पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा एक बार फिर से आंदोलनरत है. सांसद मीणा के आंदोलन का तरीका इस बार एक दम अनूठा है. दरअसल, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे के लिए अधिग्रहण की गई भूमि का बाजार दर पर मुआवजा नहीं मिलने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. जमीनों के उचित मुआवजे की मांग पर दौसा के लाडलीकाबास गांव में 101 किसान जमीन समाधि सत्याग्रह कर आंदोलन कर रहे है. आंदोलन में पहुंचे दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा मैं भी विपक्ष में होता तो धरने पर बैठ जाता. इस पर सांसद किरोड़ी मीणा ने मुरारी लाल मीणा को सुझाव देते हुए कहा कि आप धरने पर मत बैठो, आप कल विधानसभा में अपने 10-20 साथियों के साथ वेल में चले जाना और जब तक मत हटना जब तक मुख्यमंत्री और मंत्री आश्वासन नहीं दें दे.
सांसद किरोडी मीणा के नेतृत्व में किसानों का यह अनूठा आंदोलन गुरूवार से शुरू हुआ था. सांसद मीणा ने बीती रात किसानों के साथ खुले में ही बिताई. इस सम्बंध में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने गुरूवार को केंद्रीय सडक एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखकर किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग भी की है. पत्र में मीणा ने एनएएचआई, निर्माण कंपनी व रेवेन्यू अधिकारियों द्वारा षडयंत्र रचकर किसानों का शोषण किए जाने व सरकारी कोष को नुकसान पहुंचाने की शिकायत की. वहीं प्रदेश में हो रही कडाके की ठंड के दौरान रात में फसल की सिंचाई करते समय हुई लगभग 40 किसानों की मौत पर उनके परिवार को 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की भी मीणा ने की है.
सांसद किरोडी लाल मीणा के नेतृत्व में चल रहे इस जमीन समाधि सत्याग्रह का प्रदेश किसान संघर्ष समिति के संयोजक हिम्मत सिंह गुर्जर भी समर्थन किया है. सत्याग्रह के बारे में हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि सरकार हमारी सुन नहीं रही है इसलिए हमें मजबूर होकर यह सत्याग्रह करना पड रहा है.
शुक्रवार को इस किसान सत्याग्रह में दौसा से कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा भी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने आंदोलनरत किसानों को संबोधित करते हुए कहा किसानों कि मांगो पर पहले भी हमारी बात हुई थी लेकिन किन्ही कारणों से सफलता नहीं मिली. इस इलाके कि डीएलसी रेट बाजार भाव से बहुत कम है इसलिए मुआवजा उचित नहीं मिल पा रहा है. हम दिल से किसानों के साथ है जो मुझसे बन पाएगा मैं करूंगा. विधानसभा का सत्र भी चल रहा है मैं विधानसभा में भी इस मुददे को उठाउंगा. मैंने पहले भी इस मामले को सीएम गहलोत के सामने मजबूती से रखा है आगे भी रखूंगा. मुरारी लाल मीणा ने यह भी मैं भी विपक्ष में होता तो धरने पर बैठ जाता.
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इस पर सांसद किरोडी लाल मीणा ने कहा कि ये बात सही है राजस्थान में मुरारी लाल जी की कांग्रेस सरकार है. लेकिन मेरी भी दिल्ली में सरकार है मैं भी धरने पर बैठा हूं. किसानों को यहां उनके द्वारा जितने में जमीन खरीदी है उसके भी आधे पैसे मुआवजे के रूप में मिल रहे है. इस पर राजस्थान सरकार को किसानों के लिए मुआवजा तय करना चाहिए. केंद्र सरकार उस तय मुआवजे को राजस्थान सरकार को भेजेगी. राजस्थान सरकार को खुले मन से मुआवजा तय करना चाहिए क्योंकि पैसा उनके खजाने से नहीं केंद्र सरकार के द्वारा दिया जाएगा. वहीं डॉ मीणा ने दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा से कहा आप धरने पर मत बैठो आप कल विधानसभा में अपने 10-20 साथियों के साथ वेल में चले जाना और जब तक मत हटना जब तक मुख्यमंत्री और मंत्री आश्वासन नहीं दें दे.
बता दें, किसानों ने आंदोलन स्थल पर 101 गड्ढे बनाए हैं जिसमें 31 महिलाओं सहित 70 किसानों ने सांकेतिक तौर पर जमीन समाधि ली हुई है. इस सत्याग्रह में कई महिलाएं गोद में छोटे बच्चों को साथ लेकर जमीन के अन्दर बैठी हैं. समाधि स्थल के चारों तरफ भीड़ उमड़ रही है. किसानों ने महिला और बच्चों के साथ जमीन समाधि ली है जिसे देखने के लिए आई भीड़ को रोकने के लिए सांसद मीणा के कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.