राज्यसभा में कथित मारपीट को लेकर संसद से सड़क तक विपक्ष का संग्राम, उपराष्ट्रपति से की मुलाकात

राज्यसभा में सांसदों के कथित मारपीट ने किया संसदीय परंपरा को खंडित, कथित मारपीट को लेकर विपक्ष ने की उपराष्ट्रपति से मुलाकात, मानसून सत्र की समाप्ति के बाद विपक्ष ने पेगासस, कृषि कानून एवं बढ़ती महंगाई को लेकर निकाला पैदल मार्च, साधा सरकार पर निशाना तो बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने किया सियासी पलटवार

राज्यसभा में कथित मारपीट को लेकर विपक्ष ने की उपराष्ट्रपति से मुलाकात
राज्यसभा में कथित मारपीट को लेकर विपक्ष ने की उपराष्ट्रपति से मुलाकात

Politalks.News/Delhi. संसद के मानसून सत्र के समापन के बाद भी विपक्ष एकजुट होकर सरकार पर लगातार हमलावर है. विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए संसद से पैदल मार्च निकाला और उपराष्ट्रपति से मुलाकात की, इससे पहले  आज प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक की. बैठक के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी कांड, तीनों कृषि कानून एवं बढ़ती महंगाई को लेकर संसद भवन से लेकर विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला. जिसके बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘हमें सदन के अंदर बोलने नहीं दिया गया, राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई यह लोकतंत्र की हत्या है. वहीं राज्यसभा में सांसदों के साथ हुई कथित मारपीट को लेकर विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू से भी मुलाकात की और उन्हें इस पुरे घटनाक्रम से अवगत करवाया. वहीं कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि, ‘संसद के अंदर राहुल गांधी के नेतृत्व में जो कांग्रेस का व्यवहार था उसने देश को लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है’.

संसदीय इतिहास में जुड़ा काला अध्याय
19 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र का समापन भले ही हो गया हो लेकिन संसद का ये सत्र संसदीय इतिहास में कई काले अध्याय जोड़ कर चला गया है. मानसून सत्र के दौरान एक भी ऐसा नहीं निकला जब संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारु रूप से पूर्ण हुई हो. इसी कड़ी में जब कल राज्यसभा में OBC आरक्षण विधेयक में संसोधन बिल पास होने के बाद जब नेशनल इंश्योरेंस बिल पर चर्चा होने लगी तो सदन में जमकर हंगामा हुआ. यहाँ तक कि विपक्ष की ओर संसद में सांसदों के साथ कथित मारपीट का आरोप भी लगाया जा रहा है.

दरअसल विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष हंगामा करते हुए वेल में आ गया जिसके बाद उपसभापति को मार्शल को बुलाना पड़ा. जिसके बाद मार्शल और सांसद एक दूसरे के आमने सामने हो गए. कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रहा है कि सदन में बुलाये गए मार्शल बाहर से बुलाये गए थे जिन्होंने नीली वर्दी पहन रखी थी. राज्यसभा में हुए इस घटनाक्रम को लेकर तमाम विपक्ष ने एकजुट होकर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में मुलाकात की.

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कथित मारपीट एवं कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष का पैदल मार्च
इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने तीनों कृषि कानून, पेगासस एवं बढ़ती महंगाई को लेकर संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला. विपक्षी पार्टियों के इस पैदल मार्च में राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी पार्टियों के दिग्गज नेता मौजूद रहे. पैदल मार्च के बाद राहुल गांधी ने पत्रकारों से वार्ता कर कहा कि संसद के अंदर हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया. जिसके बाद आज हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज मीडिया से बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया. ये देश के लोकतंत्र की हत्या है.

राज्यसभा में पहली बार की गई सांसदों की पिटाई- राहुल गांधी
इस दौरान राहुल गांधी ने राज्यसभा में सांसदों के साथ कथित मारपीट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि, ‘राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई. सरकार ने बाहर से लोगों को बुलाया और उन्हें नीली वर्दी पहनाई गई और बाद में सांसदों के साथ मारपीट की गई. हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री इस देश को बेचने का काम कर रहे हैं. हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री दो-तीन उद्योगपतियों को हिन्दुस्तान की आत्मा बेच रहे हैं. इसलिए विपक्ष सदन के अंदर किसानों, बेरोज़गारों, इंश्योरेंस बिल और पेगासस की बात नहीं कर सकता.

वहीं सांसदों के साथ कथित मारपीट को लेकर शिवसेना सांसद एवं दिग्गज नेता संजय राउत ने कहा कि हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की, यह बेहद शर्मनाक है. ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था’.

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कथित मारपीट को लेकर विपक्ष ने की उपराष्ट्रपति से मुलाकात
सांसदों के साथ हुई कथित मारपीट को लेकर विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा अध्यक्ष एवं उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू से मुलाकात की और उन्हें कल हुए पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाया. इस दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा, NCP प्रमुख शरद पवार, मनोज झा सहित अन्य गणमान्य नेता मौजूद रहे. मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, ‘सदन में हमेशा प्रोटेस्ट होता है, लोग वेल में भी आते हैं लेकिन सरकार ने ऐसा इंतजाम कर लिया था और 50 से 60 मार्शल बहार से बुला लिए. उन मार्शलों ने महिला सांसदों के साथ भी दुर्व्यवहार किया. हम ये जानना चाहते है कि उन्हें अंदर लाने की इजाजत किसने दी कौन लाया उन्हें अंदर हम ये जानना चाहते हैं. विपक्ष को बदनाम करने के लिए सरकार इस तरह के काम कर रही है. सदन के बाहर सरकार कहती है कि हम सदन चलना चाहते है लेकिन विपक्ष सदन चलने ही नहीं देता’. खड़गे ने आगे कहा कि, ‘हमने सभापति महोदय से कहा कि सरकार ने कई बिल हाउस ऑर्डर में न रहते हुए भी पास करा लिया. हर 10 मिनट में एक बिल पास हो गया और विपक्ष को बोलने का मौका तक नहीं मिला’.

वहीं विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि, ‘जिस प्रकार का व्यवहार आज कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियां सड़क पर उतरकर कर रही हैं. जिस प्रकार की अराजकता संसद के अंदर विपक्षी पार्टियों और खासकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिखाई है उससे पूरा देश और लोकतंत्र शर्मसार हुआ है’. पात्रा ने आगे कहा कि, ‘संसद के इतिहास में पहली बार हुआ है कि लॉबी में कांच का गेट तोड़ दिया गया जिससे एक सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुई है. वो भी अस्पताल में है. ये वही विपक्षी हैं जो कह रहे थे कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए मगर जब सत्र चल रहा था, कोरोना पर एक दिन भी चर्चा नहीं होने दी’.

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