‘पीएम मोदी रिटायर हों तो इन्हें बनाओ प्रधानमंत्री..’ विपक्ष की मांग पर चौंकी बीजेपी

संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सियासी बयानबाजी गरम, देश के पीएम के तौर पर सुझाया महज 52 वर्ष की आयु में पार्टी प्रमुख बनने वाले एक वरिष्ठ नेता का नाम

belur gopalakrishna demands nitin gadkari to pm for modisites mohan bhagwat
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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया रिटायरमेंट वाले बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने फिलहाल के लिए चुप्पी साध ली है. भागवत ने नागपुर में एक समारोह में कहा कि 75 साल का होने का मतलब आपको रिटायर हो जाना चाहिए. सियासी गलियारों में इस बयान को पीएम नरेंद्र मोदी की ओर इशारा समझा जा रहा है. पीएम मोदी और संघ प्रमुख दोनों सितंबर माह में 75 साल के हो रहे हैं. ऐसे में ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि वर्तमान कार्यकाल पीएम मोदी का अंतिम कार्यकाल होगा और उसके बाद वे राजनीति से सन्यास लेंगे. ऐसे में विपक्ष के एक विधायक ने अगले प्रधानमंत्री के तौर पर एक नाम सुझाया है. विधायक कर्नाटक कांग्रेस से संबंध रखते हैं.

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कर्नाटक की सागर विधानसभा से कांग्रेस विधायक बेलूर गोपालकृष्णा ने देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर नितिन गडकरी का नाम सुझाया है. मोहन भागवत के बयान का हवाला देते हुए गोपालकृष्णा ने कहा, ‘अगर भागवत के 75 साल में रिटारयमेंट वाली बात के हिसाब से पीएम मोदी हटते हैं तो नितिन गडकरी को अगला पीएम बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि गडकरी प्रधानमंत्री पद के लिए सही च्वॉयस रहेंगे. उन्हें देश के गरीब लोगों की ज्यादा चिंता है.’

येदियुरप्पा का उदाहरण दिया

पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस विधायक बेलूर गोपालकृष्णा ने कहा कि भाजपा ने 75 साल का होने के बाद बीएस येदियुरप्पा को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया. उनकी आंखों में आंसू भरे हुए थे. अब भाजपा को आरएएस चीफ की इच्छा का सम्मान करना चाहिए और यही फॉर्मूला प्रधानमंत्री पद भी लागू करना चाहिए. उन्होंने कहाकि देश गरीब लोगों की संख्या बढ़ रही है. अमीर और अमीर होता जा रहा है. बेलूर ने कहाकि देश का धन कुछ लोगों के हाथ में जा रहा है. इसको देखते हुए वह प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य हैं. भाजपा हाईकमान को इस बारे में सोचना चाहिए.

आडवाणी, जोशी को भी किया था रिटायर

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और वरिष्ठ भाजपायी मुरली मनोहर जोशी को भी उम्र का हवाला देते हुए जबरन चुनावी मैदान से बिठाया गया था. हालांकि दोनों नेताओं ने पार्टी के इस निर्णय का विरोध न करते हुए पार्टी भक्ति दिखायी. इसके बाद भी कई वरिष्ठ नेताओं को इसी तरह चुनावी मैदान से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. मोहन भागवत के बयान के बाद अब सभी की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिक गयी है.

साफ छवि वाला रहा है गडकरी का राजनीतिक करियर

भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी एक शांतचित एवं पाक साफ छवि वाले राजनेता रहे हैं. 2010-2013 तक वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. केवल 52 वर्ष की आयु में बीजेपी के अध्यक्ष बनने वाले इस पार्टी के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे. अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की खूबी की वजह से वे सदा अपने वरिष्ठ नेताओं के प्रिय बने रहे. मंत्री के रूप में वे अपने अच्छे कामों के कारण प्रशंसा में रहे और अपनी पहचान जमीन से जुड़े एक नेता के रूप में बनाए रखने की वजह से विपक्ष के लिए भी हमेशा सम्मानीय रहे हैं.

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