पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में पंचायतीराज चुनावों को लेकर हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद प्रदेश में पंचायत चुनाव से बची हुई पंचायतों के चुनाव तय समय पर करवाने को लेकर उपमुख्यमंत्री के साथ ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है. पीसीसी में जानकारी देते हुए पायलट ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है, जिसके बाद अब चुनाव के रास्ते खुल चुके हैं. पंचायत चुनाव में अब कोई बाधा नहीं रह गई है, ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव समय पर करवाने चाहिए.
पी.सी. मेहरा, आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में सचिन पायलट ने कहा है कि अब निर्वाचन आयोग को चाहिए कि पंचायतों के 5 साल के कार्यकाल पूरा होने से पहले चुनाव हो जाएं. इसके लिए उनके विभाग ने पूरा काम कर लिया है. चाहे वह वार्डों का पुनसीमांकन हो या फिर नोटिफिकेशन के हिसाब से मंत्रालय की जो कार्रवाई हो उसे पूरी करना हो, पंचायती राज विभाग ने अपना काम पूरा कर लिया है.
इसके साथ ही पायलट ने यह भी कहा कि मार्च महीने में प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाएं आने वाली है, ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है कि वह जल्द चुनाव करवाएं क्योंकि चुनाव करवाने का काम निर्वाचन आयोग का ही है. चुनाव करवाने के लिए निर्वाचन आयोग की जो भी जरूरत होगी, प्रदेश सरकार उसे पूरी करने को तैयार है. पायलट ने कहा कि अब जब कोर्ट की ओर से कोई बाधा नहीं है, तो ऐसे में समय पर चुनाव ना हो सके तो यह गलत होगा.
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गौरतलब है कि राजस्थान में पंचायत चुनाव को लेकर इन दिनों भ्रम की स्थिति बनी हुई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के चौथे चरण के चुनावी कार्यक्रम पर आगामी आदेशों तक रोक लगा रखी है. पहले के तीन चरणों में भी नवगठित पंचायतों में चुनाव नहीं होंगे. ऐसे में पहले के तीन चरणों में जिन पंचायतों में चुनाव कराया जाना प्रस्तावित था उनकी संख्या भी घट गई है.