Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड पूरी तरह से गर्माया हुआ है. विभत्स घटना के बाद अब इस मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है. सभी विपक्षी दलों के नेता वहां पहुंचने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वहीं पुलिस की कोशिश है कि किसी भी तरह से इन नेताओं को वहां पहुचने से रोका जाए. मामले की गंभीरता को देखते हुए आसपास के इलाके में मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया गया है जबकि मौके पर धारा 144 लागू कर दी गई है. यूपी पुलिस ने विपक्ष के नेताओं को मौके पर जाने से रोका है. प्रियंका गांधी, दीपेन्द्र हुड्डा हिरासत में लिया गया है. साथ ही अखिलेश यादव और जयंत चौधरी को भी हिरासत में लिया गया है. कई अन्य नेता भी हाउस अरेस्ट हैं. घटना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने गुस्सा जाहिर किया है.
प्रियंका गांधी को हरगांव से लिया गया हिरासत में
इधर, लखीमपुर मृतकों के परिवारों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी देर रात दिल्ली से लखनऊ पहुंच गई थीं. इसके कुछ देर बाद वे लखीमपुर के लिए रवाना हुईं, लेकिन सुबह 5:30 बजे प्रियंका गांधी को पुलिस ने सीतापुर जिले में हरगांव बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया. प्रियंका रूट बदलकर पुलिस की नजरों से बचते हुए लखीमपुर जा रही थीं. प्रियंका को PAC गेस्ट हाउस ले जाया गया है. DM, SP सहित भारी पुलिस फोर्स मौके पर हैं.
गांधी और हुड्डा को हिरासत में लेने की करता हूं निंदा- गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लखीमपुर मामले और AICC महासचिव प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने पर भड़क गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि, ‘एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी और अन्य नेताओं को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. वे प्रमुख विपक्षी नेता हैं और लखीमपुर खीरी जिले में कल जो किसान मारे गये उनके परिवारों से मिलने जा रही थीं’.
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‘विपक्ष के नेताओं को रोका जाना निंदनीय’
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘विपक्षी नेताओं को गैरकानूनी तरीके से रोका जाना लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है. पहले शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर भाजपा नेताओं के काफिले की गाड़ियां चढ़ाकर उनको बर्बरता से मार दिया गया, फिर विपक्षी नेताओं को वहां जाने से रोका जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है. प्रियंका गांधी उन परिवारों के साथ खड़े होने के लिये जा रहीं थीं जिन्होंने अपने प्रियजनों को कल की हिंसा में खोया है. इस कर्तव्य निर्वहन के लिये उनको रोकना पूर्णतया अनुचित है’.
‘भाजपा सरकार का अमानवीय चेहरा उजागर’
भाजपा और योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘भाजपा सरकार का अमानवीय चेहरा पूरी तरह सामने आ चुका है. किसानों की मांगों को अनसुनी करना, किसान आंदोलन को तोड़ना, उन पर अत्याचार करना और फिर सी विपक्षी दल को उनके साथ न खड़े होने देना, यह सत्ताधारी दल का लोकतंत्र विरोधी रूप है जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है’.
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‘भाजपा लोकतंत्र को करना चाहती है खत्म’
योगी सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तथा पंजाब के उप मुख्यमंत्री को राज्य में आने से रोका जा रहा है जोकि निंदनीय है. ऐसा केवल एक तानाशाह सरकार ही कर सकती है. क्या यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर देना चाहती है? इस तरह नागरिक अधिकारों का हनन संविधान की भावना के भी विपरीत है’.
यूपी सरकार की कायरतापूर्ण कार्रवाई, किसानों को न्याय दिलाना हमारा कर्तव्य- पायलट
वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी भाजपा और योगी सरकार पर करारा प्रहार किया है. पायलट ने कहा कि, ‘उत्तरप्रदेश के लखीमपुरखीरी मे किसानों के आंसू पोंछने और पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे प्रियंका गांधी और हुड्डा को यूपी पुलिस द्वारा हिरासत मे लेना कायरतापूर्ण कृत्य है. यह लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत है. किसानों को न्याय दिलाना हमारा कर्तव्य है’
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आखिर क्या हुआ था लखीमपुर में
आपको बता दें कि रविवार को लखीमपुर खीरी में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को आना था. डिप्टी सीएम के पहुंचने से पहले किसान, कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान किसानों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और उसके समर्थकों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दीं. जिससे चार किसानों की मौत हो गई. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने 2 SUV कार को आग के हवाले कर दिया. हिंसा की खबर सामने आने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी अपना लखीमपुर दौरा रद्द कर दिया. लखीमपुर से लेकर दिल्ली तक किसानों ने एक सुर से इस मामले में केंद्रीय मंत्री के बेटे पर आरोप लगाया और सख्त कार्रवाई की मांग की. अजय मिश्रा ना सिर्फ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हैं बल्कि वो लखीमपुर खीरी के मौजूदा सांसद भी हैं.
मंत्री अजय मिश्र के बेटे पर हत्या का केस
लखीमपुर में हुई हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 14 लोगों पर हत्या, आपराधिक साजिश और बलवे का केस दर्ज हुआ है. यह केस बहराइच के नानपारा के रहने वाले जगजीत सिंह की तहरीर पर तिकुनिया थाने में लिखा गया है. लखीमपुर खीरी में रविवार को किसान आंदोलन के बीच भड़की हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, सोमवार सुबह एक पत्रकार का शव भी बरामद हुआ है. इसको मिलाकर अब तक मरने वालों की संख्या 9 हो गई है.