RJD के तमाम नीतिगत फैसले लेने के अधिकार अब तेजस्वी के पास, लालू-राबड़ी की मौजूदगी में हुआ फैसला

आरजेडी के विधानमंडल दल की बैठक में सभी विधायकों से हाथ उठवा कर ये पूछा गया कि अगर तेजस्वी यादव कोई भी फैसला लेंगे उसपर आप लोग सहमत होंगे? इस पर मौजूद सभी ने हां कहा, फिर पूछा गया कि तेजस्वी यादव पर भरोसा और विश्वास है? तब भी सबने कहा हां

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Politalks.News/Bihar/Tejaswi. बिहार की राजनीति में अपनी धमक रखने वाली लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में अब जो भी फैसला तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) लेंगे वो सबको मंजूर होगा. मंगलवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास (Rabri Awaas) में हुई राष्ट्रीय जनता दल के विधानमंडल दल की बैठक में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के सामने ही तेजस्वी यादव को यह अधिकार मिल गया है. यानी आरजेडी सुप्रिमो की जिम्मेदारी अब लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हाथों में आती दिख रही है. आरजेडी सुप्रीमो की मौजूदगी में नेता प्रतिपक्ष को पार्टी के तमाम नीतिगत फैसलों के लिए तेजस्वी यादव को अधिकृत कर दिया गया है.

आपको बता दें, बीते रोज मंगलवार को आरजेडी के विधानमंडल दल की बैठक हुई जिसमें सभी विधायकों से हाथ उठवा कर ये पूछा गया कि अगर तेजस्वी यादव कोई भी फैसला लेंगे उसपर आप लोग सहमत होंगे? इस पर मौजूद सभी विधायकों ने हां कहा. फिर पूछा गया कि तेजस्वी यादव पर भरोसा और विश्वास है? तब भी सबने कहा हां. दरअसल, आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और विधायक आलोक मेहता (RJD Alok Mehta) की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया था कि तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा के अंदर या बाहर या फिर विधान परिषद में जो भी फैसला लेंगे इस पर सबकी सहमति होगी, तो इस बैठक में मौजूद पार्टी के सभी नेताओं ने हां में जवाब दिया. यानी आलोक मेहता के प्रस्ताव को पार्टी में सभी ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.

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ऐसा करने के पीछे यह वजह बताई जा रही है कि अभी बिहार विधान परिषद में जो एमएलसी के लिए तीन टिकट दिए गए हैं और इससे पहले जो दो लोग राज्यसभा भेजे गए हैं उस पर कोई सवाल न उठे इसलिए किया गया है और यह माना जा रहा है कि यह तेजस्वी यादव की ओर से ही फैसला लिया गया है और जो इसका विरोध करेगा उसको भुगतना पड़ सकता है. इसलिए किसी ने विरोध नहीं किया. मंगलवार को हुई इस बैठक में तमाम नेताओं को बुलाया गया था. हालांकि इस बैठक में आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और श्याम रजक अलग रहे, इसको लेकर भी सियासी गलियारों में चर्चा होती रही.

वहीं दूसरी ओर हिना शहाब (Hena Shahab) के राज्यसभा नहीं भेजे जाने पर सिवान और बिहार में जो बवाल मचा है उसपर भी जवाब देने की तैयारी हो रही है कि कैसे अब तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में ही सारी चीजें होंगी. जो भी फैसले लिए जाएंगे वो तेजस्वी का ही फैसला माना जाएगा. इस बैठक को लेकर यह बात भी सामने आई है कि जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर भी चर्चा की गई है और पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इसे हर हाल में जरूरी बताया है.

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