Politalks.News/Uttarpradesh. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने आज उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले काशी-विश्वनाथ धाम (कॉरिडोर) (Vishwanath Dham Project) का उद्घाटन कर दिया. अपने इस मेगा शो में आज पीएम मोदी ने अपने भाषण में ‘राजनीति’ पर कोई बात नहीं की. पीएम मोदी का पूरा भाषण काशी के गौरवशाली अतीत, काशी-विश्वनाथ मंदिर के पुर्ननिर्माण और कॉरिडोर के काम पर केंद्रित रहा लेकिन इशारों ही इशारों में उन्होंने उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के साथ-साथ पंजाब (Punjab) की जनता को भी संदेश दिया. पीएम मोदी ने काशी-विश्वनाथ धाम के काम से पंजाब को कनेक्ट करने के लिए राजा रणजीत सिंह और गुरुनानक देव का जिक्र किया. पीएम ने नानकदेव और अहिल्याबाई होल्कर का जिक्र भी किया.
काशी की गलियों में पैदल घूमे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री आज से दो दिन के वाराणसी दौरे पर हैं. वे सुबह पौने ग्यारह बजे काशी पहुंचे. सवा ग्यारह बजे उन्होंने काल भैरव मंदिर में पूजा की. पूजा के बाद वे पैदल ही खिड़किया घाट तक गए. यहां से मोदी क्रूज में बैठकर ललिता घाट पहुंचे. ललिता घाट पर गंगाजी में डुबकी लगाकर गंगाजल लेकर मोदी काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे. गंगाजल से बाबा का अभिषेक किया. शाम को पीएम मोदी गंगा आरती में भी शामिल होंगे. वाराणसी मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है.
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सिख धर्मगुरुओं और राजा रणधीर सिंह का किया जिक्र
वहीं संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने बिना सियासी बात किए काशी का संबंध पंजाब, पश्चिमी यूपी और महाराष्ट्र से जो दिया. आपको बता दें कि, ‘पंजाब के साथ-साथ वेस्ट यूपी में बड़ी संख्या में सिख आबादी रहती है. सिख बड़ी संख्या में खेती-किसानी से जुड़े हैं. हाल ही सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की है. आज एक बार फिर सिख धर्मगुरुओं और काशी विश्वनाथ धाम को जोड़ते हुए पीएम ने संदेश देने की कोशिश की. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘राजा रणधीर सिंह ने बाबा विश्वनाथ मंदिर की आभा बढ़ाने के लिए यहां 23 मन सोना चढ़ाया था यह सोना मंदिर के शिखर में जड़ा गया था. गुरुनानक देव ने भी काशी आकर यहां सत्संग किया था. सिख धर्म के अन्य गुरुओं का भी काशी से रिश्ता रहा है’. पीएम ने कहा कि, ‘पंजाब के लोगों ने काशी-विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए दिल खुलकर दान दिया था. रानी लक्ष्मीबाई से चंद्रशेखर आजाद तक कितने ही महापुरुषों की कर्मभूमि काशी रही है. काशी अनंत है. काशी का योगदान अनंत है.
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अहिल्याबाई होल्कर को किया याद
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘पूरब-उत्तर को जोड़ती हुई यूपी में स्थित काशी में विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण महारानी अहित्याबाई होलकर ने कराया था जो महाराष्ट्र की रहने वाली थीं. ढाई साल पहले उन्होंने इतना कुछ कराया था. तबके बाद अब जाकर काम हुआ है’.
जब मैं यहां आया था तब कुछ लोग बनारस के लोगों पर करते थे संदेह- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने के साथ ही विरोधियों पर भी जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि, ‘जब मैं बनारस आया तो एक विश्वास लेकर आया था. विश्वास अपने से ज्यादा बनारस के लोगों का था. तब कुछ लोग जो बनारस के लोगों पर संदेह करते थे. वह लोग कहते थे कि कैसे होगा? होगा ही नहीं. कहते थे कि यहां तो ऐसा ही चलता है. मोदी जैसे बहुत आकर चले गए. मुझे आश्चर्य होता था कि बनारस के लिए कैसे इस तरह की धारणाएं बना दी गई थीं’.
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‘काशी में एक ही सरकार है जिनके हाथ में है डमरू’
पीएम ने निशाना साधते हुए कहा कि, ‘मुझे पता था कि ये जड़ता बनारस की नहीं थी. हो भी नहीं सकती थी. इसमें थोड़ा बहुत राजनीति और थोड़ा निजी स्वार्थ था. बनारस पर आरोप लगाए जा रहे थे लेकिन काशी तो काशी है. काशी तो अविनाशी है. काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, यहां महादेव की सरकार है’. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हो उस काशी को भला कौन रोक सकता है. काशी खंड में भगवान शिव ने खुद कहा है कि बिना मेरी प्रसन्नता के काशी में कौन आ सकता है, कौन इसका सेवन कर सकता है. काशी में महादेव की कृपा के बिना न कोई आता है, और न ही कुछ होता है. यहां जो भी होता है महादेव की इच्छा से होता है. जो भी हुआ महादेव ने ही किया है’.
मोदी ने मजदूरों को श्रेय दिया, उन पर फूल बरसाए
पीएम मोदी ने कॉरिडोर को आकार देने वाले मजदूरों पर फूल बरसाए और बोले, ‘मैं आज अपने हर श्रमिक भाई-बहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में रहा है. कोरोना के इस विपरीत काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया. मुझे अभी इन साथियों से मिलने का अवसर मिला. उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला’. समारोह के बाद पीएम ने मजदूरों के साथ भोजन भी किया.