बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तान आवाम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आईना दिखाने का काम किया है. एक बड़ा बयान देते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि आपने हमें सीएम बनाया तो हमने आपकी सरकार गिरने से बचा ली. हम दोनों का हिसाब बराबर हो गया. इस बयान के साथ ही मांझी ने उस घटना की भी याद दिला दी जब राम विलास पासवान के वोट नहीं देने से केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गयी थी. पटना के बापू सभागार में हिंदुस्तान आवाम मोर्चा का पंचायत स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जीतनराम मांझी ने विधानसभा में नीतीश सरकार के विश्वास प्रस्ताव का व्याख्यान भी सुनाया.
मांझी ने कहा कि सरकार को बचाने के लिए 122 वोटों की जरूरत थी. उनमें से एक भी कम हो जाता तो सरकार गिर जाती. सरकार को 125 वोट मिले जिसमें से चार हमारी पार्टी के थे. मांझी ने ये भी कहा कि हमसे पहले भी कई लोग संपर्क में थे. हमारे आ जाने से 10 विधायक जो पीछे खड़े थे, वे भी साथ आ गए और सरकार का आंकड़ा 130 हो गया. मांझी ने कहा कि हमें भी सीएम बनने का ऑफर दिया जा रहा था लेकिन हमने कह दिया कि हम नीतीश के साथ रहेंगे. अगर हम साथ नहीं देते तो नीतीश सरकार नहीं बचती.
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कार्यकर्ता सम्मेलन में मांझी ने कहा कि धरती पर सिर्फ दो ही जाति हैं. एक अमीर और दूसरा गरीब. हम गरीबों की बात करते हैं. बेरोजगारों को नौकरी मिलने तक 5 हजार रुपये भत्ता और गरीबों को 5 डिसमिल जमीन देने का काम उनकी प्राथमिकता में शामिल है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था सुधरी है. हम पार्टी मजबूत होगी तो शराबबंदी कानून की समीक्षा होगी. इस दौरान मांझी ने राज्य सरकार सभी जाति-धर्म की लड़कियों को मास्टर्स तक की पढ़ाई फ्री कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि बेटियों को सामान्य ही नहीं बल्कि वोकेशनल शिक्षा भी मुफ्त मिले.