Politalks.News/Punjab.‘दलित’ चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब की कमान सौपें जाने के बाद तमाम राजनीतिक दल सकते में हैं. विधानसभा चुनाव से पहले ये बड़ा ‘मास्टरस्ट्रोक’ कांग्रेस के लिए कितना लाभदायक होगा ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा. लेकिन चन्नी के शपथ ग्रहण करने से पहले पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के बयान के बाद विपक्षी पार्टियों को कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया है. यह पहली बार है जब पंजाब में दलित समाज से आने वाला कोई नेता मुख्यमंत्री बना है. चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, ‘यह केवल और केवल कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है. कांग्रेस ने दलितों का वोट लेने के लिए कुछ महीनों के लिए चरनजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया है’. मायावती ने पंजाब के दलितों को कांग्रेस से सतर्क रहने का आह्वान किया है.
तीन बार के विधायक चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में CM पद की शपथ ली. पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री एवं सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. इस शपथ ग्रहण समारोह में पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ,प्रदेश प्रभारी हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित कई गणमान्य मौजूद रहे. चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिरकत नहीं की. हालांकि कहा जा रहा है कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह अब कभी भी कैप्टन से मुलाकात करने उनके फार्म हाउस पर जा सकते हैं.
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दलितों के वोट बटोरने के लिए बनाया चन्नी को सीएम- मायावती
कांग्रेस द्वारा पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले दलित कार्ड खेलना बसपा सुप्रीमो मायावती को रास नहीं आया. मायावती ने दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाये जाने को कांग्रेस का चुनाव हथकंडा बताया. मायावती ने कहा कि, ‘सिर्फ और सिर्फ दलितों का वोट लेने के लिए कांग्रेस ने एक दलित को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है. पंजाब में विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है और ऐसे में कांग्रेस का मुख्यमंत्री बदलना चुनावी हथकंडे से ज्यादा कुछ नहीं है’. मायावती ने कहा कि, ‘कांग्रेस को आज भी दलितों पर विश्वास नहीं है उन्हें तो केवल जरुरत के वक्त ही दलितों की याद आती है’. मायावती ने पंजाब के दलितों को कांग्रेस से बचकर रहने की सलाह दी.
‘जातीय जनगणना पर भाजपा को लिया आड़े हाथ’
कांग्रेस के साथ जातीय जनगणना के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि, ‘भाजपा भी कांग्रेस से कुछ कम नहीं है. जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं तो भाजपा का भी OBC के प्रति प्रेम उभरकर सामने आ रहा है. अगर भाजपा OBC के लिए कुछ करना चाहती है तो फिर जातिवार जनगणना क्यों नहीं करवाती?’. इस दौरान मायावती ने पंजाब के नवनियुक्त दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई दी और साथ ही इन्हें कांग्रेस से सावधान रहने की भी बात कही. दरअसल मायावती का ये बयान पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के बयान के बाद आया.
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प्रभारी रावत के सिद्धू को लेकर दिए बयान पर बिफरी मायावती
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने चन्नी के शपथग्रहण समारोह से पहले एक विवादित बयान देते हुए कहा था कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव (चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व की बजाय) नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व पर लड़ेगी. प्रदेश प्रभारी हरीश रावत के इस बयान के बाद ही विपक्ष को कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया. पार्टी में भी पूर्व पंजाब के कांग्रेस चीफ सुनिल जाखड़ ने सवाल उठा दिया है. हरीश रावत के इस बयान पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत चन्नी के शपथ ग्रहण के दिन, हरीश रावत का यह बयान कि ‘चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़े जाएंगे’ चौंकाने वाला है. यह सीएम के अधिकार को ना केवल कमजोर करने की कोशिश है बल्कि पद पर उनकी नियुक्ति के उद्देश्य को भी खारिज किए जाने का प्रयास है. मैं व्यक्तिगत तौर पर हरीश रावत के इस बयान की निंदा करता हूं’.
हालांकि पंजाब में कांग्रेस के ‘दलित कार्ड’ को राजनीतिक विश्लेषक मास्टर स्ट्रोक बता रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये पंजाब ही नहीं उत्तरप्रदेश औऱ उत्तराखंड में भी प्रभावी साबित होगा. इस का असर है कि दलितों की पैरोकार माने जाने वाली मायावती भड़क पड़ी. प्रदेश प्रभारी हरीश रावत के बयान ने मायावती को एक मौका दे दिया है. अब देखऩा यह होगा की रावत का बयान कांग्रेस के कार्ड पर कितना डैमेज करता है.