डॉ. पूनिया ने टिकट वितरण से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ‘उपचुनाव में टिकट वितरण पर निर्णय हर बार की तरह पार्लियामेंट्री बोर्ड ने ही लिया है’.

पार्टी ने परिवारवाद से किया किनारा- पूनियां
परिवारवाद और टिकट वितरण को लेकर डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘केंद्रीय संगठन ने इस बार पार्टी के नेताओं के पारिवारिक सदस्य को टिकट नहीं देने का नीतिगत फैसला लिया है. राजस्थान में ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में जहां भी उपचुनाव हो रहे हैं वहां परिवारवाद या वंशवाद को दरकिनार किया गया है’. अब कोई बीजेपी के मुखिया से ये पूछे की हाल ही में राजसमंद में दिवंगत किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी को किसने टिकट दिया था?.

‘भाजपा कार्यकर्ता हैं अनुशासित, मना लेंगे बागियों को’
बगावत करने वाले नेताओं पर कार्रवाई के सवाल पर डॉ. पूनिया ने कहा कि, ‘अभी फिलहाल मामला गरम है. टिकट नहीं मिलने पर नेता भावनात्मकता की वजह से विरोध करते हैं और बगावत का कदम उठाते हैं. ऐसे नेताओं से बातचीत कर उन्हें नामांकन वापस लेने को लेकर मना लिया जाएगा’. पूनिया ने कहा कि, ‘भाजपा कार्यकर्ता अनुशासित है. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी के वरिष्ठ नेता इस नाराज़गी को सक्षम तरीके से सुलझाने में कामयाब होंगे’.

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गुटबाजी और बगावत क्या बिगाड़ेगी खेल!
वल्लभनगर और धरियावद में टिकट चयन के बाद से भाजपा बगावत से दो चार हो रही है. दोनों सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद से विरोध के स्वर मुखर होने शुरू हो गए हैं. धरियावद में जहां दिवंगत विधायक गौतम लाल मीणा के पुत्र कन्हैया लाल मीणा और उनके समर्थक टिकट नहीं मिलने से नाराज़ है और निर्दलीय चुनावी दंगल में उतर चुके हैं. तो वहीं वल्लभनगर में तो भाजपा दो तरफा घिर गई है. जनता सेना प्रमुख व भाजपा के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं तो भाजपा के बागी उदयलाल डांगी को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने अपना प्रत्याशी बना लिया है.

केवल ट्विटर पर जिंदा है कांग्रेस- पूनियां
बगावत से जूझ रही पार्टी के मुखिया पूनियां का दावा है कि वो दोनों सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. पूनियां ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस पूरे देश में सिर्फ ट्विटर पर जिंदा है. आपको बता दें कि भाजपा ने वल्लभनगर में युवा नेता हिम्मत सिंह झाला और धरियावद में खेत मीना पर दांव खेला है.

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‘पार्टी के लोगों को सुरक्षा नहीं दे पाए, प्रदेश के लोगों को क्या देंगे’
वल्लभनगर में बीजेपी की नामांकन सभा को सम्बोधित करते हुए बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि, ’25 लाख युवाओं ने परीक्षा दी, बेरोजगारों के साथ कैसा अन्याय हुआ कि सरकार की नाक के नीचे संगठित तरीके से नकल हुई. इतने बड़े पैमाने पर नकल हुई की बेरोजगारों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा. किसानों को लोन माफ करने और बेरोजगारों को भत्ते के नाम पर गुमराह किया’. गुरुवार की नोखा की घटना पर कहा कि, ‘जो मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकता, वो राजस्थान के लोगों को सुरक्षा कैसे देगा’. आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर बीकानेर के नोखा का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ बदमाश दिन दहाड़े कांग्रेस पार्टी के एक पदाधिकारी को बुरी तरह पीटते दिख रहे हैं.

नामांकन के बाद अब मान मनुहार में जुटे रणनीतिकार
अब आज पार्टी के प्रत्याशियों के नामांकन के बाद भाजपा के रणनीतिकारों का फोकस पार्टी के बागियों को मनाने की रहेगी. नाम वापसी के दिन तक काफी गहमागहमी का दौर रहने वाला है. भाजपा को पूरा विश्वास है कि धरियावद में बागी हुए कन्हैया और वल्लभनगर में रणधीर सिंह भींडर को मना लिया जाएगा. अगर ये दोनों अपना नामांकन वापस नहीं लेते हैं. तो पार्टी के प्रत्याशियों के लिए राह आसान नहीं होगी. वल्लभनगर में तो यहां तक कहा जा रहा है कि, वर्तमान हालात को देखते हुए कहा जा रहा है पार्टी यहां चौथे स्थान पर भी आ सकती है. अब देखने वाली बात यह रहेगी कि भाजपा के बागी के RLP में जाना वल्लभनगर में कितना नुकसान पहुंचाता है.

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