महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ सालों से अलग ही रंग नजर आ रहा है. यहां किस पल किस दिन क्या हो जाए या क्या घट जाए, इसका पूर्वान्मान लगाना भी लोहे के चने चबाने के जैसा है. ‘राजनीति में कभी कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता..’ यह कहावत महाराष्ट्र में बिलकुल सटीक बैठती है. पिछले आधे दशक में यहां खास को दुश्मन और दुश्मन को दोस्त बनते सभी ने देखा है. विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और उसके बाद एक बार फिर सियासत नयी करवट लेते हुए दिख रही है. सरकार और विपक्ष के तेवर पिछले दिनों से बदले-बदले नजर आ रहे हैं. अब यहां की राजनीति में आरोप प्रत्यारोप की जगह ‘तारीफ और आभार’ से सियासत की नयी बिसात बिछ रही है. यही कारण है कि राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
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प्रदेश का सियासी गलियारा इसलिए भी गर्म हो रहा है क्योंकि हाल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने जन्मदिन पर जारी एक कॉफी टेबल बुक में एनसीपी (SP) अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की तारीफ की. सीएम फडणवीस ने दोनों नेताओं को दुश्मन नहीं वैचारिक विरोधी बताया. उन्होंने आगे कहा कि शरद पवार एक बड़े दिल वाले और सीनियर नेता हैं. उनकी टिप्पणियां मेरे लिए अमूल्य हैं. इसी तरह, पवार ने भी फडणवीस की प्रशासनिक क्षमता की सराहना की, जबकि ठाकरे ने उन्हें एक मेहनती और वफादार नेता बताया.
पवार ने खुद की तुलना फडणवीस से की
84 वर्षीय शरद पवार ने पुस्तक में लिखा है, ‘जब मैं फडणवीस को देखता हूं तो मुझे वह समय याद आता है जब मैं स्वयं 1978 में पहली बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना था. फडणवीस की राज्य प्रशासन पर उनकी मजबूत पकड़ है. भारी होने की समानता कभी भी कड़ी मेहनत करने में बाधा नहीं बनी है. मुझे आश्चर्य है कि वे थकते कैसे नहीं है.’
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बता दें कि जब शरद पवार पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी उम्र सिर्फ़ 38 वर्ष थी. वे राज्य के शीर्ष पद पर आसीन होने वाले सबसे कम उम्र के राजनेता बन गए थे. वहीं महाराष्ट्र के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस ने 2014 में पहली बार 44 साल की उम्र में यह कारनामा किया था, जिससे वह पवार के बाद महाराष्ट्र के इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बन गए.
बड़ी भूमिका निभाने का मौका- उद्धव
शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने लेख में फडणवीस को एक अध्ययनशील और लोयल राजनेता बताया, जिसने महाराष्ट्र में अपनी पार्टी को मजबूत करने में सफलता प्राप्त की है, जो कभी कांग्रेस का गढ़ था. उद्दव ने लिखा कि फडणवीस के पास राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने का मौका है.
बदली-बदली महाराष्ट्र की राजनीति
महाराष्ट्र में इन दिनों से राजनीति के अलग ही रंग देखने को मिल रहे हैं. हाल में सीएम फडणवीस ने विधान भवन में उद्धव की वापसी को लेकर बात कही थी. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच बातचीत भी हुई थी. यही कारण है कि महाराष्ट्र की राजनीति की चर्चा देश भर में हो रही हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस वक्त प्रदेश की सियासत में कुछ न कुछ तो निश्चित तौर पर पक रहा है. इसका परिणाम आने वाले समय में जल्द ही देखने को मिलेगा.



























