2024 की लड़ाई में अखिलेश और KCR होंगे एक साथ, 9 से सपा की ‘देश बचाओ-देश बनाओ’ पदयात्रा

अखिलेश यादव की दिल्ली में तेलंगाना के मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद से सियासी गलियारों में आगामी 2024 को लेकर अटकलों का दौर हुआ शुरू, दोनों नेता म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग पर एक-दूसरे के राज्यों में करना चाहते हैं पार्टी का विस्तार, अगर दोनों पार्टियों का विस्तार होता है दोनों राज्यों में तो राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनने में मदद मिलेगी दोनों को, समाजवादी पार्टी 9 अगस्त से प्रदेश भर में 'देश बचाओ-देश बनाओ' पदयात्रा निकालने का लिया निर्णय

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Politalks.News/LoksabhaElection2024. उत्तप्रदेश विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली हार के बाद से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. लोकसभा उपचुनाव से पहले महान दल ने सपा का साथ छोड़ा तो वहीं अब सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बयानों को ध्यान में रखते हुए अखिलेश ने उन्हें भी आजादी दे दी है. अब अखिलेश यादव हालिया चुनावों में मिली हार से बाहर आकर अब एक बार फिर उत्तरप्रदेश में पार्टी की जमीन और राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को अखिलेश ने पार्टी मुख्यालय पर नेताओं से चर्चा के बाद सड़कों पर उतरने का फैसला लिया. समाजवादी पार्टी 9 अगस्त से प्रदेश भर में ‘देश बचाओ-देश बनाओ’ पदयात्रा निकालने का निर्णय किया है. इससे पहले अखिलेश ने दिल्ली में तेलंगाना के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद से सियासी गलियारों में आगामी 2024 के आम चुनावों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है.

उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी अब लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुट गई है. सियासी गलियारों में इसकी चर्चा भी सुनने को मिल रही है कि अखिलेश ने इसकी शुरुआत कर दी है. आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए समाजवादी पार्टी आगामी नौ अगस्त को ‘देश बचाओ, देश बनाओ समाजवादी पदयात्रा’ निकालेगी. इस पदयात्रा के जरिये अखिलेश यादव पार्टी को जमीन पर मजबूत करना चाहते हैं और लोगों का मन भी टटोलना चाहते हैं. पूर्वांचल के गाजीपुर से इसके पहले चरण की शुरुआत की जाएगी. पहले चरण बलिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, भदोही होते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के क्षेत्र वाराणसी में समाप्त होगा. पहले चरण का समापन 27 अक्टूबर को वाराणसी में होगा. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव का मेगा प्लान पूर्वांचल में ओम प्रकाश राजभर को भी चुनौती देगा.

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वहीं अखिलेश यादव पदयात्रा के साथ साथ आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने गठबंधन को भी मजबूत करने में जुटे हैं. अखिलेश यादव स्थानीय गठबंधन से अलग होकर अब बड़े स्तर पर गठबंधन की तैयारियों में जुटे हैं. शुक्रवार को इसके लिए अखिलेश यादव ने दिल्ली में तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR से मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर सियासी अटकलों का बाजार बेहद गर्म हो गया है. क्योंकि KCR भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह ही दिल्ली कूच को लेकर तत्पर है. तेलंगाना से बाहर निकलकर KCR अपनी पार्टी का देश के अन्य राज्यों में विस्तार करना चाहते हैं. इसके साथ ही अखिलेश यादव भी देश के अन्य राज्यों में पार्टी का विस्तार करना चाहते है.

सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी केसीआर की पार्टी को उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए सीट दे सकती है. KCR अपनी पार्टी का विस्तार चाहते हैं ऐसे में 2024 के चुनाव में केसीआर की अहम भूमिका भी हो सकती है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2024 के चुनाव को लेकर केसीआर से चर्चा भी की है. दोनों नेताओं के बीच लगभग 2 घंटे तक मुलाकात का दौर चला. बताया जा रहा है कि इस दौरान राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं के साथ इस बैठक में सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे. KCR के पुत्र भी लखनऊ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के लिए पहले लखनऊ आ चुके हैं. आपको बता दें कि केसीआर के मुलायम सिंह यादव से रिश्ते भी अच्छे रहे हैं. दोनों नेता म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग पर एक -दूसरे के राज्यों में पार्टी का विस्तार चाहते हैं. अगर दोनों पार्टियों का विस्तार दोनों राज्यों में होता है तो दोनों को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनने में मदद मिलेगी.

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आपको बता दें कि कुछ महिनों से KCR राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने के संकेत दे चुके हैं. वह देश के दूसरे राज्यों में टीआरएस को विस्तार देने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. इस समय की राजनीतिक हालात के मद्देनजर विपक्षी में केसीआर मोदी को चुनौती देने वाला बड़ा चेहरा माने जा रहे हैं. हालांकि, इसके लिए विपक्षी दलों को एक साथ आना होगा और एक रणनीति के तहत उन्हें काम करना होगा. बताया जा रहा है कि आगामी 2024 के आम चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव देश के कई क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. आपको बता दें कि वह इससे पहले हैदराबाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात कर चुके हैं. आज दिल्ली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और केसीआर की मुलाकात के बाद राजनीतिक उधेड़बुन फिर शुरू हो गई है.

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