पॉलिटॉक्स ब्यूरो. लगता है महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन वाली की सरकार बनाने के लिए अंदरखाने चल रही कोशिशें भी अब नाकाम साबित हो रही हैं. महाराष्ट्र में सरकार बनाने की इस कोशिश में कई उद्योगपतियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी लगे हुए हैं. सूत्रों की मानें तो बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनवाने के लिए दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide Guruji) भी सक्रिय हो गए हैं. वे बीजेपी और शिवसेना के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक सरकार गठन को लेकर शिवसेना के साथ जारी गतिरोध को दूर करने की कोशिशों में जुटी बीजेपी ने गुरुवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के प्रभावशाली दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide Guruji) को शिवसेना प्रमुख उद्दव ठाकरे से मिलने उनके आवास ‘मातोश्री’ भेजा, हालांकि संभाजी और उद्धव ठाकरे की मुलाकात तो नहीं हो सकी, लेकिन उनका संदेश शिवसेना प्रमुख तक जरूर पहुंच गया. इधर सूत्रों की माने तो उद्धव ठाकरे देवेंद्र फडणवीस के नाम पर किसी भी तरह विचार करने को तेयार नहीं है. जानकारी के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में सीएम फडणवीस तीन बार उद्धव ठाकरे से बात करने की कोशिश कर चुके हैं.
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संभाजी को महाराष्ट्र (Maharashtra) में भिड़े गुरुजी के नाम से जाना जाता है. वे महाराष्ट्र के बेहद प्रभावशाली शख्स माने जाते हैं. सीएम फडणवीस और उद्धव ठाकरे तो इनका सम्मान करते ही हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संभाजी भिड़े का बहुत आदर करते हैं. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और शिवसेना के बीच आई खटास को दूर करने के लिए भिड़े गुरुजी खुद मातोश्री आए थे. सूत्र बताते हैं कि जब भिड़े गुरुजी वहां पहुंचे तो उद्धव ठाकरे वहां मौजूद नहीं थे और उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. लेकिन भिड़े गुरुजी (Sambhaji Bhide Guruji) शिवसेना नेता और एमएलसी अनिल परब से मिले. अनिल परब ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे उद्धव ठाकरे से बात करेंगे और शिवसेना प्रमुख उनसे कब मिल सकते हैं इस बात की जानकारी उन्हें दे देंगे.
संभाजी भिड़े गुरुजी को उद्धव ठाकरे के पास भेजने के पीछे बीजेपी का उद्देश्य बातचीत का नया दौर शुरू करने का था, लेकिन पुणे मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि उद्धव ने भिड़े से मुलाकात नहीं की. वहीं पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide Guruji) से उद्धव ठाकरे की मुलाकात इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि भिड़े का दौरा अचानक हुआ था और उस समय शिवसेना प्रमुख मातोश्री में मौजूद नहीं थे.
बता दें, भिड़े गुरुजी के नाम से चर्चित और महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में प्रभावशाली शख्सियत माने जाने वाले संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide Guruji) 80 के दशक में संघ से जुड़े थे, लेकिन बाद में उन्होंने शिव हिंदुस्तान प्रतिष्ठान नाम से अपना एक अलग संगठन बना लिया था. पिछले साल भिड़े गुरुजी का नाम भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा से भी जुड़ा था, लेकिन बीजेपी सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी.
उधर मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच फंसे दांवपेच को सुलझाने के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कई बार कोशिश की. सूत्रों की मानें तो फडणवीस ने खुद उद्धव ठाकरे को तीन बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. पहली बार फडणवीस ने फोन किया तो उन्हें बताया गया कि उद्धव ठाकरे अभी दूसरी कॉल पर व्यस्त हैं, फी होने पर बात कराते हैं. दूसरी बार कॉल किये जाने पर कहा गया कि शिवसेना प्रमुख ठाकरे अभी आराम कर रहे हैं. फडणवीस द्वारा तीसरी बार कॉल करने पर जवाब मिला कि उद्धव ठाकरे खुद मुख्यमंत्री से बात कर लेंगे. लेकिन उद्धव ठाकरे ने पलटकर फडणवीस को कॉल नहीं किया. दरअसल, उद्धव ठाकरे देवेंद्र फडणवीस के नाम पर किसी भी तरह विचार करने को तैयार नहीं हैं.
इन तमाम कोशिशों के नाकाम होने के चलते अब महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनने की सम्भावना खत्म सी हो चली है. ऐसे में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने की सारी सम्भावनाएं प्रबल हो गईं हैं. अब राज्यपाल चाहे तो 1998 में यूपी में हुए सरकार गठन की तर्ज पर एक विशेष विधानसभा सत्र भी बुला सकते हैं.