Politalks.News/Rajasthan. बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपये के भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपये की कमीशन के मामले में एसीबी कार्रवाई के खिलाफ आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. निंबाराम ने आपराधिक याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और एसीबी की कार्रवाई को रद्द करने की गुहार की है. याचिका पर हाईकोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई कर सकता है. इधर इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में लगातार बयानबाजी का दौर जारी रहा है. कांग्रेस की ओर से खासकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा निंबाराम पर हमलावर रहे हैं. तो बीजेपी की और से सभी दिग्गज नेता निंबाराम का बचाव करते रहे हैं.
RSS के क्षेत्रीय प्रचारक की ओर से याचिका में कहा गया कि, ‘प्रकरण में याचिकाकर्ता का नाम राजनीतिक द्वेषता के चलते शामिल किया गया है. सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के नेता सार्वजनिक मंच पर उनके खिलाफ बयानबाजी कर प्रस्ताव पारित कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी के बयान दे रहे हैं. बकाया भुगतान को लेकर जो वीडियो सामने आया है, उसमें भी रिश्वत को लेकर उनकी ओर से कोई बातचीत नहीं है. ऐसे में एसीबी ने सत्ता के दबाव में आकर एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम शामिल किया है. इसलिए एफआईआर से याचिकाकर्ता का नाम हटाया जाए और उनके खिलाफ एसीबी की ओर से की जा रही जांच को रोका जाए’.
आपको बता दें कि वायरल वीडियो के आधार पर राजस्थान की एसीबी ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम, बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, संदीप चौधरी और निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया था. हाल ही में एसीबी ने राजाराम और सप्रे के खिलाफ आरोप पत्र पेश करते हुए चौधरी और निंबाराम के खिलाफ जांच लंबित रखी है. प्रकरण में राजाराम और सप्रे जेल में हैं
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इधर एसीबी है एक्शन में दो बार भेजा नोटिस… लेकिन नहीं हुआ तामिल
बीवीजी कंपनी से 20 करोड़ रुपए के लेन-देन के वायरल हुए वीडियो के मामले में एसीबी ने राजाराम गुर्जर व कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे को आरोपी मान लिया है. वीडियो में निंबाराम भी हैं, जिनको पूछताछ के लिए एसीबी ने अगस्त माह में दो बार नोटिस उनके सेवा सदन स्थित आवास पर भेजे लेकिन दोनों ही बार नोटिस तामील नहीं हुए. इसके चलते एसीबी ने निंबाराम, संदीप चौधरी व अन्य के खिलाफ जांच पेंडिंग रखी है. जांच में सामने आया कि बातचीत का वीडियो निंबाराम की उपस्थिति में उनके परिसर सेवा सदन कार्यालय में बनाया गया था.
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क्या है पूरा मामला
ग्रेटर निगम जयपुर में कचरा उठाने वाली कंपनी बीवीजी के 276 करोड़ रुपए के बिलो का भुगतान अटका था. इन बिलों की राशि का भुगतान कराने के लिए बीवीजी कंपनी का प्रतिनिधि ओमकार सप्रे व संदीप चौधरी, मेयर पति राजाराम गुर्जर के बीच हुई बातचीत का वीडियो वायरल हुआ था. इसमें भुगतान करने की एवज में दस प्रतिशत के हिसाब से 20 करोड़ रुपए की मांग की गई. वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसमें एसीबी ने एक पैन ड्राइव जब्त की. जिसकी एफएसएल जांच करवाई गई. इधर इस मामले में निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर ने निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गईं लेकिन दोनों ही कोर्ट से उन्हें झटका मिला है.