महाराष्ट्र में सियासत की गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. प्रदेश के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक शायद कोई कोई महीना ऐसा बीता हो, जब स्थानीय राजनीति में कोई नाटक न खेला गया हो. विपक्ष की पार्टियों के साथ ‘खेला’ लगातार हो रहा है और सिलसिला बरकरार है. इसी कड़ी में एक ‘खेला’ लोकसभा चुनाव से एकदम पहले भी हुआ है. दरअसल उद्दव ठाकरे समर्थित पार्टी का एक और विकेट गिरा है. जोगेश्वरी सीट से विधायक रविंद्र वायकर ठाकरे का साथ छोड़ सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हुए हैं. वायकर ऐसे समय में शिंदे एंड पार्टी में शामिल हुए हैं जब एक लग्जरी होटल बनाने के लिए महानगरपालिका के भूखंड के कथित दुरुपयोग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनके खिलाफ जांच कर रहा है.
आम चुनाव से पहले एक विधायक का छोड़कर जाना उद्दव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UTB) के लिए बड़ा झटका है. वायकर बीएमसी के पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष, 4 बार पार्षद और चार बार जोगेश्वरी से विधायक रहे हैं. वायकर इस वक्त खेल और मनोरंजन उद्देश्यों के लिए निर्धारित जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड के किनारे भूखंड पर लग्जरी होटल निर्माण को लेकर घिरे हुए है.
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वायकर के खिलाफ जनवरी और जुलाई 2021 के बीच बीएमसी को गुमराह एवं धोखाधड़ी से अनुमति प्राप्त करने का आरोप है. प्राथमिकी के अनुसार, भूखंड वायकर और अन्य को सार्वजनिक उपयोग के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर करोड़ों रुपए कमाने के लिए इसका व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया. इसे लेकर दर्ज मामले में ईडी की ओर से उनकी जांच की जा रही है.
मुख्यमंत्री के गुट में शामिल होने के बाद वायकर ने दावा किया कि उन्होंने 50 वर्षों तक शिवसेना में काम किया है. उन्होंने कहा, मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए पाला बदला है, जहां सड़कों और पानी की आपूर्ति की जरूरत है. जहां कई काम कोविड-19 महामारी के कारण रुके हुए थे. वायकर ने कहा कि शिंदे विकास कार्यों पर तेजी से फैसले ले रहे हैं. अगर ये काम पूरे नहीं हुए, तो मैं अपने लोगों का सामना नहीं कर पाऊंगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वायकर दिवंगत बाल ठाकरे के आदर्शों से प्रेरित होकर शिवसेना में शामिल हुए हैं.