Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव-2025 को लेकर सियासी सरगर्मी अब तेज हो चली हैं. मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन में होना तय है. हालांकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी अलग मोर्चा खोल चुकी हैं और तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं. वहीं असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और मुकेश सहनी की वीआईपी गफलत में हैं. सीट बंटवारे को लेकर उनकी सहमति नहीं बन पा रही है. इसी तरह की कुछ गफलत महागबंधन में भी चल रही है जिनके बीच सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंस गया है.
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यहां कांग्रेस ने तो समझदारी दिखाते हुए 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की अपनी मंशा दर्शा दी है, जबकि पिछली बार कांग्रेस ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. अब उन्होंने अपनी पसंदीदा और अधिकांश ग्रामीण इलाकों वाली अपनी मजबूत सीटों पर अधिकार जताया है. हालांकि तेजस्वी यादव को सीएम फेस बताने के मुद्दे को टालने की बात सामने आयी है.
सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन की बैठक में बिहार की 243 विधानसभा सीटों के बंटवारे और गठबंधन की एकजुटता को मजबूत करने को लेकर चर्चा हुई. इसमें कांग्रेस ने पिछले चुनाव में मिली 70 सीटों की तुलना में इस बार 50 सीटों पर दावेदारी जताई, लेकिन अपनी पसंद की ग्रामीण सीटों पर जोर दिया, जहां उसका प्रदर्शन बेहतर रहा है. वहीं भाकपा-माले ने 45 सीटों और भाकपा ने 24 सीटों की मांग की, जिसने राजद के सामने सीट बंटवारे की चुनौती को और जटिल कर दिया.
सीएम फेस पर बहस को कांग्रेस ने टाला
महागठबंधन के सूत्रों के अनुसार, RJD और वाम दलों ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने पर सहमति जताई, लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे पर फैसला टालने की बात कही. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव बाद तय किया जाएगा. इसके पीछे की गणित ये है कि ज्यादा सीटें आने पर कांग्रेस भी सीएम पद का दावेदार खड़ा कर सकती है. अगर ऐसा न हुआ तो भी डिप्टी सीएम और गृह मंत्रालय पर हक तो जमा ही सकती है.
सहनी की अनुपस्थिति चर्चा का विषय
महागठबंधन की छठी बैठक में मुकेश सहनी की अनुपस्थिति बैठक में सबसे बड़ा चर्चा का विषय रही. वीआईपी प्रमुख ने हाल ही में 60 सीटों पर चुनाव लड़ने और महागठबंधन की सरकार बनने पर डिप्टी सीएम पद की मांग की थी. उनकी इस मांग ने गठबंधन में तनाव पैदा किया, क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल उन्हें केवल 10-15 सीटें देने को तैयार है. मुकेश सहनी की अनुपस्थिति और उनकी 60 सीटों की मांग ने RJD और कांग्रेस के बीच तनाव को उजागर किया है.
इस बैठक में RJD के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, मनोज झा, संजय यादव, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार, विधायक दल के नेता शकील अहमद, भाकपा, माकपा, भाकपा-माले के प्रदेश सचिव और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
बैठक में छूट गए कई अनसुलझे सवाल
महागठबंधन के महामंथन पर आयोजित यह बैठक कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई. सहनी की अनुपस्थिति और कांग्रेस का सख्त रुख गठबंधन की एकता पर सवाल उठा रहे हैं. आने वाले दिनों में सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर होने वाली बातचीत बिहार के सियासी समीकरण को और दिलचस्प बनाएगी.



























