Politalks.News/Bihar. बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद से ही प्रदेश की सियासत चरम पर है. भारतीय जनता पार्टी लगातार जदयू और राजद के खिलाफ मोर्चा खोले बैठी है तो वहीं जवाबी पलटवार में महागठबंधन भी पीछे नहीं है. हाल ही में जयप्रकाश नारायण की जयंती पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव पर जमकर निशाना साधा था. अमित शाह ने कहा था कि, ‘सत्ता में बने रहने के लिए नीतीश कुमार ने जेपी के सिद्धांतों की तिलांजली दे दी और कांग्रेस के गोद में बैठ गये.’ तो वहीं शाह के बयान पर पलटवार करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि, ‘अमित शाह जानते क्या हैं जेपी के बारे में, 1974 में हुआ था जेपी आंदोलन और आप खुद तो 2002 में आए थे राजनीति में.’ सीएम नीतीश के इस बयान पर अब केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने पलटवार किया है. चौबे ने कहा कि, ‘नीतीश कुमार और लालू यादव जेपी के नाम पर राजनीति तो कर सकते हैं, लेकिन उनके अनुयायी नहीं हो सकते.’ वहीं प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार से जुड़े सवाल पर अश्विनी चौबे ने कहा कि, ‘वह सोलह श्रृंगार करके बैठेंगे फिर भी उनका सपना पूरा नहीं होने वाला और न उनके पास कोई नहीं आने वाला.’
गुरुवार को विधानसभा उपचुनाव के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी सांसद अश्विनी चौबे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ लालू प्रसाद यादव पर जमकर निशाना साधा. अश्विनी चौबे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘मुझे लगता है, जो भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रहा है, वह जेपी का अनुयाई नहीं हो सकता है. जिसने जेपी की आत्मा को रुलाया है, वह कहां से जेपी का अनुयायी होगा. जेपी ने जिस बुनियाद को डालने का काम किया वह बुनियाद ही समाप्त हो गई. जेपी की आत्मा को रुलाने वाले कहते हैं कि जेपी के अनुयायी हैं.’ वहीं नीतीश कुमार द्वारा अमित शाह पर दिए गए बयान कि, ‘अमित शाह जानते क्या हैं जेपी के बारे में,’ पर भी अश्विनी चौबे ने पलटवार किया.
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अश्विनी चौबे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘अमित शाह वह लोहा है जो बड़े से बड़े चट्टानों को तोड़ने की ताकत रखता है. अगर नीतीश कुमार को इसके बारे में पता नहीं है तो जल्द इसका एहसास हो जाएगा. आनेवाली युवा पीढ़ी नीतीश कुमार के कर्मों को देख रही है. अगर यही स्थिति रही आने वाले समय में ऐसे भ्रष्टाचारियों का समर्थन करनेवालों का नाम इतिहास से भी मिटा देगी. जब नाश मनुज पर आता, पहले विवेक मर जाता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसी ही स्थिति से गुजर रहे हैं. वो भ्रष्टाचारियों के गोद में जा बैठे हैं. नीतीश कुमार भी सत्ता की लालसा में अपने अंत की तरफ बढ़ रहे हैं. नीतीश कुमार सत्ता के लालच में विवेक खो चुके हैं और अपने अंत की ओर बढ़ रहे हैं.’
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वहीं नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी से जुड़े एक सवाल पर बीजेपी सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि, ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने नीतीश कुमार अब तो दिन में ही देख रहे हैं. नीतीश कुमार ने पहले भी 2013 में सपना देखा था. अब वो सोलह सिंगार करके बैठे हैं. फिर भी उनके पास कुछ आने वाला नहीं है.’ वहीं बिहार की दो विधानसभा सीटों गोपालगंज और मोकामा पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर अश्विनी चौबे ने कहा कि, ‘निश्चित ही इन दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत होनी है. प्रदेश में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है तभी से जंगलराज शुरू हो गया है. दोनों नेताओं को सिर्फ अपनी जेबें भरने से मतलब है.’