पॉलिटॉक्स ब्यूरो. सोमवार शाम को महाराष्ट्र (Maharashtra Political Drama) में हर पल बदलते सियासी घमासान में सबको चकरी कर दिया. एक बार को तो सबको लगा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर बना दी शिवसेना सरकार, यहां तक कि मुख्यमंत्री के लिए उद्वव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री के लिए अजित पवार और कांग्रेस द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के बदले शिवसेना को बाहर से समर्थन देने की ब्रेकिंग भी सभी चैनल्स पर चलने लगीं. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे कुछ अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल को बहुमत साबित करने की जानकारी देने राजभवन पहुंच भी गए लेकिन तभी अचानक से खबरें आईं की कांग्रेस ने अभी तक समर्थन देने का फैसला नहीं किया है और सारा का सारा राजनीतिक घटनाक्रम चंद मिनटों में बदल गया. शिवसेना ने राज्यपाल से दावा पेश करने के लिए समय बढ़ाने का निवेदन भी किया लेकिन राज्यपाल ने समय देने से साफ इंकार कर दिया और कुछ ही देर बाद राज्यपाल ने सूबे की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता भी दे दिया.
(Maharashtra Political Drama) अब राजनीतिक पंडितों सहित हर किसी के मन में सिर्फ एक सवाल की ऐसा भी क्या हुआ कि चंद मिनिटों में ही सारा सियासी घटनाक्रम एक दम से बदल गया. जानकारों की मानें तो उसी समय सोनिया गांधी ने शरद पवार को एक कॉल किया और शरद पवार ने सोनिया गांधी को ऐसी कोई जानकारी दी कि कांग्रेस द्वारा शिवसेना को समर्थन दिए जाने वाले मीडिया बयान का मजमून ही बदल गया और कांग्रेस ने समर्थन रोक दिया. आखिर ऐसा भी क्या हुआ, अब सबके जहन में एक ही सवाल?
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सूत्रों की मानें तो दिल्ली 10 जनपथ पर कांग्रेस के सीनियर नेताओं की मीटिंग के दौरान एक कॉल में सब कुछ बदल गया. दरअसल सोनिया गांधी ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से बात करने के लिए कॉल किया. कॉल से पहले सोनिया मीटिंग में मौजूद महाराष्ट्र के हर नेता से राय ले रहीं थीं और गठबंधन पर विचार पूछ रही थी. इससे पहले सोनिया जयपुर में मौजूद कांग्रेस विधायकों से भी बात कर चुकी थीं. सभी विधायक शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार दिख रहे थे. (Maharashtra Political Drama)
सभी वरिष्ठ नेताओं और महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों के विचार जानने के बाद सोनिया ने शरद पवार को कॉल किया. सोनिया की ओर से जब शरद पवार को फोन लगाया गया तो कोर टीम के सदस्य अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, एक एंटनी और मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद थे, सभी की मौजूदगी में सोनिया ने शरद पवार से बात की. तब शरद पवार ने सोनिया गांधी को बताया कि शिवसेना के साथ सरकार गठन पर अभी तक कुछ भी तय नहीं है और उन्हें शिवसेना प्रमुख उद्वव ठाकरे की तरफ से अभी तक कोई फोन भी नहीं आया है. शरद पवार ने सोनिया गांधी को बताया कि वे खुद उद्धव ठाकरे से बात करेंगे और सरकार गठन के बारे में ठाकरे से विस्तार से बात कर फिर उनसे (सोनिया गांधी) से बात करेंगे. शरद ने सोनिया को कहा कि सरकार गठन पर कोई बात ही नहीं हुई है
एनसीपी प्रमुख शरद पवार की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दी गई इस जानकारी ने कांग्रेस आलाकमान को सकते में डाल दिया. कहां तो कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने के लिए बिलकुल तैयार गो गई थी और कहां अब तक शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच बातचीत तक भी नहीं हुई थी. जानकार बताते हैं कि सोनिया गांधी को ये समझते देर न लगी कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच चीजें अभी भी स्पष्ट नहीं हुई है.
इसके बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा मीडिया में बयान देने के लिए जो लेटर ड्राफ्ट किया था उसका पूरा मजमून बदल चुका था. कांग्रेस ने बयान में कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra Political Drama) सरकार गठन पर चर्चा तो जरूर हुई, लेकिन अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है और आगे भी सोनिया गांधी शरद पवार से बात करेंगी.
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अब ताजा घटनाक्रम के अनुसार (Maharashtra Political Drama) एनसीपी को मंगलवार शाम 8.30 तक बहुमत साबित करने का दावा पेश करना है और यह भी तय है कि शिवसेना के सपोर्ट के बिना एनसीपी औऱ कांग्रेस अकेले सरकार बना नहीं सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता मुम्बई जाकर एनसीपी के साथ विस्तार से चर्चा करेंगे और वहीं सरकार बनाने और शिवसेना से समर्थन लेने पर फाइनल निर्णय शरद पवार और सोनिया गांधी ही लेंगे.