Politalks.News/JammuKashmir. कश्मीर में एक के बाद एक हुई हत्याओं ने घाटी के साथ साथ देश भर की राजनीति को गरमा दिया है. 5 अक्टूबर से घाटी में शुरू हुआ खुनी खेल रविवार तक जारी रहा. सबसे पहले 5 अक्टूबर को प्रसिद्ध फार्मासिस्ट माखनलाल बिंद्रू को आतंकियों ने उनके मेडिकल स्टोर में घुसकर गोली मार दी थी. उसी दिन आतंकियों ने बिहार के वीरेंद्र पासवान को मार डाला जो कि भेलपुरी और गोलगप्पे का ठेला लगता था. वहीं 7 अक्टूबर को श्रीनगर में आतंकियों ने ईदगाह इलाके में एक स्कूल में घुसकर दो टीचर्स की हत्या कर दी जिसके बाद से केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई. तो वहीं 16 अक्टूबर को आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह इलाके में बिहार के एक हॉकर को गोली मार दी, तो पैसे से कारपेंटर सगीर अहमद की भी आतंकियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. अहमद उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं. कश्मीर में हुए इस आतंकी खेल में देश राजनीतिक दलों की ओर से सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.
कश्मीर में हुए इस आतंकी हमले में दो बिहारियों की मौत को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार एवं केंद्र सरकार पर निशाना साधा. तेजस्वी ने कहा कि ‘पिछले कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में गैर कश्मीरियों पर हुए आतंकवादी हमले में अब तक चार बिहार वासियों की जो हत्या हुई है उसके लिए नीतीश कुमार और उनकी सरकार जिम्मेदार है. वहीं तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार से मांग करते हुए मृतक परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की बात कही’.
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नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि ‘अगर नीतीश कुमार के 16 साल के शासनकाल के दौरान बिहार में रोजगार सर्जन हुआ होता तो हर साल लाखों की संख्या में बिहार के लोग दूसरे राज्यों काम की तलाश में नहीं जाते’. वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र की मोदी सरकार से कश्मीर घाटी में आतंक की सफाई के लिए अलग ढंग से अपील की. मांझी ने ट्वीट करते हुए कश्मीर को सुधारने की जिम्मेवारी बिहारियों को देने की बात कही.
मांझी ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर में बिहारियों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. उससे अब मन व्यथित हो गया गया है. कश्मीर में लगातार हमारे निहत्थे भाइयों की हत्या की जा रही है. अगर हालात में बदलाव नहीं हो पा रहा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जी से आग्रह है कि कश्मीर को सुधारने की जिम्मेवारी हम बिहारियों पर छोड़ दें, 15 दिन में अगर सुधार नहीं दिया तो कहिएगा’.
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जम्मू कश्मीर में प्रवासियों की मौत पर गृह मंत्री अमित शाह या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एक बयान की मांग की. राउत ने कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर में आज स्थिति चिंताजनक है. बिहारी प्रवासियों, कश्मीरी पंडितों और सिखों को निशाना बनाया जा रहा है. जब पाकिस्तान की बात होती है, तो आप सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं. फिर, यह चीन के लिए भी किया जाना चाहिए. रक्षा मंत्री या गृह मंत्री को चाहिए राष्ट्र को बताएं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की स्थिति क्या है’.
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वहीं बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा, ‘मेरा मानना है कि ये हत्याएं पाकिस्तान समर्थकों और तालिबान समर्थकों के समर्थन से की जाती हैं. मैं इन घटनाओं की कड़ी निंदा करता हूं. मुझे विश्वास है कि सरकार, पीएम मोदी के मार्गदर्शन में, इस घटना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.’ बता दें कि अब तक घाटी में हुई इन घटनाओं के लिए नए आतंकी संगठनों के नाम सामने आ रहे हैं. रविवार को बिहार के जिन दो श्रमिकों को मारा गया है, उसकी जिम्मेदारी यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट-जम्मू एंड कश्मीर (यूएलएफ जेके) ने ली है. तो वहीं पहले शिक्षकों की हत्या की जिम्मेदारी नए आतंकी संगठन ‘गिलानी फोर्स’ने ली थी. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान घाटी में नए आतंकी संगठनों के गठन के साथ उनकी मदद से अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने के लिए नया गेम प्लान तैयार कर रहा है.