असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) की फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद कई अन्य राज्यों में भी NRC की मांग तेज आवाज में उठने लगी हैं. अधिकांश लोगों का यही कहना है कि अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में बांग्लादेशी सहित अन्य देशों के घुसपैठिए रहते हैं जिनकी पहचान नहीं हो पा रही है. इससे देश में आतंकवाद को बल मिल रहा है. ऐसे में इन राज्यों में भी NRC लागू करने की मांग हो रही है. इन राज्यों में राजधानी दिल्ली, पंजाब, बिहार, पं.बंगाल और अरूणाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं. अब इस मुद्दे को राजनीति का रंग देने की कोशिश की जा रही है.

इस क्रम में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार ने भी प्रदेश में NRC की मांग को सही बताया. उन्होंने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘कई राजनीतिक पार्टियां NRC को वोट बैंक के तौर पर देख रही है लेकिन बीजेपी इसे घुसपैठ और आतंकवाद की वजह के तौर पर देख रही है.’ हालांकि नीतीश कुमार की राय इससे थोड़ी अलग है. बिहार में सत्ताधारी सरकार के संगठक होने के बावजूद बीजेपी नेताओं के इन बयानों से साफ है कि प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा असम की तरह बिहार में भी NRC को एक बड़ा मुद्दा बनाकर वोट साधने की कोशिश कर रही है.

इस बारे में बीजेपी के सीनियर लीडर और बिहार सरकार के मंत्री विनोद सिंह ने कहा कि सरकार को बिहार में भी NRC लिस्ट जारी करने के बारे में सोचना चाहिए ताकि सीमांचल क्षेत्र में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जा सके. वहीं बीजेपी नेता विनोद सिंह के अलावा राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने भी बिहार के सीमांचल में NRC की मांग की.

बड़ी खबर: ‘पोस्टर वॉर’ के बाद अब तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए RJD का ऑनलाइन कैंपेन

वहीं हाल में दिल्ली के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और सांसद मनोज तिवाड़ी ने भी राजधानी में NRC की मांग की. तिवारी ने कहा कि दिल्ली में भी ऐसी लिस्ट बननी चाहिए ताकि यहां पर आए अप्रवासियों की पहचान की जा सके. उनका दावा है कि दिल्ली में हालात खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं. यहां अवैध रूप से बसे अप्रवासी बड़ा खतरा बन गए हैं. इससे पहले भी कई BJP नेता दिल्ली में NRC लिस्ट बनाने की मांग कर चुके हैं.

इसके दूसरी ओर, कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के नेता NRC का विरोध कर रहे हैं. पं.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और हैदराबाद के लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने असम में NRC लिस्ट जारी करने को लेकर बीजेपी को निशाने पर लिया. AIMIM चीफ ने कहा कि BJP को सबक सीखना चाहिए. उन्हें हिंदू और मुस्लिम के आधार पर देशभर में एनआरसी की मांग को बंद कर देना चाहिए. उन्हें सीखना चाहिए कि असम में क्या हुआ. अवैध घुसपैठियों का भ्रम टूट गया है. उन्होंने कहा, ये मेरा अपना संदेह है कि नागरिकता संशोधन बिल के जरिए बीजेपी ऐसा बिल ला सकती है, जिससे सभी गैर मुस्लिमों को नागरिकता दे सकती है, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा.

बड़ी खबर: असम NRC लिस्ट से बाहर हुए लोग नहीं हैं ‘स्टेट लैस’, नहीं होगी गिरफ्तारी

गौरतलब है कि शनिवार को असम में NRC की फाइनल लिस्ट जारी हुई जिसमें 3 करोड़ 30 लाख लोगों ने आवेदन किया था. लेकिन 19 लाख से अधिक लोग दस्तावेजों की कमी के चलते लिस्ट से बाहर हो गए. हालांकि जो लोग अंतिम सूची से संतुष्ट नहीं है, वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाखिल कर सकते हैं. अपील 120 दिनों के भीतर की जा सकती है.

Leave a Reply