इस बार विभिन्न क्षेत्रों की कई प्रतिभाशाली महिलाओं के चुनाव मैदान में उतरने से हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2019) रोचक और मनोरंजक हो गया है. अजय चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल (INLO) ने सबसे ज्यादा 15 महिलाओं का प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ने 12 महिलाओं को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशियों में नौ महिलाएं हैं, जबकि दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपा) के टिकट पर सात महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं. इन महिलाओं में अभिनेत्री से लेकर पहलवान तक शामिल हैं.

जो प्रमुख महिलाएं इस बार चुनाव मैदान में हैं, उनमें दादरी से पहलवान बबीता फोगाट, आदमपुर से टीवी अभिनेत्री सोनाली फोगाट, पुन्हाना से लंदन से लौटीं नौक्षाम चौधरी शामिल हैं. सोनाली को भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई के सामने मैदान में उतारा है. भजनलाल के परिवार ने 1967 से अब तक आदमपुर में कोई चुनाव नहीं हारा है.

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तीन बार विधायक रहीं और खट्टर सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं कविता जैन को भाजपा ने फिर सोनीपत से टिकट दे दिया है. राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेन्द्र सिंह की पत्नी और मौजूदा विधायक प्रेम लता एक बार फिर उचाना कलां से चुनाव लड़ेंगी. बबीता फोगट को भाजपा ने दादरी से टिकट दिया है. भाजपा की अन्य महिला प्रत्याशियों में कालका से लतिका शर्मा, बडखल से सीमा त्रिखा, नरवाना से संतोष दनोदा, उकलाना से आशा खेदर शामिल हैं.

कांग्रेस ने हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी को तोशाम से टिकट दिया है. कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष भी एक महिला कुमारी सेलजा हैं. उनकी नियुक्ति विधानसभा चुनाव से ठीक पहले की गई. चौटाला परिवार की बहू नैना चौटाला जेजेपी प्रत्याशी के रूप में सधौरा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल के पुत्र रणबीर महेन्द्रा के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.

हरियाणा में 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कोई भी पार्टी 33 फीसदी महिला उम्मीदवारों को टिकट नहीं दे सकी. इनेलो और स्वराज इंडिया को छोड़कर किसी ने ऐसी घोषणा भी नहीं की थी. इनेलो ने कहा था कि वह 33 महिलाओं को उम्मीदवार बनाएगी, लेकिन वह सिर्फ 15 महिलाओं को ही अपनी पार्टी की उम्मीदवार बना सकीं. हालांकि सबसे ज्यादा महिला महिला उम्मीदवार इनेलो की ही हैं. भाजपा की 12, कांग्रेस की नौ और जेजेपी की सिर्फ सात महिला उम्मीदवार हैं. स्वराज पार्टी भी अपने 28 उम्मीदवारों में से सिर्फ पांच महिलाओं को टिकट दे सकी है.

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लाडवा से जेजेपी उम्मीदवार संतोष दहिया कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. संतोष दहिया का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों को ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को उम्मीदवार बनाना चाहिए. जब महिलाओं की आबादी करीब पचास फीसदी है, तब उस हिसाब से उनको राजनीति में प्रतिनिधित्व क्यों नहीं मिलता? महिलाओं का इस्तेमाल सिर्फ रैलियों की शोभा बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. 2016 के पंचायत चुनाव में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं. इनमें से 45 फीसदी महिलाओं ने चुनाव जीता. इससे साबित होता है कि महिलाएं चुनाव जीतने की क्षमता भी रखती हैं.

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