Politalks.News/Delhi. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और UPA सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे वीरप्पा मोइली ने बड़ा बयान दिया है. एक तरफ मोइली ने पार्टी के कुछ नेताओं पर जी-23 यानी असहमत नेताओं के ग्रुप का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. वहीं उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने की भी पैरवी की है. वीरप्पा मोइली ने यहां तक कह दिया कि, ‘जो नेता प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं वे ‘सुधार विरोधी‘ हैं’ आपको बता दें कि मोइली खुद भी उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने बीते साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी. अचानक मोइली के बदले तेवरों को देख सभी हैरान हैं.
कांग्रेस में शामिल होकर सुधारों को लागू करें प्रशांत किशोर- मोइली
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा कि, ‘यह सही होगा कि वह कांग्रेस में शामिल हों और भीतर से सुधारों को लागू करें’. मोइली ने कांग्रेस में किशोर के शामिल होने का विरोध कर रहे पार्टी के लोगों से ऐसा नहीं करने का आग्रह किया. मोइली ने कहा कि, ‘ऐसा देश और कांग्रेस के लिए जरूरी है कि पार्टी में सुधार हो और कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मंशा भी यही है’. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी किशोर को शामिल करने पर अंतिम फैसला लेंगी और इस मुद्दे पर कई वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर चुकी हैं. कुछ कांग्रेस के नेताओं ने प्रशांत किशोर की एंट्री का विरोध जताया है.
‘रणनीति का लोहा मनवा चुके हैं किशोर, पार्टी के लिए साबित होंगे फायदेमंद’
मोइली से जब यह पूछा गया की क्या उन्हें लगता है कि पीके को शामिल करना पार्टी के लिए फायदेमंद होगा, मोइली ने कहा कि, ‘चुनावी रणनीतिकार ने साबित कर दिया है कि वह रणनीति बनाने में सफल रहे हैं. बाहर से काम करने के बजाय अगर वह पार्टी में शामिल होते हैं तो यह काफी फायदेमंद होगा’
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G-23 अप्रासंगिक, हुआ दुरुपयोग- मोइली
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली ने कहा, ‘कुछ लोगों ने जी-23 का दुरुपयोग किया. सोनिया जी ने जैसे ही पार्टी के भीतर सुधार करने का विचार किया और वह भी जमीनी स्तर से, तब से हमने जी-23 की अवधारणा को नकार दिया. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सुधारों की शुरुआत होने के साथ ही जी-23 की कोई भूमिका नहीं रह गई और वह अप्रासंगिक हो गया है’. मोइली ने कहा कि, ‘अगर कुछ नेता जी-23 पर कायम रहते हैं तो इसका मतलब है कि उनमें से कुछ का कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम करने का निहित स्वार्थ है, जो कि हम नहीं सोचते और असल में इसका विरोध करते हैं’. मोइली ने कहा, ‘हममें से कुछ लोगों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर केवल पार्टी के अंदर सुधारों के लिए और उसके पुनर्निर्माण के लिए किए थे, इसे बर्बाद करने के लिए नहीं’.
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‘सोनिया गांधी सक्रिय, पार्टी द्वारा उठाए जा रहे फैसलों से खुश’
वीरप्पा मोइली ने कहा कि, ‘पार्टी की ‘बड़ी सर्जरी’ यानी वह संगठन को पुनर्जीवित करने की बात कर रहे हैं, उस पर सोनिया गांधी पहले से ही विचार कर रही है’. मोइली ने कहा कि, ‘सोनिया गांधी सक्रिय हैं और फैसले ले रही हैं, ऐसे फैसलों की जरूरत है. वह पार्टी प्रमुख द्वारा उठाए गए कदमों से खुश हैं’
पूर्व केन्द्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली की इन टिप्पणियों का महत्व इसलिए है क्योंकि जी-23 के कई नेताओं ने या तो इससे दूरी बना ली है या पिछले साल उनके लिखे गए पत्र के बाद से चुप हो गए हैं. सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं के उस समूह में से जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं. जी -23 में शामिल कुछ नेता हाल ही में कपिल सिब्बल के आवास पर सामाजिक समारोह में एक साथ नजर आए थे और कथित तौर पर पार्टी के मुद्दों पर चर्चा की थी. अपने जन्मदिन के मौके पर सिब्बल ने कई विपक्षी नेताओं को भी अपने आवास पर आमंत्रित किया था.