पाॅलिटाॅक्स न्यूज/दिल्ली. तबलीगी जमात तबलीगी जमात के दिल्ली निजामुददीन स्थित मरकज बिल्डिंग के खिलाफ दक्षिण नगर निगम बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. कई एकड़ में बने इस मरकज की 7 मंजिला इमारत में से केवल दो ही मंजिल की अनुमति निगम से ली गई थी, जबकि 5 मंजिल बिना अनुमित के बनी हुई है. निगम की ओर से मरकज की 5 मंजिलों को तोड़ने की कार्रवाई को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं मरकज प्रशासन की ओर से निगम को कभी हाउस टेक्स भी जमा नहीं कराया गया है. लाखों रुपए में आंके गए इस टेक्स को भी निगम की ओर से वसूला जाएगा.
क्या है तबलीगी जमात का मरकज
यह एक इस्लामिक धार्मिक केंद्र के रूप में कार्य करता है, यह केवल खुदा में आस्था रखते हैं. इसके अलावा मजार, पीर, इमाम आदि में इनका विश्वास नहीं होता. तबलीगी जमात का मतलब है आस्था का प्रचार करने वालों की टीम. यह सुन्नी देओबंदी या वहाबी मुसलमानों की जमात है. इसे मेवात के रहने वाले देओबंदी मौलाना मोहम्मद इलियास ने 1927 में शुरू किया था. तबलीगी जमात का पहला जलसा 1941 में हुआ था, जिसमें 25,000 लोग शामिल हुए थे. इसके गठन के दो दशक बाद यह मेवात के बाहर दूर-दूर तक फैल चुका है.
वर्तमान में भारत के बाद बांग्लादेश में जमात का सबसे बड़ा संगठन है. दुनिया के 100 से अधिक देशों में जमात काम करती है. यूएस और ब्रीटेन में इनकी बड़ी उपस्थिति है, जहां भारतीयों लोगों की संख्या सबसे अधिक है. यह लोग टोलियां बना कर मस्जिदों में रुकते हैं और उस इलाके के मुस्लमान को धार्मिक प्रवचन देते हैं. ये लोग घर-घर जाकर मुसलमानों को नमाज पढ़ने, रोजा रखने, हज करने आदि के बारे में प्रेरित करते हैं और उन्हें अपनी जमात से जोड़ते हैं. इनका शिया मुसलमानों, सूफी मुसलमानों और मजार पर जाने वाले सुन्नी मुसलमानों से भारी मतभेद है.
तबलीगी जमात पर लग रहा है कोरोना फैलाने का आरोप
कोरोना के संकट से जूझ रहे भारत में इस जमात पर कोरोना फैलाने का आरोप लग रहा है. जमात पर देश में कोरोना को लेकर घोषित किए लाॅक डाउन और दिल्ली में लगी धारा 144 का उल्लघंन का ओराप है. लाॅक डाउन के बाद भी दिल्ली मरकज में 25 हजार लोगों का जमावड़ा था, जिनमें से अधिकांश कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं. इसके साथ ही मरकज के कार्यक्रम में भाग लेकर निकले लोग देश के 20 से अधिक राज्यों में गए. अब धीरे-धीरे उन राज्यों से भी जमातियों के कोरोना पाॅजिटिव मिलने के समाचार आ रहे हैं.
क्या फरार हो गया मौहम्मद साद?
मोहम्मद साद तबलगी जमात का स्व घोषित मुखिया है. दिल्ली पुलिस की ओर से लाॅक डाउन का उल्ल्घंन व लोगों की भीड़ के संबंध में गलत जानकारियां देने सहित कई अन्य मामलों में इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही मोहम्मद साद फरार हो गया. हालांकि साद ने एक आॅडियो जारी कर कहा है कि वह डाॅॅक्टर्स की सलाह पर होम क्वारंटीन है. लेकिन दिल्ली क्राइम ब्रांच उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है.
बता दें, मरकज से निकले कई विदेशी जमातियों के खिलाफ सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. 800 लोगों के पासपोर्ट जब्त करने के साथ उन्हें ब्लैक लिस्टेट किया गया है.
अब आगे क्या
देश के कुछ संगठनों की ओर से मरकज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है. संगठनों का कहना है कि तबलीगी जमात मुस्लिम कट्टर विचारधारा को फैलाकर देश का सोहार्द बिगाड़ने का काम कर रही है. हालांकि सरकार अभी इस दिशा में कोई काम नहीं कर रही है लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से होने वाली प्रेस ब्रिफ्रिंग में तबलीगी जमात का नाम रोज लिया जा रहा है. इसके साथ ही केंद्रीय अधिकारी देश में कोरोना की बिगड़ती स्थिति के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेदार मान रहे हैं.
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गौरतलब है कि दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मरकज को पूरी तरह सील कर दिया है. इससे पहले क्राइम ब्रांच के सीनिया पुलिस अधिकारियों ने मरकज में जाकर वहां के सीसीटवी फुटेज खंगालने सहित कई बिंदुओं पर जांच की है. क्राइम ब्रांच की टीम ने मौलाना साद को गिरफ्तार करने के लिए उसके आलीशान फार्म हाउस सहित चार अन्य ठिकानों पर छापामारी कार्रवाई की लेकिन वो हाथ नहीं आया.