यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज, सपाई पहुंचे बैलगाड़ी से तो कांग्रेसी लाए रिक्शा-ठेला साथ

यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज, कोविड, महंगाई और कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष हमलावर, सपा विधायक गन्ना लेकर आए बैलगाड़ी से तो कांग्रेसी विधायक लाए ठेला रिक्शा, तीन दिन के संक्षिप्त सत्र में हंगामे के बीच अहम बिल पास करवाने की तैयारी में योगी सरकार

सपाई पहुंचे बैलगाड़ी से तो कांग्रेसी लाए रिक्शा-ठेला साथ
सपाई पहुंचे बैलगाड़ी से तो कांग्रेसी लाए रिक्शा-ठेला साथ

Politalks.News/Uttarpardesh. उत्तर प्रदेश में विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो गया है. शोक प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक स्थगित हो गई. सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष ने अलग-अलग तरह से विरोध प्रदर्शन किया. समाजवादी पार्टी के विधायकों ने महंगाई, कानून व्यवस्था, कृषि कानून समेत कई मुद्दों को लेकर विधानसभा के अंदर धरना प्रदर्शन किया. समाजवादी पार्टी विधायक ने कहा- ‘हम लोग यहां बेरोज़गारी, नौजवानों के साथ अत्याचार, किसानों का उत्पीड़न और आजम खान पर फर्जी मुकदमों का विरोध कर रहे हैं’

सपाई बैलगाड़ी में लेकर पहुंचे गन्ना
यूपी सरकार पर विपक्ष हमलावर है. अनूठा विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी के विधायक बैलगाड़ी पर गन्ना लेकर विधानसभा पहुंचे. वहीं कुछ विधायकों ने हाथों में सिलेंडर के कटआउट और चेहरे पर मास्क लगा रखा था. कांग्रेसी नेता रिक्शा और ठेला लेकर विधानसभा पहुंचे. आपको बता दें कि योगी सरकार ने संभावित विरोध को देखते हुए विधानसभा के एक किलोमीटर की परिधि में आज से ही बैलगाड़ी, तांगा चलने पर बैन लगाया है. इससे पहले 16 अगस्त को सर्वदलीय बैठक में सीएम योगी ने सभी विपक्षी दलों को आश्वस्त किया कि सदन की कार्यवाही में सभी मुद्दों पर चर्चा होगी.

‘आइना’ लेकर आए हैं सरकार को ‘सच्चाई’ दिखाने के लिए’
समाजवादी पार्टी के विधायक भारतीय जनता पार्टी की जनविरोधी नीतियों के विरोध में विधान भवन के बाहर प्रदर्शन करते नजर आए. प्रदर्शन के दौरान कुछ विधायक महंगाई का विरोध करते हुए हाथ में गैस सिलेंडर का ‘कटआउट’ लिये हुए थे. नेताओं ने हाथों में सरकार के खिलाफ बैनर और पोस्टर भी ले रखे थे और सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे थे. कुछ विधायक हाथों में ‘आईना’ भी लिये हुये थे और इससे सरकार को ‘सच्चाई दिखाने’ की बात कह रहे थे.

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‘भाजपा का झूठ सबको बतायेंगे, भाजपाइयों को आईना दिखायेंगे’- अखिलेश
इस बीच समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा का झूठ सबको बतायेंगे, भाजपाइयों को आईना दिखायेंगे’. सपा विधायक और विधान परिषद सदस्यों में मंहगाई तथा महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर आक्रोश नजर आया. विधान परिषद सदस्य राजेंद्र चौधरी, अहमद हसन, सुनील साजन तथा राजपाल कश्यप के नेतृत्व में सपा नेताओं ने प्रदर्शन किया.

महंगाई के विरोध में रिक्शा लेकर आए कांग्रेसी
कांग्रेस के नेता बैलगाड़ी और रिक्शा चलाकर सदन पहुंचे. यूपी विधान मंडल के मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस के विधायक महंगाई और बेरोजगारी का विरोध करते हुए नजर आए. कांग्रेस नेता रिक्शा चलाते हुए विधान भवन पहुंचे, कांग्रेस नेताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी थे. विधानसभा मानसून सत्र से पहले प्रदेश अध्यक्ष लल्लू ने कहा कि सदन के अंदर और बाहर हम संघर्ष करेंगे. कांग्रेस नेता हाथ में तख्ती लेकर प्रदेश में बढ़ती महंगाई और कोरोना काल में सरकार की कमियों के खिलाफ विरोध करते भी नजर आए.

CM योगी बोले- हम हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘सरकार प्रदेश के विकास, किसान और गरीबों, महिलाओं, युवाओं के लिए बनाई गई योजनाओं और इनसे जुड़े हुए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सदन में तैयार हैं. यूपी देश का पहला राज्य है, जिसने 7 करोड़ कोरोना टेस्ट पूरे कर लिए हैं. 6 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने वाला भी यूपी पहला राज्य है. जनता से जुड़े इन मुद्दों पर चर्चा के लिए ही मानसून सत्र बुलाया गया है’.

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विपक्ष करेगा अपनी भूमिका का पालन
विपक्ष ने सहयोग का आश्वासन देते हुए अल्पकालीन सत्र को लेकर सरकार को घेरा. सपा नेता नरेंद्र वर्मा, कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना, बीएसपी नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली और एसबीएसपी नेता ओम प्रकाश राजभर ने सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की. विपक्ष ने आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण की आड़ लेकर सरकार जनता के ज्वलंत मुद्दों से मुंह चुरा रही है. बैठक में उक्त नेताओं के साथ संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, अपना दल एस की नेता डॉ. लीना तिवारी मौजूद थे.

राष्ट्रगान के बाद मुख्यमंत्री योगी ने सत्र की शुरुआत में शोक प्रस्ताव रखा. विधानसभा में राज्यमंत्री रहे विजय कुमार कश्यप, सुरेश श्रीवास्तव, रमेश चंद्र दिवाकर, केसर सिंह, दल बहादुर, देवेंद्र प्रताप सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि दी. योगी सरकार द्वारा इस सत्र में सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे कई अहम बिल पास कराने की कोशिश में है. चुनावी साल होने के नाते सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करेगी. सत्र के पहले दिन विधान परिषद व विधानसभा के सदस्यों के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित कर सदन स्थगित कर दिया जाएगा. लेकिन विपक्ष ने भी कानून व्यवस्था, महंगाई, महिला सुरक्षा, किसान, बेरोजगारी आदि मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले का यह अंतिम सत्र है. योगी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी अनुपूरक बजट में सरकारी कर्मचारियों की मानदेय बढ़ाए जाने समेत 5 चुनावी प्रमुख प्रस्ताव को पेश कर सकती है. 24 अगस्त तक चलने वाले कुल 7 दिन के इस सत्र में 4 दिन अवकाश रहेगा. यानी सिर्फ 3 दिन ही विधान भवन में चर्चा होगी.

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