राजस्थान की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में 19 नए जिलों की घोषणा की थी. चुनाव हुए और सरकार बदली तो नियम बदलना लाजमी था. वर्तमान सीएम भजनलाल शर्मा ने नए जिलों के रिव्यू के लिए बनी एक कमेटी का गठन किया है जो सब-कमेटी को रिपोर्ट पेश करेगी. यह सब कमेटी नए जिलों को लेकर मंथन करेगी और मुख्यमंत्री को इसकी रिपोर्ट सौंपेगी. इस बीच गंगापुर सिटी के कांग्रेस विधायक रामकेश मीना ने गंगापुर को जिला बनाए जाने को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है. कांग्रेस विधायक ने गंगापुर जिले से छेड़छाड़ न करने की हिदायत दी है.
कांग्रेस विधायक रामकेश मीना ने कहा कि हम ईंट से ईंट से बजा देंगे. पीछे नहीं हटेंगे. गंगापुर जिले से छेड़छाड़ बर्दास्त नहीं करेंगे. गंगापुर की जनता अपनी जान पर खेल जाएगी. अब निरस्त नहीं होने देगी. विधायक रामकेश मीना ने आगे कहा कि गंगापुर जिला बनने पर पूरे मापदंड तय करता है. करौली जिला बना तब हमने जहर का घूंट पीकर उसको सहन किया. गहलोत सरकार ने गंगापुर को जिला बनाया है. अगर यह जिला निरस्त हुआ तो शांत नहीं बैठेंगे.
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दरअसल, अशोक गहलोत सरकार में बने 19 जिलों की उपयोगिता पर बीजेपी ने सवाल उठाए थे. भजनलाल सरकार ने 12 जून को नए जिलों के रिव्यू के लिए राज्य के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में कैबिनेट सब-कमेटी बनाई थी. सीएम भजनलाल शर्मा ने एक और कमेटी बनाई है, जो 17 नए जिलों और 3 संभागों की रिव्यू करेगी. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जिलों के पुनर्गठन पर एक समिति के गठन को मंजूरी दी है. पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता कमेटी गठित हुई. नए जिलों के रिव्यू के लिए बनी कैबिनेट सब-कमेटी को रिपोर्ट देगी.
इस कैबिनेट सब-कमेटी में उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को सदस्य बनाया गया था. मंत्रियों की कमेटी गहलोत राज के जिलों को बरकरार रखने और कई जिलों को खत्म करने पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
बता दें कि गहलोत सरकार ने 19 जिलों के गठन को स्वीकृति देकर राजस्थान में जिलों की संख्या को 50 कर दिया था. राजधानी जयपुर के दो भी दो हिस्से किए गए. पहला जयपुर और दूसरा जयपुर ग्रामीण. दूदू को नया जिला घोषित कर जयपुर से अलग किया गया. इनके अलावा, अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर), बालोतरा (बाड़मेर), ब्यावर (अजमेर), डीग (भरतपुर), डीडवाना-कुचामन (नागौर), गंगापुरसिटी (सवाई माधोपुर), जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी (अजमेर), कोटपूतली-बहरोड़ (अलवर), खैरथल (अलवर), नीम का थाना (सीकर), फलौदी (जोधपुर), सलूम्बर (उदयपुर), सांचौर (जालोर) और शाहपुरा (भीलवाड़ा) को अन्य जिलों में शामिल किया गया था.
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नयी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 19 नए जिलों के बारे में समीक्षा के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी ललित के पंवार की समिति के गठन को मंजूरी दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि भजनलाल सरकार एक दर्जन जिलों को रद्द कर सकती है. क्योंकि कुछ नए जिले ऐसे हैं, जो सीमांकन और आबादी के लिहाज से पैमाने पर पैमाने पर फिट नहीं बैठ रह है. ऐसे नए जिलों पर अब संकट के बादल मंडराते जा रहे है.
इन जिलों पर मंडराया खतरा
सूत्रों की मानें तो राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार करीब 12 जिले ऐसे में हैं, जो सीमांकन और आबादी के लिहाज से जिला बनाने के पैमाने पर फिट नहीं बैठ रहे हैं. ऐसे में इन जिलों को रद्द किया जा सकता है. इनमें जयपुर का दूदू, अलवर का खैरथल-तिजारा, भीलवाड़ा का शाहपुरा, जालोर का सांचौर, भरतपुर का डीग, सवाई माधोपुर का गंगापुर सिटी, जयपुर का कोटपूतली-बहरोड़, उदयपुर का सलूम्बर, सीकर का नीमकाथाना, अजमेर का केकड़ी, बीकानेर का अनूपगढ़ और जोधपुर का फलोदी शहर शामिल है.