Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के जालौर में हुई हृदय विदारक घटना ने प्रदेशवासियों को झकझोर कर रख दिया है. भले ही हमारा देश कल आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव बना रहा है लेकिन यहां सवाल सबसे बड़ा ये है कि आखिर आजाद भारत का ये समाज कब इस धर्म, जात पात की जंजीरों से बाहर निकलेगा. हम कहने को तो आजाद हैं लेकिन आज भी इन जंजीरों ने हमे जकड़ रखा है. इसका जीता जागता उदाहरण हमें राजस्थान के जालौर में देखने को मिला. जालोर के सरकारी स्कूल में मटके से पानी पीने से नाराज होकर एक स्कूल संचालक ने दलित छात्र को पीट पीट कर उसका इतना बुरा हाल कर दिया कि उस छात्र की मौत हो गई. दलित छात्र की मौत के मामले में प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है. तो वहीं राज्य में धीरे धीरे मजबूत होती राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर हमलावर है. नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘एक तरफ आजादी का अमृत महोत्सव बन रहा है तो वहीं दूसरी तरफ वंचित और दलित अधिकारों के लिए संघर्षरत है.’
आपको बता दें कि जालौर जिले के सुराणा गांव के एक निजी स्कूल में 20 जुलाई को एक दलित छात्र ने मटके को छू लिया. परिजनों का आरोप है कि इसके बाद शिक्षक छैल सिंह ने इतनी पिटाई की थी कि बच्चे के कान की नस फट गई और उसकी हालत गंभीर हो गई. इसके बाद बच्चे को अहमदाबाद के अस्पताल में इलाक के लिए भर्ती कराया गया था, जहां शनिवार को उसकी मौत हो गई. जालौर एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने कहा कि आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है और SC-ST एक्ट के साथ ही हत्या का मामला दर्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार 20 जुलाई को तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र मेघवाल ने स्कूल के प्रिंसिपल के पानी के मटके को छू लिया था, उसके बाद ही यह सारा घटनाक्रम हुआ.
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इस घटना को लेकर अब RLP ने प्रदेश सरकार के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सांसद हनुमान बेनीवाल ने दलित छात्र के निधन पर दुःख जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीटर पर टैग करते हुए पुछा कि, एक तरफ पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है जबकि दूसरी तरफ देश के विभिन्न हिस्सों में दलित तबका आज भी असली आज़ादी पाने के लिए संघर्ष कर रहा है.’ राजस्थान के विशेषकर पश्चिमी राजस्थान के कई स्थानों और देश के कई राज्यों का जिक्र करते हुए सांसद बेनीवाल ने लिखा कि, ‘ऐसे स्थानों पर सामंतवाद की सोच से प्रेरित लोगों की वजह से दलितों को छुआछूत, भेदभाव जैसी समस्याओं से झूंझना पड़ता है. दलित दूल्हों को घोड़ी से उतार देना, बराबरी करने पर दलितों की हत्या कर देने जैसी घटनाएं आजादी के दशकों बाद भी हो रही है जो चिंताजनक है. आखिरकार इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो उसकी सुनिश्चिता कब तक होगी ?’
सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि, ‘जालोर जिले के उक्त मामले में राज्य सरकार दिवगंत बालक के परिजनों को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देकर मामले में इतिश्री करने का प्रयास कर रही है. यह जानकारी भी संज्ञान में आ रही है कि पीड़ित पक्ष को जबरन आंदोलन करने से रोका जा रहा है जो उचित नहीं है. स्वयं मुख्यमंत्री गहलोत को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जाना चाहिए और दिवगंत बालक के परिजनों की सभी मांगो पर सहमति व्यक्त करने का आश्वासन देना चाहिए.‘ इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग को तत्काल मौके पर जाने के निर्देश दिए है. इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने अपने आवास पर जनसुवाई भी की.
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सांसद हनुमान बेनीवाल ने जन सुनवाई में नागौर सहित कई जिलों से आए लोगों से मुलाकात करके उनके मुद्दों व समस्याओं से जुड़े मसलों पर तत्काल ही संबंधित विभाग के अधिकारियो को दूरभाष पर निस्तारण के लिए निर्देशित किया. सांसद बेनीवाल की जन सुनवाई में कानून व्यवस्था के साथ सार्वजनिक समस्याओं से जुड़े मामले भी सामने आए. हाल ही में कुचेरा थाने में पालड़ी जोधा के निवासी ताराचंद सैन की गुमशुदगी का मामला सामने आने के बाद सांसद ने गुमशुदा के त्वरित तलाश के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए. वहीं ग्राम लांबा जाटान में हाई टेंशन लाइन को आबादी से अन्यत्र शिफ्ट करवाने की मांग ग्रामीणों ने की. साथ ही कड़वासरो की ढाणी में आकाशीय बिजली गिरने से सुखराम जाट का मकान क्षतिग्रस्त हो जाने पर मुआवजा दिलवाने, डेगाना के निकट ग्राम नूंद में बंद रेलवे फाटक को खुलवाने, कई गांवो में कट्टानी रास्तों को खुलवाने सहित कई प्रकार के मामले सामने आए. वहीं इंदास ग्राम के ग्रामीणों ने शहीद हेमेंद्र गोदारा का स्मारक बनवाने की मांग भी की.
वहीं सांसद हनुमान बेनीवाल ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या प्रेस बयान जारी करके देशवासियों को आजादी के इस मुबारक मौके की शुभकामनाएं प्रेषित की. सांसद ने कहा कि ‘क्रांतिकारियों के बलिदान से देश को आजादी मिली है और हमें सदैव शहीदों के बलिदान को याद रखने की आवश्यकता है.’