Politalks.News/PunjabElection. पंजाब में चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) का घमासान तेज हो चुका है. कांग्रेस पार्टी (Congress) में सीएम चेहरे की घोषणा जल्द करने की बात राहुल गांधी (Rahul Gandhi In Punjab) कह चुके हैं. लेकिन पार्टी के दोनों ही दिग्गज जो रेस में सबसे आगे हैं परिवार से हारते दिख रहे हैं. एक और जहां मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह (Charanjeet Singh Channi) के भाई मनोहर सिंह बस्सी ने पठाना से निर्दलीय पर्चा भर दिया है. दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh sidhhu) NRI बहन ने उन्हें अत्याचारी बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. चुनावी अभियान के बीच परिवारिक मसलों के आगे आने से कांग्रेस को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दोनों दिग्गजों को सवालों का सामना तो करना ही पड़ रहा है.
सिद्धू की सफाई- कुछ लोग सियासत के लिए मेरी मां को कब्र से निकाल लाए
कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह पर उनकी NRI बहन सुमन तूर ने जायदाद के लिए मां को घर से बाहर निकालने के आरोप लगाए हैं. साथ ही सिद्धू को अत्याचारी बताया है. मीडिया के सवालों पर सिद्धू ने शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ी है. सिद्धू ने अपना नामांकन भरने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, ‘कुछ लोग सियासत के लिए मेरी मां को कब्र से निकाल कर ले आए हैं, सिद्धू कभी इतना नहीं गिरा और न ही सिद्धू अपनी मां को इस कीचड़ में गिराएगा. कीचड़ को धोने की अपेक्षा से नवजोत सिद्धू कीचड़ से बहुत दूर रहा है’.
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सिद्धू की बहन ने उन्हें बताया था क्रूर, अत्याचारी
आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को सिद्धू की NRI बड़ी बहन सुमन तूर ने आरोप लगाते हुए दावा किया कि, ‘सिद्धू बहुत ही अत्याचारी हैं और सिद्धू ने पिता भगवंत सिद्धू की मौत के बाद अपनी मां निर्मल महाजन उर्फ निर्मल भगवंत को 1986 में घर से निकाल दिया था’. तूर काआरोप लगाया कि, ‘यह सब सिद्धू ने पुश्तैनी जायदाद को हथियाने के लिए किया. सुमन तूर ने कहा कि सिद्धू ने 1987 में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि जब वह दो साल के थे तो उनके माता-पिता अलग हो गए थे. जिसके बाद उनका माता और बहनों के साथ कोई राफ्ता नहीं रहा’.
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चन्नी का सिर दर्द बनी भाई की बगावत!
दूसरी तरफ बात करें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी परिवारजनों के चलते घिरे हुए हैं. चन्नी के भाई मनोहर सिंह ने शुक्रवार को प्रदेश के बस्सी पठाना विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. कांग्रेस ने फतेहगढ़ साहिब जिले के बस्सी पठाना सीट से मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी का टिकट नहीं मिलने के बाद सिंह ने इससे पहले कहा था कि, ‘वह विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे’ सिंह ने आज संवाददाताओं से कहा कि, ‘वह बस्सी पठाना के लोगों की इच्छानुसार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि उनकी किसी से कोई नाराजगी नहीं है और कोई विद्रोह नहीं है’. सिंह ने पिछले साल खरड़ के सदर असपताल से वरिष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया था. हाल ही में सीएम चन्नी के कजिन भाई जसविंदर सिंह धालीवाल ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. अपने भाई के चुनावी मैदान में उतरने के बाद सीएम चन्नी की स्थिति असहज सी हो गई है. एक तो सीएम का भाई कांग्रेस के खिलाफ मैदान में ताल ठोक रहा है. दूसरा अब पार्टी के लिए चन्नी को अपने भाई के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरना पड़ेगा.