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उत्तर प्रदेश में लगता है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन में कुछ भी सही नहीं चल रहा है. समाजवादी पार्टी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन के तहत 11 सीटें देने का एलान कर दिया था. इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से 16 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी कर दी. इनमें से वो सीटें भी शामिल हैं जिन पर सालों से कांग्रेस का कब्जा रहा था. कुछ सीटों पर तो कांग्रेस बीते काफी समय से मेहनत करती आ रही थी. कुछ सीटों पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने जमकर पसीना बहाया था. इन सीटों पर भी सपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. हालांकि कांग्रेस की ओर से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है लेकिन राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े हो रहे हैं कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

दरअसल, सपा ने लखीमपुर की दोनों सीटों पर भी उम्मीदवार उतारे हैं. इस सीट पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे की घटना के बाद मारे गए सिखों के परिवारों से मिलने कांग्रेस का पूरा अमला जुटा था. इसमें प्रियंका गांधी से लेकर राहुल गांधी और उस वक्त के सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लखीमपुर के इलाके में डेरा डाल दिया था. रवि वर्मा और उनकी मां ऊषा वर्मा समेत उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री बालगोविंद वर्मा कई दशकों तक इसी लखीमपुर जिले की सीट से प्रतिनिधित्व करते आए हैं. बीते चुनाव में समाजवादी पार्टी से रवि वर्मा की बेटी पूर्वी वर्मा लखीमपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और लखीमपुर के पूर्व सांसद रवि वर्मा ने कुछ दिन पहले ही पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा था. इसके बाद कांग्रेस को अनुमान यही था कि गठबंधन में कम से कम यह सीट तो उनके हिस्से आएगी लेकिन ऐसा हो न सका.

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इसी तरह फर्रुखाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी ने डॉक्टर नवल किशोर शाक्य को अपना प्रत्याशी बनाया है. फर्रुखाबाद से कांग्रेस के कद्दावर नेता सलमान खुर्शीद चुनाव लड़ते रहे हैं. सियासी जानकारों की मानें तो कांग्रेस आने वाले लोकसभा चुनाव में फर्रुखाबाद सीट पर भी अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रही थी.

सपा ने 16 सीटों पर उतारे प्रत्याशी

सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए 16 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है. इसमें डिंपल यादव समेत तीन प्रत्याशी परिवार के हैं, जबकि चार कुर्मी और एक मुस्लिम प्रत्याशी हैं. सांसद डिंपल यादव को फिर से मैनपुरी और शफीकुर्रहमान बर्क को संभल से प्रत्याशी बनाया गया है. फैजाबाद अनारक्षित सीट हैं, पर यहां से पूर्व मंत्री व नौ बार के विधायक अनुसूचित जाति के अवधेश प्रसाद को उतारा गया है. क्षत्रिय एक और मौर्य व खत्री दो-दो प्रत्याशी हैं.

पूर्व सांसद अक्षय यादव को फिरोजाबाद और धर्मेंद्र यादव को बदायूं से टिकट दिया गया है. अक्षय यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र हैं, जबकि धर्मेंद्र यादव उनके चचेरे भाई हैं. खीरी से पूर्व विधायक उत्कर्ष वर्मा और धौरहरा से पूर्व एमएलसी आनंद भदौरिया प्रत्याशी होंगे. उन्नाव से पूर्व सांसद अनु टंडन और लखनऊ से मध्य क्षेत्र के विधायक व पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा उम्मीदवार हैं.

कैंसर सर्जन डॉ. नवल किशोर शाक्य को फर्रुखाबाद, अकबरपुर से पूर्व सांसद राजाराम पाल, बांदा से शिवशंकर पटेल, बस्ती से पूर्व सांसद राम प्रसाद चौधरी, गोरखपुर से अभिनेत्री काजल निषाद, अम्बेडकर नगर से पूर्व मंत्री व कटेहरी के विधायक लालजी वर्मा को प्रत्याशी बनाया है.

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