महाराष्ट्र की राजनीति: शिंदे से संभल नहीं रहे विधायक, टेंशन में बीजेपी

शिवसेना के विधायकों द्वारा किया जा रहा व्यवहार महायुति के लिए संकट की घड़ी, बीजेपी ने दी पार्टी विधायकों पर नकेल कसने की तीखी सलाह

eknath shinde shiv sena
eknath shinde shiv sena

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति पिछले एक दशक से गर्म तवे पर बैठे हुए नजर आती है. कब किस पल में क्या हो जाए, अंदाज लगाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. आगामी तीन से चार महीनों में प्रदेश में बीएमसी से लेकर अन्य लोकल चुनाव होने वाले हैं. राज्य में महायुति की पूर्ण बहुमत सरकार है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी इन चुनावों को लेकर चिंताग्रस्त है. वजह है प्रदेश के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी के विधायक, जिन्हें संभालना अब शिंदे के लिए भी भारी हो रहा है.

हाल ही में महाराष्ट्र के बुलढाणा से शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ पर खराब खाने को लेकर कैंटीन कर्मचारी के साथ मारपीट करने के आरोप लगे और उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई. गायकवाड़ ने पिछले साल आरक्षण के मुद्दे पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उनकी जीभ काटने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी. इसके पहले मंत्री संजय शिरसाट के कथित कैश कांड के वीडियो को लेकर भी बवाल हुआ था. शिवसेना यूबीटी ने इस पर आक्रामक रुख अपनाया था. इसके चलते देवेंद्र फडणवीस सरकार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी के विधायकों को नियंत्रित कर पाने में नाकामयाब
हो रहे हैं.

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डिप्टी सीएम को उठानी पड़ी थी शर्मिंदगी

संजक गायकवाड़ उन शिवसेना विधायकों की लिस्ट में शामिल हैं, जिन्होंने हाल के दिनों में सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार किया, जिससे शिवसेना सुप्रीमो और प्रदेश के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है. बीजेपी का मानना है कि इस तरह का अनियंत्रित व्यवहार उनकी चुनावी संभावनाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है. बीएमसी से लेकर राज्य भर में लोकल चुनाव होने हैं और यही बीजेपी की चिंता की सबसे बड़ी वजह है.

पार्टी विधायकों पर लगाम लगाने की सलाह

शिवसेना नेताओं की तरफ से हुई शर्मनाक घटनाओं के चलते बीजेपी को चिंता है कि उसके काम पीछे रह जा रहे हैं और शिवसेना नेताओं की वजह से गठबंदन सरकार की छवि खराब हो रही है. हाल ही में शिवसेना और BJP के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक में शिंदे से अपने विधायकों पर लगाम लगाने का आग्रह किया था. बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ बीजेपी मंत्री ने कहा कि शिवसेना विधायकों के विवादास्पद बयानों से सत्तारूढ़ दलों की छवि धूमिल हो रही है. इस तरह के बातें शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) को अवसर प्रदान करती हैं. ऐसे में बेहतर होगा कि शिवसेना अपने विधायकों की जुबान और व्यवहार पर लगाम लगाए. प्रतिदिन शिवसेना नेताओं द्वारा इस तरह की घटनाएं महायुति में शिंदे गुट को सबसे कमजोर कड़ी साबित कर रहे हैं, जिसका खामियाजा उन्हें आगामी चुनाव में उठाना पड़ सकता है.

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