बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा मामले में ममता-शुभेंदु आमने सामने, दीदी-ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई?

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर लगाया बाहरी गुड़े बुलाने का आरोप तो बीजेपी ने बयानों को बताया तृष्टिकरण से प्रेरित राजनीति, रामनवी के जुलूस निकाले के दौरान भिड़े थे दो समुदाय विशेष, मुस्लिमों को सावधान रहने को कहा

mamta vs suvendu
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Mamta and Shubhendu came face to face on Bengal violence: पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हावड़ा में हुई हिंसक घटना के बाद प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी आमने सामने हो गए हैं. एक तरफ दीदी ने बीजेपी पर बाहरी गुंडे बुलाकर दंगे कराने और एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने का आरोप जड़ा, तो पलटवार में बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने सीएम ममता के आरोपों को निराधार बताया और सरकार से की बिगड़ती कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया. पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में रामनवमी की शोभा यात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा हो गयी, जिसमें कई वाहनों को आग लगा दी गयी और दुकानों में तोड़फोड़ की गयी. घटना के संबंध में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.

घटना के बाद टीएमसी प्रमुख और सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हिंसा के लिए बिना नाम लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया. ममता बनर्जी ने कहा, ‘रामनवमी के दिन राज्य के कुछ हिस्सों में जहां हिंसा हुई उसके लिए कुछ खास लोग जिम्मेदार हैं. वे (बीजेपी) सांप्रदायिक दंगों के प्रबंध के लिए राज्य के बाहर से गुंडे बुलाते रहे हैं. उनके जुलूसों को किसी ने नहीं रोका लेकिन उन्हें तलवारें और बुलडोजर लेकर मार्च करने का अधिकार नहीं है. हावड़ा में ऐसा करने की उनकी हिम्मत कैसे हुई?’

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सीएम ने आगे कहा, ‘सीएम ने कहा, ‘हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. मैं दंगाइयों का समर्थन नहीं करती और उन्हें देश का दुश्मन मानती हूं. बीजेपी ने हमेशा हावड़ा को निशाने पर रखा है. उनके निशाने पर पार्क सर्कस और इस्लामपुर हैं. सभी को अपने मोहल्लों में सावधान रहना चाहिए.’ उनके इस बयान के बाद अचानक से स्थानीय राजनीति पर सियासत गरमा गई है.

बीजेपी ने मुख्यमंत्री के इस बयान को तृष्टिकरण का नाम दिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी सीएम ममता के आरोपों को गलत बताया और हिंसा के लिए मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन को जिम्मेदार बताया. सोशल मीडिया पर एक टवीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं पश्चिम बंगाल के माननीय मुख्य सचिव से शिबपुर, हावड़ा, दालखोला और उत्तर दिनाजपुर की बिगड़ती कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं.’ वहीं बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा कि ममता की यही भाषा दूसरे त्योहारों पर क्यों नहीं निकलती है. उन्होंने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है.

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इससे पहले घटना की शाम एक न्यूज एजेंसी के माध्यम से ममता ने बीजेपी ने पूछा कि उन्होंने एक समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाने के लिए रूट (रास्ता) क्यों बदल दिया और बगैर अनुमति वाले मार्ग को लिया? बीजेपी कार्यकर्ताओं के पास लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाने की हिम्मत कैसे हुई.’

सीएम ममता ये भी कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि रामनवमी की किसी भी शोभायात्रा को नहीं रोका जाएगा, लेकिन हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. मैं दंगाइयों का समर्थन नहीं करती और उन्हें देश का दुश्मन मानती हूं. जिन्होंने कुछ गलत नहीं किया है उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.पार्टी प्रमुख ने आगे कहा कि बीजेपी ने हमेशा हावड़ा को निशाने पर रखा है. उनके निशाने पर पार्क सर्कस और इस्लामपुर हैं. अगर उन्हें विश्वास है कि वे दूसरों पर हमला करेंगे और कानूनी हस्तक्षेपों के जरिये राहत ले लेंगे तो उन्हें जरूर पता होना चाहिए कि जनता एक दिन उनको अस्वीकार कर देगी.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में रामनवमी की शोभा यात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा हो गयी, जिसमें कई वाहनों को आग लगा दी गयी और दुकानों में तोड़फोड़ की गयी. घटना के संबंध में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.

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