राहुल को बैठाकर दें थोड़ी ट्यूशन और समझाएं धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के बारे में- संत ने की कांग्रेस से अपील

बीते दिनों करनाल में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने तपस्वी और पुजारी को लेकर दिया बड़ा बयान, इस पर आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेश आनंद सरस्वती ने जहां बताई राहुल को बैठाकर थोड़े ट्यूशन की आवश्यकता, तो वहीं अवधेशपुरी महाराज ने दी नसीहत कि राहुल गांधी जी अपनी यात्रा निकालें, लेकिन धर्म से न करें इस प्रकार की छेड़छाड़

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Sant Samaj Agitated over Rahul Gandhi’s Statement. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली जा रही अभी पंजाब से गुजर रही है. इसी बीच हाल ही में बीते दिनों भारत जोड़ो यात्रा में राहुल के तपस्वी और पुजारी वाले बयान पर अब संत समाज हमलावर हो गया है. उज्जैन आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेश आनंद सरस्वती ने कहा कि इनको बैठाकर थोड़े ट्यूशन की आवश्यकता है. समझाइए धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के बारे में क्योंकि इनको यह भी नहीं बताया गया. वहीं अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि राहुल गांधी जी अपनी यात्रा निकालें, लेकिन धर्म से इस प्रकार की छेड़छाड़ न करें क्योंकि इससे जो आम जनता है वह भ्रमित होती है. बता दें कि बीते दिनों करनाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि ये देश तपस्वियों का है, पुजारियों का नहीं. राहुल ने ये भी कहा था कि कांग्रेस तपस्या करने का संगठन है, जबकि बीजेपी पूजा करवाने का संगठन है.

राहुल गांधी के इस बयान के मीडिया में आने के बाद से देशभर में कई जगहों से पुजारियों ने इस पर विरोध जताया है. इसी बीच आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेश आनंद सरस्वती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि मैं राहुल गांधी जी से जानना चाहता हूं कि महोदय तपस्वियों में और साधु संतों में अन्तर क्या है? आपकी नजरों में तपस्वी कौन है और साधु संत कौन हैं? साधु संत का अर्थ ही तपस्या होती है, ऋषियों का अर्थ ही तपस्या होती है और यह देश का रंग भगवा है और साधु संत का अर्थ ही तपस्या है. महामंडलेश्वर ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि तपस्या का अर्थ सिर्फ कांग्रेसियों से लिया हो या फिर कांग्रेस पार्टी से लिया हो क्योंकि बहुत अच्छी विचारधारा के लोग भी कांग्रेस में रहते थे जो आज नहीं हैं.

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यही नहीं आगे राहुल गांधी को ट्यूशन लेने की सलाह देते हुए महामंडलेश्वर अतुलेश आनंद सरस्वती ने कहा कि इसका अर्थ है कि आपको अभी ब्राह्मी सेवन की आवश्यकता है. कांग्रेस के महानुभव नेताओं से मेरा निवेदन है कि राहुल को बैठाकर थोड़े ट्यूशन की आवश्यकता है. समझाइए धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के बारे में क्योंकि इनको यह भी नहीं बताया गया कि तपस्वी और साधु संत किसे कहते हैं. कांग्रेस के लिए देश तपस्वियों का नहीं अंग्रेजों का है.

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इसके साथ ही स्वस्तिक पीठाधीश्वर डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने भी राहुल गांधी के तपस्वी और पुजारी वाले बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है. अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि “राहुल गांधी जी अपनी यात्रा निकाले लेकिन धर्म से इस प्रकार की छेड़छाड़ न करें क्योंकि इससे जो आमजनता है व भ्रमित होती है. तपस्वी कौन है, पुजारी कौन है, साधु कौन है, साधना क्या है तपस्या क्या है, यह सब हमारे शास्त्रों में वर्णित है और सब लोग इसको जानते हैं. राहुल गांधी जी इन परिभाषाओं को देने का प्रयास न करें उनका जो अपना काम है वो करें लेकिन, तुष्टिकरण करने के लिए इस प्रकार हमारे धर्म के साथ छेड़छाड़ न करें. कांग्रेस की दृष्टि में के देश ने तपस्वियों का है, न पुजारियों का है, न साधुओं का है, न साधना का है और न भारतीय संस्कृति का है. कांग्रेस की नजर में तो यह देश अंग्रेजों का था अंग्रेजों का है और अंग्रेजों का बनाए रखना चाहते हैं, इसीलिए तो ट्रांसफर और पावर एग्रीमेंट हुआ था, आपने तो किया था. आपको तपस्वी पसंद थे तो तपस्वियों की संस्कृति आपको और आपके पूर्वजों को आखिर क्यों नहीं पसंद आई. “

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