पॉलिटॉक्स ब्यूरो. जेएनयू में जाकर साइलेंट प्रोटस्ट करना एक पब्लिस्टिी स्टंट था या फिर कुछ और, ये तो पता नहीं लेकिन दीपिका पादुकोण का ये कारनामा राजनीति गलियारों में हलचल जरूर मचा गया. दीपिका ने जेएनयू कैंपस में बीते दिनों हुई हिंसा के विरोध में वहां पहुंच घायल छात्रों से मुलाकात की थी. अब इस बार पर बीजेपी की ओर से जमकर विरोध किया जा रहा है. बीजेपी ने ये गुस्सा उनकी शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म ‘छपाक‘ पर निकाला और कई जगहों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने दीपिका और फिल्म के पोस्टर फूंके. इधर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी दीपिका को टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थक बताया तो वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस खुलकर दीपिका के समर्थन में आ खड़ी हुई और कार्यकर्ताओं ने पतंग उड़ाकर उनका और उनकी फिल्म का समर्थन किया. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कलाकारों को राजनीति से जोड़ना गलत बताया. दीपिका की पहली होम प्रोडक्शन फिल्म ‘छपाक‘ एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित है.
बीजेपी ने पहले छपाक का विरोध सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किया और कुछ हैशटैग से उनकी फिल्म का बायकॉट करने की अपील की. उसके बाद शुक्रवार को इंदौर के आइनॉक्स टॉकीज के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने फिल्म का बहिष्कार करते हुए बैन लगाने की मांग की. यहां न केवल कार्यकर्ताओं ने दीपिका और उनकी फिल्म के पोस्टर जलाए बल्कि जमकर नारेबाजी भी की. दीपिका के कन्हैया कुमार के साथ मंच साझा करने को लेकर भी कार्यकर्ता नाराज हैं. वहीं कांग्रेसी फिल्म के समर्थन में उतरे और पतंग उड़ाई. बता दें, फिल्म छपाक को एक दिन पहले ही कमलनाथ सरकार टैक्स फ्री कर चुकी है.
इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दीपिका पर देश की टुकड़े गैंग का समर्थन होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जो देश के टुकड़े करना चाहते हैं, दीपिका उनके साथ खड़ी हुईं. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘जिसने भी यह खबर (जेएनयू में दीपिका का जाना) पढ़ी होगी, वह यह जानना चाहेगा कि प्रदर्शनकारियों के बीच क्यों गईं? यह हमारे लिए हैरानी की बात नहीं है कि वह उन लोगों के साथ खड़ी हुईं, जो भारत के टुकड़े करना चाहते हैं. वह उनके साथ खड़ी हुईं, जिन्होंने लाठियों से लड़कियों के प्राइवेट पार्ट्स पर हमला किया’.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने अपने ट्विटर हैंडल पर स्मृति ईरानी का एक वीडियो अपलोड किया जिसमें स्मृति कह रही हैं, ‘साल 2011 में दीपिका ने कहा था कि वे कांग्रेस को सपोर्ट करती हैं.’ स्मृति ने जेएनयू हमला मामले पर बयान देते हुए कहा कि अभी जांच चल रही है और जांच के पहलू कोर्ट के सामने रखे जाने तक कुछ कहना ठीक नहीं होगा. बता दें, तेजिंदर पाल बग्गा और इससे पहले साक्षी महाराज भी दीपिका पर टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थक होने का आरोप लगा चुके हैं.
दूसरी ओर, मप्र सीमए कमलनाथ ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वह विचारधाराओं में न बंटें. अपनी सोच, विचार, मनोरंजन और पसंद के अनुसार ही कोई फिल्म देखें. ये उनका अधिकार है. उन्होंने विपक्ष को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विचारधारा के आधार पर एक फिल्म का सपोर्ट और एक का विरोध. ये हम देश को कहां ले जा रहे हैं.
उन्होंने इशारों इशारों में फिल्म ‘छपाक’ का समर्थन और विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘फिल्म और कलाकारों को दलों और विचारधाराओं में बांटना और राजनीति से जोड़ना पूरी तरह से ग़लत परंपरा है. ये परंपरा पिछले कुछ वर्षों से प्रारंभ हुई है. कई फ़िल्में अच्छे सामाजिक संदेश के साथ और सामाजिक बदलाव के उद्देश्य के साथ बनती है. कलाकार भी एक इंसान, उन्हें भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आज़ादी है. उसके लिए उन्हें कोसना, उनका विरोध करना, उनके विरोध में बोलना क़तई उचित नहीं है’. गौरतलब है कि मप्र सरकार इस फिल्म को प्रदेश में पहले ही टैक्स फ्री करने की घोषणा कर चुकी है. सीएम भूपेश बघेल भी छत्तीसगढ़ में फिल्म को टैक्स फ्री किया है.
वहीं भोपाल में बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने अजय देवगन की फ़िल्म ‘तन्हाजी’ को टैक्स फ्री करने की मांग राज्य सरकार से की है. उन्होंने कहा कि इस फ़िल्म को टैक्स फ़्री करने के लिए शिवसेना भी आगे आए और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे कमलनाथ को पत्र लिखें. ये मांग गुरुवार को राज्य सरकार के दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ को टैक्स फ्री करने के बाद उठी. दूसरी ओर, दीपिका पादुकोण की फिल्म के समर्थन में भोपाल में थिएटर के बाहर एनएसयूआई के सदस्यों ने छात्र और छात्राओं को ‘छपाक’ के मुफ़्त टिकिट बांटे. वहीं अन्य जगहों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और एबीवीपी सदस्यों द्वारा ‘तानाजी’ के फ्री पास और टिकट बांटने की खबरें आ रही हैं. फिल्म के समर्थन में कांग्रेसियों ने मकर संक्रांति पर 10 हजार पतंगे बांटने का कार्यक्रम भी रखा है.