एनडीए से गठबंधन तोड़ा है लेकिन मैं यूपीए या कांग्रेस का दामन कभी नहीं थामूंगा- हनुमान बेनीवाल

मैं राजनैतिक माइलेज नहीं लेना चाहता, लेकिन मोदी सरकार की नींद नहीं खुली इसलिए मुझे बॉर्डर पर आना पड़ा, लोगों को तकलीफ है कि मैं एनडीए में हूं इसलिए आज मैं एनडीए से अलग होता हूं, एनडीए को बाय बाय करता हूं- हनुमान बेनीवाल

हनुमान बेनीवाल ने एनडीए को कर दिया BYE-BYE
हनुमान बेनीवाल ने एनडीए को कर दिया BYE-BYE

Politalks.News/Rajasthan. कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने आज एनडीए को BYE-BYE कर दिया है. नागौर सांसद बेनीवाल ने गठबंधन तोड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि, ‘जब ये तीनों बिल लाए गए थे तब मैं लोकसभा ने नहीं था, मुझे कोरोना रिपोर्ट का झूठा बहाना करके लोकसभा से बाहर किया गया था. यदि मैं सदन में होता तो ये बिल फाड़ देता. सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा लोगों को तकलीफ है कि मैं एनडीए में हूं, इसलिए आज मैं एनडीए से अलग होता हूं, एनडीए को बाय बाय करता हूं.’ बता दें, आरएलपी से पहले कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल भी एनडीए छोड़ चुकी है.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि, ‘मैंने किसानों के लिए एनडीए से गठबंधन तोड़ा है, इसका यह मतलब नहीं है कि किसी और के साथ गठबंधन कर लूंगा, मैं यूपीए या कांग्रेस का दामन कभी नहीं थामूंगा, बल्कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से अकेले चुनाव लड़ेंगे. दिल्ली कूच तो कर रहे हैं पर राजस्थान सरकार के पेट में भी दर्द है.’ बेनीवाल ने कहा कि, ‘मैं राजनैतिक माइलेज नहीं लेना चाहता, लेकिन मोदी सरकार की नींद नहीं खुली इसलिए मुझे बॉर्डर पर आना पड़ा.’

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इससे पहले सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के पास 303 सांसद हैं जिस वजह से वह कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है, अगर 100-150 सांसद होते तो कभी के पीछे आ जाती. आपको बता दें, किसान नेता हनुमान बेनीवाल पहले ही किसान आंदोलन के समर्थन में संसद की तीन समितियों की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं. बता दें, सांसद बेनीवाल ने संसद की उद्योग संबंधी स्थायी समिति, याचिका समिति तथा पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय की परामर्श समिति से इस्तीफा दे दिया है.

गौरतलब है कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों को समझाने में जुटी है, तो वहीं दूसरी ओर उसके ही सहयोगी दलों ने इन कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पिछले दिनों शिरोमणी अकाली दल के बाद अब एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने ऐलान किया था कि किसान आंदोलन के समर्थन में 26 दिसंबर को उनकी पार्टी 2 लाख किसानों को लेकर राजस्थान से दिल्ली मार्च करेगी. जिसके तहत आज बेनीवाल ने अपने समर्थकों के साथ दिल्ली कूच किया और एनडीए से गठबंधन भी तोड़ लिया.

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