PoliTalks.news/Rajasthan. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां (Satish Poonia) ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और उनकी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अशोक गहलोत कांग्रेस को टूट से बचाने के लिए विधायकों को जैसलमेर ले गए, लेकिन अब सरकार कहां तक भागेगी. आगे तो अब पाकिस्तान ही है. अच्छा है इन सबको एक-एक पीपा और दे दो, टिड्डी भगाने के काम आएंगे. इससे किसानों का कुछ तो भला होगा, किसानों का कर्जा तो आपने माफ किया नहीं.
बीजेपी नेता ने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं, कोई खतरा नहीं है, सब ठीक है तो बाड़ा क्यों और बिकाऊ कौन है? उनके नाम सार्वजनिक करिये. मुख्यमंत्री को बाड़े में भी विधायकों पर अविश्वास क्यों है? जयपुर से जैसलमेर के बाद आगे तो पाकिस्तान है, हकीकत से कब तक दूर भागेंगे जादूगर जी.
एक अन्य ट्वीट में सतीश पूनियां ने कहा कि अशोक गहलोत जी का प्रवचन सुना, दिल्ली जाना कौनसा गुनाह है? आप भी दिल्ली-मुम्बई जाते हो? हम भी भाजपा के काम से बार-बार जाएंगे, तो क्यों बता कर जाएं. यह हास्यास्पद है कि दिल्ली जाने का मतलब सरकार गिराना है, मुख्यमंत्री गहलोत भाजपा को क्यों दोष देते हैं, सरकार गिर रही है तो बचाना हमारी जिम्मेदारी है क्या?
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वहीं शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि सरकार इस सत्र में भी विपक्ष द्वारा उठाये जाने वाले मुद्दों का सामना नहीं कर पायेगी, हम पूरी तैयारी के साथ प्रदेश के आमजन के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के लिये तैयार हैं, पिछले दो सत्रों में भी सरकार घुटने के बल थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो स्थिति राजस्थान में है, वो कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों के लिए आत्मघाती है, मुख्यमंत्री ने भी तय कर लिया होगा कि कांग्रेस उनके हाथ से खत्म हो, महात्मा गाँधी तो नहीं कर पाये, उनके आचरण से लग रहा है कि इस जिद के कारण खुद की पार्टी टूट रही है और वो राजी हो रहे हैं.
सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री धमकियां दे रहे हैं, मुकदमे लगवा रहे हैं, बात लोकतंत्र की कर रहे हैं और तानाशाही उनके खुद के दिमाग में है, गवर्नेंस के नाम पर जीरो हैं. मुख्यमंत्री के इस आचरण से कांग्रेस की तीसरी पीढ़ी विशेषकर युवा नेतृत्व उपेक्षित हो रहा है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत की जिद से उनकी सरकार एवं पार्टी पर संकट है, इनके लोग एक्सपोज हो चुके हैं, ऐसे में स्पीकर की निष्पक्षता बची थी, उसको भी इन्होंने तार-तार करवा दिया, जिसके बारे में पूरा प्रदेश अच्छे से जान चुका है.
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मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट किये जाने को लेकर पूनियां ने कहा कि जैसलमेर से आगे विधायकों को कहाँ ले जायेंगे, आगे पाकिस्तान आ जाता है, दूसरी तरफ गुजरात है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बात तो करते हैं लोकतंत्र की, नैतिकता की, संविधान की, 2008 और 2018 में बसपा एवं छोटे दलों की बैसाखी के सहारे उन्होंने मैंडेट हासिल किया और किसी ना किसी तरीके से इन विधायकों को मैनेज किया होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से विधायकों को बाड़ाबंदी में रखा जा रहा है, पूरा प्रदेश और देश देख रहा है, जब कांग्रेस में एकता है, भय नहीं है तो फिर बाड़ा खोल दो, फिर जगह-जगह विधायकों को बाड़े में क्यों रखा जा रहा है?
पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री को किस बात का डर है, आप तो लोकतंत्र के ज्ञाता हो, आपको तो डर होना ही नहीं चाहिये, बाडे़ में रखकर विधायकों को परेशान किया जा रहा है, उनके घरवाले उनसे मिलने के लिए परेशान हो रहे हैं. आप बाड़ा खोलो, सरकार चलाओ, फेयरमाउंट के बजाए सचिवालय से काम करो, आमजन को काम होगा तो जैसलमेर कैसे जायेगा?
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टिड्डी नियंत्रण को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पूनियां ने कहा कि टिड्डी नियंत्रण के मामले में केन्द्र सरकार ने पूरा एक्शन प्लान बनाया है, उसको लेकर काम भी तेजी से चल रहा है, लेकिन राज्य सरकार के सहयोग के बिना यह सम्भव नहीं है, राज्य सरकार को यह कंफर्ट है कि वो केन्द्र पर झूठे आरोप लगाकर खुद पल्ला झाड़ लेती है. जरूरत इस बात की है कि केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकार को भी सामंजस्य बनाने की जरूरत है, जिससे इस समस्या का पूरी तरह समाधान हो सके, इसके लिये केन्द्र सरकार की तरह राज्य सरकार के स्तर पर भी ठोस कार्ययोजना की जरूरत है.