Politalks.News/AjitDobhal. ‘आज देश में कुछ लोग ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो देश की प्रगति में रोड़े अटका रहा है, ऐसे लोगों की केवल निंदा करना काफी नहीं है, बल्कि इनके खिलाफ एक्शन लेने की जरूरत है,’ ये कहना है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का. देश में लगातार बढ़ रही हिंसक घटनाओं को लेकर माहौल गर्म है. इसी बीच शनिवार को दिल्ली में NSA अजित डोभाल की अध्यक्षता में अखिल भारतीय सूफी सज्जादनशीन परिषद के अंतर धार्मिक सम्मेलन में आयोजन किया गया. इस सम्मलेन में सभी धार्मिक नेताओं ने PFI और ऐसे ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव पारित किया. वहीं NSA अजित डोभाल ने कहा कि, ‘कुछ लोग धर्म और विचारधारा के नाम पर वैमनस्यता पैदा करते हैं जो पूरे देश को प्रभावित करता है. इसका मुकाबला करने के लिए धर्मगुरुओं को मिलकर काम करना होगा.’
शनिवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ‘कॉन्स्टिट्यूशन क्लब’ में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (एआईएसएससी) के अंतरधार्मिक सम्मेलन में शिरकत की. इस सम्मलेन में डोभाल ने विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं की उपस्थिति PFI जैसे राष्ट्र विरोधी संगठनों पर रोक लगाने के प्रस्ताव को पास भी किया. इस दौरान सम्मलेन को संबोधित करते हुए अजित डोभाल ने कहा कि, ‘सभी नागरिकों से अपने मतभेदों को दूर करने के लिए मिलकर काम करना होगा. भारत में ऐसे तत्व हैं जो धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. धार्मिक दुश्मनी का मुकाबला करने के लिए हमें एक साथ काम करना होगा और हर धार्मिक व्यक्ति को यह महसूस कराना होगा कि वे भारत का हिस्सा हैं.’
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अजित डोभाल ने आगे कहा कि, ‘समाज में गलतफहमियों को दूर करने और हर धार्मिक संस्था को इसका हिस्सा बनाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है. पिछले कुछ साल से देश जो तरक्की कर रहा है इससे जो फायदा होगा, वह हर हिंदुस्तानी को होगा. धार्मिक दुश्मनी का मुकाबला करने के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा. हमें देखते रहने के बजाय अपनी आवाज को मजबूत करने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर अपने मतभेदों को दूर करना होगा. हमें भारत के हर वर्ग को यह महसूस कराना है कि हम एक साथ एक देश हैं, हमें इस पर गर्व है और यहां हर धर्म को स्वतंत्रता के साथ स्वीकार किया जाता है.’
वहीं इस सम्मलेन में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. इसमें राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी संगठन या व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आह्वान किया गया. कार्यक्रम में मौजूद सूफी नेताओं समेत सभी ने एकसुर में कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन और ऐसे किसी भी अन्य संगठन जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए. वहीं AISSC के अध्यक्ष हज़रत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि, ‘समय की आवश्यकता कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने और उन पर प्रतिबंध लगाने की है.
चिश्ती ने आगे कहा कि, ‘हम किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की निंदा करते हैं. यह कुछ करने का समय है. समय की आवश्यकता को देखते हुए कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध लगाओ. कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. सर तन से जुदा हमारा नारा नहीं है बल्कि यह तो इस्लाम विरोधी नारा है. एक एंटी रैडिकल फ्रंट स्क्वॉड बनाया जाए, जिसमें सभी संगठन एक साथ आएं. अगर पीएफआई के खिलाफ सबूत हैं तो उन पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएं.’
गौरतलब है कि सर तन से जुदा नारा तब सामने आया था जब पहले भाजपा से निष्कासित नेता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की और फिर उदयपुर में दो मुस्लिम लोगों ने नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने पर दर्जी कन्हैयालाल की सिर काटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में दोनों आरोपी गिरफ्तार हैं और एनआईए जांच कर रही है.