Mamata Banerjee
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Bengal Politics: दिल्ली के कृषि भवन में धरना प्रदर्शन के बाद बंगाल लौटे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कुछ मंत्रियों का सिरदर्द निकट भविष्य में बढ़ सकता है. प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कुछ मंत्रियों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की गाज गिर सकती है. इसकी शुरूआत भी हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में नगरीय निकाय में कथित भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने कोलकाता में ममता बनर्जी सरकार में मंत्री एवं कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा के आवास पर छापेमारी की है. सीबीआई हकीम को पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों नेताओं के घर पर छापेमारी के बाद समर्थन ने उनके निवास स्थान पर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

पश्चिम बंगाल में नगरीय निकाय में कथित भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने बीते दिन कोलकाता में दीदी की सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा के आवास पर छापेमारी की. सीबीआई की अचानक कार्रवाई से टीएमसी नेताओं में हड़कंप मच गया. जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय बलों की एक बड़ी टुकड़ी के साथ सीबीआई की टीम चेतला इलाके में शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम के आवास पर पहुंची और छापेमारी कार्रवाई शुरू कर दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीबीआई के दो अधिकारी हकीम से पूछताछ कर रहे हैं.

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सीबीआई की टीम मित्रा और हकीम के आवास पर एक साथ पहुंची थी. छापा मारने के लिए जैसे ही टीम हकीम के कमरे में प्रवेश किया, तभी समर्थकों ने उनके आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. कोलकाता में सीबीआई 15 जगहों पर अलग-अलग छापेमारी कर रही है. सीबीआई के एक दल ने पूर्व मंत्री और उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी से विधायक मित्रा के भवानीपुर इलाके में स्थित आवास पर भी दबिश दी है. छापेमारी के दौरान किसी भी शख्स का अंदर आना या बाहर जाना प्रतिबंधित किया गया है.

नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं दोनों नेता

विधायक चंदन मित्रा और मंत्री फिरहाद हकीम को सीबीआई ने 2021 में नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं, सीबीआई ने 2014 में भी मित्रा को इसी मामले में दबोचा था. इससे पहले, ईडी ने मामले की जांच के सिलसिले में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के आवास सहित कई स्थानों की तलाशी ली थी. केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप है कि 2014 से 2018 के बीच राज्य के विभिन्न नगर निकायों ने पैसों के बदले 1500 लोगों को अवैध रूप से नौकरी दी.

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